भारत का छुपा हुआ कैल्शियम संकट भारत दबे कदमों से एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है- वह है कैल्शियम की कमी। हड्डियों की मजबूती और मांसपेशियों के बेहतर काम करने के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी होता है, फिर भी बहुत से भारतीय रोजाना की जरूरी कैल्शियम मात्रा (RDA) पूरी नहीं कर पाते। नतीजा- हड्डियों की गंभीर बीमारियां होती हैं, जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस, जो पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में 10-20 साल पहले होने लगता है। रिसर्च बताती है कि भारत में हर 4 में से 1 वयस्क को ऑस्टियोपोरोसिस होता है और हर 2 में से 1 की हड्डियों की डेंसिटी कम होती है। साथ ही, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना ज्यादा होती है। यह कमी जीवन के सभी चरणों को प्रभावित कर सकती है, युवावस्था में हड्डियों के विकास के अधिकतम स्तर से लेकर वयस्कता में हड्डियों की डेंसिटी को बनाए रखने तक। कैल्शियम की कमी हमारी रोजमर्रा की भागदौड़ और लाइ़फस्टाइल की चुनौतियों के कारण अक्सर आवश्यक जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है। रिसर्च से पता चलता है कि भारतीय प्रतिदिन औसतन केवल 300 मि.ग्रा. कैल्शियम का सेवन करते हैं, जो 1000 मि.ग्रा. की स़िफारिशी डायटरी जरूरत से बहुत कम है। माना कि आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, पर सप्लीमेंटेंशन की भी अक्सर जरूरत पड़ती है। नीचे उन खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है जो कैल्शियम से भरपूर होते हैं। शेलकैल500 – भारत की हड्डियों के स्वास्थ्य को मज़बूत बनाने में अग्रणी पिछले कई दशकों से, शेलकैल 500, भारत का नं.1 डॉक्टर द्वारा प्रीस्क्रासब्ड कैल्शियम सप्लीमेंट, कैल्शियम की कमी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहा है। विटामिन डी3 से भरपूर, शेलकैल500 कड़े परीक्षण से गुज़रे फॉर्मूलेशन के साथ ज़रूरी कैल्शियम का इनटेक सुनिश्चित करता है। शेलकैल स्ट्रॉन्ग के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना पिछले कई वर्षों से, शेलकैल500 विभिन्न माध्यमों के द्वारा कैल्शियम की कमी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें शामिल हैं: • कैल्शियम की ज़रूरतों के बारे में जानकारी फैलाने के लिए एचसीपी एजुकेशन प्रोग्राम। • हेल्थकेयर सेंटर्स पर बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) चेक-अप कैम्प्स, लोगों को कैल्शियम की कमी की जांच करने में मदद करते हैं। • शेलकैल वेबसाइट पर कैल्शियम कैलकुलेटर, लोगों को उनके डेली कैल्शियम की ज़रूरतों का पता लगाने में मदद करता है। • इन-क्लिनिक पेशंट एजुकेशन, लोगों को हड्डियों की बेहतर सेहत पाने में मार्गदर्शन करता है। बीएमडी स्क्रीनिंग से पता चला है कि जांच किए गए 10 में से 7 व्यक्तियों की हड्डियां नाज़ुक थीं। WHO क्वालिटी स्टैण्डर्ड्स • शेलकैल500 का निर्माण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) GMP -प्रमाणित स्टैण्डर्ड्स के तहत किया जाता है, जो क्वालिटी और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। • शेलकैल500 को 260+ पैमानों पर सत्यापित किया जाता है। इसके अलावा, पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, हर असली शेलकैल500 पैक में एक QR कोड होता है, जिससे ग्राहक प्रॉडक्ट की प्रामाणिकता को आसानी से सत्यापित कर सकते हैं। पैक पर दिए QR कोड को स्कैन करें कैल्शियम से भरपूर भविष्य शेलकैल का मौलिक कैल्शियम प्रकृति के सबसे समृद्ध स्रोत से प्राप्त होता है। प्रति टैबलेट उच्च मौलिक कैल्शियम के साथ प्राकृतिक स्रोत सोखने की बेहतर क्षमता प्रदान करता है। विभिन्न डेमोग्राफिक्स को पूरा करने और सुविधाजनक स्वरूपों में कैल्शियम सप्लीमेंटेशन देने के लिए, शेलकैल500 ने अपनी प्रॉडक्ट रेंज का विस्तार किया है। नवीनतम प्रस्तुतियों में शेलकैल प्रो गमीज़ और शेलकैल प्रो किड्स गमीज़ शामिल हैं, जो उन्ही फायदों को बनाए रखते हुए शुगर फ्री स्वरूप में ज़रूरी कैल्शियम प्रदान करते हैं। ये नवप्रवर्तन दैनिक दिनचर्या में कैल्शियम की ज़रूरतों के सहज एकीकरण को सुनिश्चित करते हैं। आज ही अपनी हड्डियों के सेहत की ज़िम्मेदारी लें।
एक संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही सप्लीमेंटेंशन लंबे समय तक हड्डियों की सेहत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपने कैल्शियम के स्तर को जानें! https://shelcal.com/calculator/ पर कैल्शियम कैलकुलेटर क्विज़ लें या आज ही अपने स्वास्थ्य कर्मी से सलाह लें। कृपया कोई भी सप्लीमेंट आहार शुरू करने से पहले स्वास्थ्य कर्मी से सलाह लें। शेलकैल उचित आहार या स्वस्थ जीवनशैली का विकल्प नहीं है। पैक पर दिए गए निर्देशों के अनुसार सेवन करें। यदि आप गर्भवती हैं, कोई चिकित्सीय स्थिति है या लक्षण बने रहते हैं तो डॉक्टर की सलाह लें। *एसएमएसआरसी डेटा, फरवरी 2025 स्रोत * फ्रंट एंडोक्रिनॉल, 12: 583-654 के अनुसार, भारतीय 1000 मि.ग्रा. आरडीए के बजाय स़िर्फ 300 मि.ग्रा. कैल्शियम का सेवन करते हैं *** लैंसेट ग्लोबल हेल्थ 2024 के अनुसार, 10-30 वर्ष के पुरुषों और महिलाओं में कैल्शियम का सेवन कम होता है ^^^^^ भारत में ऑस्टियोपोरोसिस की उच्चतम स्थिति पश्चिमी देशों की तुलना में 10-20 साल पहले होती है – (इंट जे एनवायरन रेस पब्लिक हेल्थ। 2022 मार्च; 19(5): 2999) ^ बाभुलकर एस, सेठ एस. इंट जे रेस ऑर्थोप. 2021 मार्च;7(2):362-8 और सब एट एसके एट अल, यूरोपियन जर्नल ऑ़फ कार्डियोवैस्कुलर मेडिसिन। 2023 जनवरी 1;13(1) ***** क्लिनिक में आयोजित शेलकैल बीएमडी कैम्प्स के अनुसार, फ़ाइल पर मौजूद डेटा के अनुसार, उनमें से ~70 की हड्डियां नाज़ुक होती हैं (10 में से 7) ^^^ पुरुषों और महिलाओं दोनों में 30-40 वर्ष की आयु से हड्डियों का क्षय होना शुरू हो जाता है – इंडियन जर्नल ऑ़फ एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म 22(1):पृष्ठ 67-73, जनवरी-फ़रवरी 2018। अधिकतम बोन मास प्राप्त करने के बाद, मानव हड्डी में हर साल 1% हड्डियों का क्षय होता है – आईजेओ – जुलाई-सितंबर 2009 / वॉल्यूम 43 / अंक 3
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