कोरोना के मरीजों में संक्रमण का नया लक्षण देखा जा रहा है। मुंह के अंदर लाल चकत्ते (स्किन रैशेज) दिख रहे हैं। यह दावा स्पेन के डॉक्टरों ने किया है। उनका कहना है कि अब तक शरीर के बाहरी हिस्से पर लाल चकत्ते देखे जा रहे थे लेकिन,अब मुंह में अंदर भी ऐसा हो रहा है। ऐसे कई मामले हाल ही में सामने आए हैं।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, इस तरह के लक्षणों वाली अवस्था कोइनेनथम नाम दिया गया है।
अप्रैल में पहली बार दिखे थे ऐसे लक्षण
शोधकर्ता डॉ. जूलियंज कोहे का कहना है, अप्रैल में ऐसे 21 मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई, जिनकी स्किन पर लाल चकत्ते देखे गए थे। इनमें 6 मरीज ऐसे थे, जिनमें रैशेज मुंह के अंदर थे। इनकी उम्र 40 से 69 साल के बीच थी।
इनमें 4 महिलाएं थीं। कोरोना के दूसरे लक्षण दिखने के दो दिन पहले ही ऐसे चकत्ते पड़ने लगे थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि संक्रमण होने पर शरीर के किसी भी हिस्से में चकत्ते पड़ सकते हैं। इनकी वजह दवाओं काकोई रिक्शन नहीं था बल्कि येकोरोना का संक्रमण था।
ये चकत्ते सफेद भी दिख सकते है
अमेरिका के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. मिशेन ग्रीन के मुताबिक, ऐसे इनेनथम नाम के ये चकत्ते या तो लाल रंग केस्पॉटके रूप में दिखते हैं या फिर म्यूकस मेम्ब्रेन पर सफेद धब्बोंके रूप में नजर आते हैं। वायरस से होने वाली बीमारियों जैसे चिकनपॉक्स के मरीजों में भी ऐसे चकत्ते दिखते हैं।
मरीजों का ओरल कैविटी टेस्ट जरूरी
स्पेन के शोधकर्ता डॉ. जूलियंज कोहे के मुताबिक, कोविड-19 होने के बाद शरीर में किस तरह के बदलाव के बाद ये चकत्ते दिख रहे हैं, इसका पता अब तक नहीं चल पाया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के कई मरीजों में ओरल कैविटी पर नजर नहीं रखी गई। सलाह दी जा रही है कि ऐसे मरीजों का ओरल कैविटी टेस्ट जरूर होना चाहिए।
8.8% मरीजों में लाल चकत्ते पड़े और 8.2% ने यह बात डॉक्टर्स को नहीं बताई
कोरोना मरीजों में पड़ने वाले लाल चकत्तों पर रिसर्च करने वाले किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं का कहना है कि, कोरोना के 8.8 फीसदी मरीजों में स्किन रैशेज देखे गए हैं। इनमें से 8.2 फीसदी मरीजों नेये बात डॉक्टर्स को बताई नहीं है। ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक, अभी कोविड-19 के तीन सबसे बड़े लक्षण हैं- बुखार, लगातार सूखी खांसी और गंध-स्वाद को न समझ पाना।