गुड हैबिट्स यानी वो छोटी-छोटी अच्छी आदतें, जो धीरे-धीरे आपकी पूरी लाइफस्टाइल को बदल देती हैं। आज बात एक बेहद मामूली-सी आदत की, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज करते हैं, किसी भी चीज को इस्तेमाल के बाद उसी जगह वापस रखने की आदत। क्यों जरूरी है ये आदत? बात चाहे रिमोट की हो, चश्मे की, किताब की या टूथब्रश की, अगर हम चीजों को इस्तेमाल करने के बाद वापस उनकी जगह पर नहीं रखते हैं तो अगली बार ढूंढने में वक्त, एनर्जी और माइंड स्पेस- सब बर्बाद होता है। यही गड़बड़ी जब बार-बार होती है तो हमारे दिमाग में क्लटर बनता है और लाइफ डिसऑर्गनाइज हो जाती है। 5 सफल लोग, जिन्होंने ‘ऑर्गनाइज्ड लाइफ’ को सफलता की कुंजी माना कई लोग सोचते हैं कि सफलता सिर्फ बड़े फैसलों या शानदार आइडियाज से आती है। जबकि सच यह है कि बड़ी ऊंचाइयों की नींव अक्सर छोटे, नियमित और सधी हुई कुछ आदतों पर टिकी होती है। जैसे- चीजों को अपनी जगह पर रखना, समय की कद्र करना और मन को अनावश्यक उलझनों से बचाना। आइए जानते हैं उन 5 महान लोगों को, जिन्होंने ‘ऑर्गनाइज्ड लाइफ’ को न सिर्फ अपनाया, बल्कि इसे अपनी क्रिएटिविटी, डिसिप्लिन और सक्सेस की रीढ़ बना लिया। इस आदत को कैसे अपनाएं? कई बार हमें लगता है कि व्यवस्था सिर्फ सफाई से जुड़ी चीज है, लेकिन सच ये है कि व्यवस्था हमारी सोच को स्पष्ट करती है और जब सोच स्पष्ट हो तो काम और जीवन दोनों बेहतर बनते हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि छोटी-छोटी चीजें आपका वक्त और ऊर्जा न खाएं तो इन आसान आदतों से शुरुआत करें। 1. हर चीज की एक तय जगह बनाएं रिमोट, चाबी, पेन, चार्जर- इन छोटी चीजों का इधर-उधर होना सबसे ज्यादा वक्त बर्बाद करता है। इनके लिए एक ‘होम पॉइंट’ बनाएं। जब आप जानते हैं कि क्या कहां रखा है, तो आपका दिमाग बार-बार ढूंढने और सोचने की थकान से बच जाता है। 2. माइंडफुल यूज करें हर बार जब आप कोई चीज उठाएं, एक सेकंड खुद से पूछिए- “इसे वापस कहां रखना है?” यही माइंडफुलनेस है। इससे आप सिर्फ चीजों को ही संभालकर नहीं रखते हैं, खुद भी ज्यादा सचेत होकर जीवन जीते हैं। 3. फैमिली रूल बनाएं सिर्फ आप नहीं, पूरा घर अगर इस आदत को अपनाए तो व्यवस्था टिकाऊ बनती है। बच्चों को भी इसमें शामिल कीजिए। उन्हें छोटी-छोटी जिम्मेदारियां दें। इससे न सिर्फ घर व्यवस्थित रहेगा, बल्कि एक जिम्मेदार और सामूहिक सोच भी बनेगी। 4. ‘रिटर्न रूटीन’ बनाएं हर रात सोने से पहले एक मिनट निकालिए और सब कुछ अपनी जगह रख दीजिए। यह दिन का सबसे छोटा लेकिन सबसे असरदार रिचुअल हो सकता है। अगली सुबह जब आप जागेंगे तो हर चीज आपको शांति से ‘वेलकम’ करेगी। 5. ‘थैंक यू टिक’ बनाएं हर बार जब आप कोई चीज सही जगह रखते हैं, तो अपने मन में एक छोटा ‘थैंक यू’ टिक लगाइए- जैसे आपने खुद को एक पॉइंट दिया हो। यह एक छोटे इनर रिवॉर्ड की तरह है, जो आपको मोटिवेट करता रहेगा। छोटे रिवॉर्ड, बड़ी आदतें बनाते हैं। यह सिर्फ आदत नहीं, सोच है जब आप हर चीज को उसकी जगह पर रखते हैं, तो ये आदत आपके मस्तिष्क में भी तय तरीका विकसित करती है। दिमाग कम भटकता है, निर्णय जल्दी ले पाते हैं और अधिक समय बर्बाद नहीं होता है। यही छोटी-सी आदत एक बड़ी सफलता