अमेरिका से 116 अवैध प्रवासियों को लेकर सैन्य विमान सी-17A ग्लोबमास्टर-3 शनिवार देर रात 11:30 बजे अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। यह दूसरा बैच था। पहले 119 अप्रवासियों को डिपोर्ट करने के खबरें थीं, लेकिन बाद में लिस्ट अपडेट की गई। निर्वासित लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से 2-2 और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। इनमें अधिकांश 18 से 30 साल की उम्र के हैं। तीसरा बैच आज सुबह आएगा
अमेरिका तीसरे बैच में 157 अवैध प्रवासी भारतीयों को रविवार सुबह अमृतसर भेजेगा। इससे पहले 5 फरवरी को अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 से 104 भारतीयों को अमृतसर पहुंचाया गया था। इन लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर लाया गया था। इन्हें रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू, अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला एयरपोर्ट के बाहर मौजूद हैं। दो कहानियों से समझें पंजाबियों का दर्द… 1. पटियाला: सोहजबीर ने जमीन गिरवी रखी, 60 लाख खर्चे पटियाला के गांव गाजेवास के सोहजबीर की मां बलजिंदर को पता ही नहीं था कि बेटा डिपोर्ट किया है। मां बिलख उठी। बताया, अपना 3 एकड़ जमीन गिरवी रखी, उधार लेकर 60 लाख खर्चे। एजेंट ने उसे एक साल दुबई रखा। हमें कहा 20 दिन में अमेरिका भेजेंेंगे। 23 जनवरी को बॉर्डर क्रॉस किया। फिर संपर्क नहीं हुआ। मां बलजिंदर कौर और पिता सुखदीप सिंह ने संतोष जताया कि मेरा बेटा से सकुशल घर आ रहा है। 2. बीस साल का जश्नप्रीत सिंह रिफ्यूजी कैंप में भी रहा हलका भुलत्थ के गांव पंडोरी राजपूतां से अमेरिका गए 20 वर्षीय जश्नप्रीत सिंह के डिपोर्ट होने की खबर मिलने पर मां कुलदीप कौर की आंखों में आंसू थे। वह भरी आंखों से परमात्मा का शुक्र भी अदा कर रही थी कि बेटा सही सलामत लौट रहा है। पिता ने बताया, बेटा अगस्त में स्पेन पहुंचा था। वहां अमेरिका जाने का मन बनाया। जनवरी में अमेरिका के रिफ्यूजी कैंप में पहुंचा था। लेकिन उसे डिपोर्ट कर दिया गया। पंजाब सीएम ने कहा- पंजाब को बदनाम करने की साजिश CM मान ने अमृतसर एयरपोर्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि डिपोर्ट होकर आ रहे सभी भारतीयों के रहने, खाने और उन्हें घर तक छोड़ने की सारी व्यवस्था पंजाब सरकार ने कर दी है। पंजाब का जो व्यक्ति जहां का होगा, उसे वहां तक छोड़ा जाएगा। हरियाणा के लोगों को भी छोड़ देंगे। बाकियों को दिल्ली भेजा जाएगा। अमृतसर में विमान की लैंडिंग पर मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस पवित्र शहर को डिटेंशन सेंटर न बनाया जाए। केंद्र सरकार से इसी बात का ऐतराज किया जा रहा है कि आपके पास और भी एयरपोर्ट व एयरबेस हैं, इस तरह के जहाजों को वहां क्यों नहीं उतारते? केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- भगवंत मान बताएं कि पंजाब को कैसे बदनाम किया? जो बेड़ियों और हथकड़ियों का वीडियो वायरल हो रहा है, वह एक फिल्म का सीन है। पहली बार सैन्य विमान से भारतीयों को डिपोर्ट किया गया
भारतीय अप्रवासियों को डिपोर्ट करने वाला पिछला अमेरिकी सैन्य विमान 4 फरवरी को सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था। यह पहली बार था जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि अमेरिका ने डिपोर्टेशन के लिए कुल 205 अवैध भारतीयों की पहचान की है। अमेरिका में करीब 7 लाख अवैध भारतीय प्रवासी
प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा हैं। अमेरिका में अवैध प्रवासियों से डील करने वाली सरकारी संस्था (ICE) के मुताबिक पिछले 3 सालों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में औसतन 90 हजार भारतीय नागरिकों को पकड़ा है। इन अप्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आ रहा है। अवैध अप्रवासियों को क्यों निकाल रहे ट्रम्प
ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने का ऐलान किया था। ट्रम्प ने चुनाव कैंपेन में भी अवैध अप्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था। उन्होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन करने को कहा था। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अमेरिका में अवैध तरीके से घुसकर अपराध करते हैं। यहां नौकरियों के बड़े हिस्से पर अप्रवासियों का कब्जा है, इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी नहीं मिलती। ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले कानून ‘लैकेन रिले एक्ट’ पर साइन किए। इस कानून के तहत फेडरल अधिकारियों को उन अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेकर डिपोर्ट करने का अधिकार है, जो किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ******** ये खबर भी पढ़ें… अमेरिका से 104 भारतीय जबरन भारत डिपोर्ट:इनमें गुजरात-हरियाणा के 33-33 लोग, पंजाब के 30; US समेत 20 देशों में कभी नहीं जा सकेंगे अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर 5 फरवरी को दोपहर करीब 1 बजे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमृतसर के गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा था। इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए। प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। पढ़ें पूरी खबर
