जरूरत की खबर- ज्यादा आम खाने से क्यों होते पिंपल्स:मुंह में छाले, क्यों बिगड़ता डाइजेस्टिव सिस्टम, जानें आम खाने का सही तरीका

गर्मियों में ‘फलों का राजा’ आम खाना हर किसी को पसंद आता है। ये रसीला फल न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि पोषण से भी भरपूर है। इसमें विटामिन C, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फाइबर जैसे जरूरी तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। हालांकि कुछ लोगों को 2-3 आम खाने के बाद या लगातार कुछ दिन सिर्फ एक आम खाने से भी चेहरे पर पिंपल्स यानी मुंहासे निकल आते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या वाकई आम स्किन को नुकसान भी पहुंचा सकता है। तो चलिए, जरूरत की खबर में आज जानेंगे कि आम और पिंपल्स के बीच क्या कनेक्शन है? साथ ही बात करेंगे कि- एक्सपर्ट: प्रिया पालीवाल, चीफ डाइटीशियन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली सवाल- क्या आम खाने से मुंहासे निकलते हैं? जवाब- डाइटीशियन प्रिया पालीवाल बताती हैं कि कोई सीधा साइंटिफिक प्रूफ नहीं है, जो यह साबित करे कि आम खाने से मुंहासे होते हैं। हालांकि कुछ वजहें हैं, जिनके कारण आम खाने से स्किन पर पिंपल्स या मुंह में छाले हो सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- आइए, इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स आम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) ज्यादा होता है। इसका मतलब है कि आम खाने से शरीर में शुगर तेजी से बढ़ती है। इससे इंसुलिन का लेबल भी बढ़ता है, जिससे स्किन में सीबम (एक तरह का तेल) ज्यादा बनने लगता है। यही ज्यादा सीबम स्किन पोर्स (Pores) को ब्लॉक कर सकता है और पिंपल्स की वजह बन सकता है। बिना छीले हुए खाना आम का छिलका और उसका रस एक खास तरह का केमिकल (5-रेसोर्सिनॉल) बनाते हैं, जो पौधे की सुरक्षा के लिए होता है। यह हमारी स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है। जब ये हाथों या चेहरे की स्किन पर लगता है तो पिपल्स जैसे निशान हो सकते हैं। यह आम का रस या छिलका मुंह के अंदर चला जाए तो स्टोमेटाइटिस (Stomatitis) हो सकता है। यानी मुंह में जलन और छोटे-छोटे घाव (ulcers) हो सकते हैं। कैल्शियम कार्बाइड का खतरा तेजी से आम पकाने के लिए कुछ लोग कैल्शियम कार्बाइड नामक केमिकल का इस्तेमाल करते हैं। यह केमिकल नमी (moisture) से मिलकर एसिटिलीन गैस (acetylene gas) बनाता है। यह गैस मुंह की अंदरूनी परत को चुभन और जलन देती है। इससे मुंह में छाले हो सकते हैं। pH लेवल आम हल्के एसेडिक होते हैं। इनका pH करीब 4 होता है। ज्यादातर लोगों के लिए यह नुकसानदायक नहीं है। लेकिन अगर किसी के शरीर में विटामिन की कमी है तो आम खाने से मुंह में जलन या छाले हो सकते हैं। सवाल- किन लोगों को आम खाने से बचना चाहिए? जवाब- आम एक स्वादिष्ट और सेहतमंद फल है, लेकिन कुछ लोगों को इसे खाने में सावधानी बरतनी चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- किन चीजों के साथ आम खाने से बचना चाहिए? जवाब- आम स्वादिष्ट और पोषक फल है, लेकिन कुछ चीजों के साथ खाने से यह फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा सकता है। इसे इस ग्राफिक से समझिए- सवाल- आम खाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- इसे इन पॉइंट्स से समझिए- हमेशा पानी में भिगोकर ही खाएं आम को खाने से पहले 2-3 घंटे ताजा पानी में भिगोकर रखें। इससे उसमें मौजूद फाइटिक एसिड और कीटनाशक हट जाते हैं। जो पाचन और न्यूट्रिएंट्स के अवशोषण (absorption) में बाधा डालते हैं। ठंडा करके न खाएं फ्रिज से निकालकर तुरंत ठंडा आम खाने से बचना चाहिए। इससे गले में खराश या पाचन तंत्र बिगड़ सकता है। इसे कमरे के सामान्य तापमान पर कुछ देर रखना चाहिए। खाली पेट न खाएं आम को खाली पेट खाने से एसिडिटी हो सकती है। इसलिए इसे खाली पेट नहीं खाना चाहिए। सुबह कुछ खाने के बाद ही इसे खाना बेहतर है। हमेशा शुद्ध और पका हुआ आम लें बाजार से आम खरीदते समय ध्यान रखें कि वह कार्बाइड से पका हुआ न हो। ऐसे आम शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सवाल- क्या आम को पानी में भिगोकर खाना वाकई फायदेमंद है? जवाब- आम में फाइटिक एसिड होता है, जो एक एंटी-न्यूट्रिएंट है। यह शरीर में जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे आयरन, कैल्शियम को अच्छे से एब्जॉर्ब नहीं होने देता है। आम को 2-3 घंटे पानी में भिगोने से फाइटिक एसिड कम हो जाता है और शरीर को आम से मिलने वाले न्यूट्रिएंट्स अच्छे से मिलते हैं। इसके अलावा, आम में मौजूद फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) भी कम हो जाते हैं, जिससे यह नेचुरल फैट बस्टर की तरह काम करता है। भिगोने से आम पर लगे कीटनाशक, धूल-मिट्टी और गंदगी भी हट जाती है जिससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। यह प्रक्रिया आम की थर्मोजेनिक इफेक्ट यानी शरीर में गर्मी पैदा करने की क्षमता को भी कम करती है, जिससे गैस और एसिडिटी की परेशानी से राहत मिलती है। सवाल- रोजाना कितने आम खाना सही है? जवाब- डाइटीशियन प्रिया पालीवाल बताती हैं कि यह आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। आमतौर पर रोजाना एक मध्यम आकार का आम खाना सबसे बेहतर है। इससे जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है और मुंहासों या शुगर स्पाइक्स का खतरा कम होता है। सवाल- अगर आम खाने से पिंपल्स हो गए तो कैसे ठीक करें? जवाब- ऐसी स्थिति में कम मात्रा में आम खाएं। खासकर अगर आपकी स्किन मुंहासों के प्रति सेंसिटिव है। साथ ही खूब पानी पिएं, बैलेंस्ड डाइट लें और हाई ग्लाइसेमिक फूड्स से बचें। चेहरे को साफ रखने के लिए जेंटल क्लींजर इस्तेमाल करें और सूजन कम करने की कोशिश करें। अगर पिंपल्स ज्यादा हों तो डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें। ……………………. ये खबर भी पढ़िए… जरूरत की खबर- नींबू-संतरा में गर्मी से बचने का राज:विटामिन-C की कमी हो सकता है खतरनाक चिलचिलाती धूप और गर्म हवाएं उत्तर भारत के कई राज्यों में लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। यह मौसम न सिर्फ शरीर को थका देता है, बल्कि स्किन के लिए कई चुनौती लेकर आता है। इसलिए इस मौसम में स्किन की खास देखभाल करना जरूरी है। इसके लिए विटामिन C एक पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करता है, जो स्किन को भीतर से पोषण देकर उसे ग्लोइंग और हेल्दी बनाए रखता है। पूरी खबर पढ़िए…