का आधार बन सकती है। इन्हीं बातों को थोड़ा विस्तार से समझते हैं 1. कम भागदौड़, ज्यादा नियंत्रण सोचिए, सुबह की शुरुआत कैसे होती है, नींद से उठते ही किसी की चाबियां नहीं मिल रही, किसी का रिमोट गायब है, किसी का चार्जर खोजा जा रहा है। ये छोटी-छोटी अफरातफरी पूरे दिन पर असर डालती है। जब हर चीज अपनी तय जगह पर रखी हो, तो सुबह की शुरुआत एक शांत लय में होती है। मन में एक हल्का-सा सुकून होता है कि सब कुछ कंट्रोल में है। और यही सुकून पूरे दिन आपकी सोच, मूड और फैसलों को दिशा देता है। 2. बेहतर मानसिक स्वास्थ्य हम अक्सर सोचते हैं कि मानसिक थकान सिर्फ काम या तनाव से आती है, लेकिन हकीकत ये है कि अव्यवस्था भी दिमाग को थका देती है। बिखरे कमरे, उलझी अलमारियां और इधर-उधर पड़ी चीजें, ये सब हमारे दिमाग को लगातार छोटे-छोटे निर्णय लेने पर मजबूर करती हैं, जिससे हमारी मानसिक ऊर्जा धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। लेकिन जब आपका वातावरण साफ और व्यवस्थित हो, तो दिमाग को भी एक ‘स्पेस’ मिलता है, सोचने, समझने और शांत रहने का। 3. निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी जब सड़क पर ट्रैफिक कम हो तो गाड़ी तेज चलती है, वैसे ही अगर आपके आसपास फिजिकल क्लटर कम हो, तो दिमाग ज्यादा साफ-साफ सोच पाता है। आपको क्या पहले करना है, क्या टालना है, किन चीजों पर फोकस करना है, इन सबका फैसला अधिक तेजी से और बिना उलझे हो पाता है। हर दिन सैकड़ों छोटे फैसले हमें लेने होते हैं और अगर माइंड स्पेस साफ हो तो गलतियां भी कम होती हैं। 4. अनुशासित लाइफस्टाइल बनेगी कई बार लोग सोचते हैं कि अनुशासन का मतलब बहुत बड़ा बदलाव है, सुबह 5 बजे उठना, दिनभर प्लानिंग में रहना, आदि। लेकिन असल अनुशासन तो छोटे फैसलों में दिखता है। आपने रात में मोबाइल चार्ज करके रखा या नहीं, किताब को पढ़ने के बाद उसकी जगह पर रखा या नहीं, ये छोटी आदतें ही धीरे-धीरे एक अनुशासित जीवनशैली की नींव रखती हैं। यही अनुशासन आपके काम, रिश्तों और आपके जीवन के लक्ष्यों तक असर डालता है। 5. खुद पर भरोसा बढ़ेगा जब आप खुद से वादा करते हैं कि हर चीज को उसके तय स्थान पर रखेंगे और आप उस वादे को निभाते हैं, तो वो छोटा-सा एक्शन आपके आत्मविश्वास को गहराता है। आपको लगता है कि ‘हां, मैं अपने ऊपर कंट्रोल रख सकता हूं। मैं जिम्मेदार हूं। मैं कैपेबल हूं।’ यही छोटी-छोटी जीत आगे चलकर बड़ी आत्मशक्ति और आत्मसम्मान में बदलती हैं। घर को व्यवस्थित नहीं रखने से होते हैं नुकसान अगर घर को सोने से पहले व्यवस्थित नहीं किया गया है, चीजों को उनकी तय जगह पर नहीं रखा गया है तो सोकर उठने पर हड़बड़ी होती है। कई बार चीजें खोजने पर नहीं मिलती हैं या नींद के बाद सुबह याद नहीं आता है कि आखिरी बार कहां रखी थी। इससे आप लगभग हर काम के लिए लेट होते चले जाते हैं। आज से ही शुरू कीजिए आज ही इस आदत को अपनाइए। शुरुआत छोटी चीजों से करें-पेन, मोबाइल, बुक्स… और फिर धीरे-धीरे पूरा माहौल बदलता हुआ देखिए। अनुशासन से ही व्यवस्था आती है और चीजें व्यवस्थित रखने से ही प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। …………………………..
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