अमेरिका तीसरे बैच में 157 अवैध प्रवासी भारतीयों को रविवार सुबह अमृतसर भेजेगा। इससे पहले 5 फरवरी को अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 से 104 भारतीयों को अमृतसर पहुंचाया गया था। इन लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर लाया गया था। इन्हें रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू, अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला एयरपोर्ट के बाहर मौजूद हैं। दो कहानियों से समझें पंजाबियों का दर्द… 1. पटियाला: सोहजबीर ने जमीन गिरवी रखी, 60 लाख खर्चे पटियाला के गांव गाजेवास के सोहजबीर की मां बलजिंदर को पता ही नहीं था कि बेटा डिपोर्ट किया है। मां बिलख उठी। बताया, अपना 3 एकड़ जमीन गिरवी रखी, उधार लेकर 60 लाख खर्चे। एजेंट ने उसे एक साल दुबई रखा। हमें कहा 20 दिन में अमेरिका भेजेंेंगे। 23 जनवरी को बॉर्डर क्रॉस किया। फिर संपर्क नहीं हुआ। मां बलजिंदर कौर और पिता सुखदीप सिंह ने संतोष जताया कि मेरा बेटा से सकुशल घर आ रहा है। 2. बीस साल का जश्नप्रीत सिंह रिफ्यूजी कैंप में भी रहा हलका भुलत्थ के गांव पंडोरी राजपूतां से अमेरिका गए 20 वर्षीय जश्नप्रीत सिंह के डिपोर्ट होने की खबर मिलने पर मां कुलदीप कौर की आंखों में आंसू थे। वह भरी आंखों से परमात्मा का शुक्र भी अदा कर रही थी कि बेटा सही सलामत लौट रहा है। पिता ने बताया, बेटा अगस्त में स्पेन पहुंचा था। वहां अमेरिका जाने का मन बनाया। जनवरी में अमेरिका के रिफ्यूजी कैंप में पहुंचा था। लेकिन उसे डिपोर्ट कर दिया गया। पंजाब सीएम ने कहा- पंजाब को बदनाम करने की साजिश CM मान ने अमृतसर एयरपोर्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि डिपोर्ट होकर आ रहे सभी भारतीयों के रहने, खाने और उन्हें घर तक छोड़ने की सारी व्यवस्था पंजाब सरकार ने कर दी है। पंजाब का जो व्यक्ति जहां का होगा, उसे वहां तक छोड़ा जाएगा। हरियाणा के लोगों को भी छोड़ देंगे। बाकियों को दिल्ली भेजा जाएगा। अमृतसर में विमान की लैंडिंग पर मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस पवित्र शहर को डिटेंशन सेंटर न बनाया जाए। केंद्र सरकार से इसी बात का ऐतराज किया जा रहा है कि आपके पास और भी एयरपोर्ट व एयरबेस हैं, इस तरह के जहाजों को वहां क्यों नहीं उतारते? केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- भगवंत मान बताएं कि पंजाब को कैसे बदनाम किया? जो बेड़ियों और हथकड़ियों का वीडियो वायरल हो रहा है, वह एक फिल्म का सीन है। पहली बार सैन्य विमान से भारतीयों को डिपोर्ट किया गया
भारतीय अप्रवासियों को डिपोर्ट करने वाला पिछला अमेरिकी सैन्य विमान 4 फरवरी को सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था। यह पहली बार था जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि अमेरिका ने डिपोर्टेशन के लिए कुल 205 अवैध भारतीयों की पहचान की है। अमेरिका में करीब 7 लाख अवैध भारतीय प्रवासी
प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा हैं। अमेरिका में अवैध प्रवासियों से डील करने वाली सरकारी संस्था (ICE) के मुताबिक पिछले 3 सालों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में औसतन 90 हजार भारतीय नागरिकों को पकड़ा है। इन अप्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आ रहा है। अवैध अप्रवासियों को क्यों निकाल रहे ट्रम्प
ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने का ऐलान किया था। ट्रम्प ने चुनाव कैंपेन में भी अवैध अप्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था। उन्होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन करने को कहा था। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अमेरिका में अवैध तरीके से घुसकर अपराध करते हैं। यहां नौकरियों के बड़े हिस्से पर अप्रवासियों का कब्जा है, इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी नहीं मिलती। ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले कानून ‘लैकेन रिले एक्ट’ पर साइन किए। इस कानून के तहत फेडरल अधिकारियों को उन अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेकर डिपोर्ट करने का अधिकार है, जो किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ******** ये खबर भी पढ़ें… अमेरिका से 104 भारतीय जबरन भारत डिपोर्ट:इनमें गुजरात-हरियाणा के 33-33 लोग, पंजाब के 30; US समेत 20 देशों में कभी नहीं जा सकेंगे अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर 5 फरवरी को दोपहर करीब 1 बजे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमृतसर के गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा था। इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए। प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। पढ़ें पूरी खबर