सरकार ने डिफेंस सेक्टर में ऑटोमैटिक मार्ग से 74 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे दी। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक बयान में कहा कि विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने डिफेंस सेक्टर में ऑटोमैटिक मार्ग से एफडीआई की सीमा बढ़ाई है। बयान में हालांकि यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिफेंस सेक्टर में होने वाले विदेशी निवेश की समीक्षा होती रहेगी। डिफेंस सेक्टर में विदेशी निवेश से यदि राष्ट्र्रीय सुरक्षा प्रभावित होगी या इसके प्रभावित होने की संभावना होगी, तो ऐसे किसी भी विदेशी निवेश की समीक्षा करने का अधिकार सरकार के पास होगा।
नया औद्योगिक लाइसेंस लेने वाली कंपनियों के लिए बढ़ी है ऑटोमैटिक मार्ग से एफडीआई की सीमा
एफडीआई की वर्तमान नीति के मुताबिक रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है। इसमें से 49 फीसदी विदेशी निवेश ऑटोमैटिक मार्ग से हो सकता है। इससे अधिक विदेशी निवेश के लिए सरकार से अनुमति लेने की जरूरत होती है। प्रेस नोट-4 (2020 सीरीज) के मुताबिक ऑटोमैटिक मार्ग से 74 फीसदी एफडीआई की अनुमति उन्हीं कंपनियों को मिलेगी, जो नए औद्योगिक लाइसेंस लेना चाहेंगी।
49% एफडीआई के लिए भी कुछ नियमों का अनिवार्य पालन करना होगा
बयान में यह भी कहा गया है कि डिफेंस सेक्टर की जो कंपनी औद्योगिक लाइसेंस लेगी या जिसके पास पहले से एफडीआई की अनुमति है, यदि उनमें 49 फीसदी तक नया विदेशी निवेश होगा, तो उन्हें कुछ नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। इन नियमों का तब पालन करना होगा जब ऐसी कंपनियों के शेयरधारिता पैटर्न में कोई बदलाव होगा या 49 फीसदी तक एफडीआई के लिए पुराने निवेशक अपनी हिस्सेदारी किसी नए विदेशी निवेशक को ट्रांसफर करेंगे। ऐसी स्थिति में कंपनी को अनिवार्य तौर पर रक्षा मंत्रालय में एक डिक्लेरेशन जमा करना होगा। बयान के मुताबिक ऐसी कंपनियों में 49 फीसदी से ज्यादा एफडीआई के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी। फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत अधिसूचना जारी होने की तिथि से सरकार का यह फैसला प्रभावी हो जाएगा।
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