अमेरिका की सबसे खतरनाक जेल को फिर खोलेंगे ट्रम्प:बदमाश और अप्रवासियों को रखा जाएगा, 62 साल पहले बंद हुई थी अल्कट्राज

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अल्कट्राज जेल को फिर से खोलने का ऐलान किया है। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया पर कहा कि वे यहां सबसे खतरनाक अपराधियों को रखेंगे। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने जस्टिस डिपार्टमेंट, FBI और होमलैंड सिक्योरिटी को आदेश दिया है कि वे मिलकर अल्कट्राज को फिर से तैयार करें। ट्रम्प ने कहा कि अल्कट्राज को फिर से खोलने का मतलब सही मायने में कानून व्यवस्था को बहाल करना है। अमेरिका ने हाल ही में सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर के साथ हिंसक अपराधियों और अवैध अप्रवासियों को रखने का करार किया था। ट्रम्प ने कहा कि खतरनाक अपराधियों को देश में रखना मजबूरी बन जाती है क्योंकि कई ‘बदमाश जज’ केस की सुनवाई के दौरान बार-बार कैदियों को पेश होने के लिए बुलाते हैं। इससे देश पर बोझ बढ़ता है। अमेरिका के सबसे खतरनाक अपराधी इस जेल में रखे गए अल्कट्राज को अमेरिका की सबसे सख्त जेलों में गिना जाता था, जहां सबसे खतरनाक कैदियों को रखा जाता था। इसे ‘द रॉक’ नाम से भी जाना जाता है। यह कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को खाड़ी में एक द्वीप पर स्थित है। 1934 से 1963 तक इस जेल का इस्तेमाल होता रहा। बहुत ज्यादा खर्च और रखरखाव की दिक्कतों की वजह से इसे बंद कर दिया गया। इस जेल में इतालवी-अमेरिकी माफिया सरगना अल कैपोन, कुख्यात गैंगस्टर जॉर्ज ‘मशीन गन’ केली, रॉबर्ट स्ट्राउड रखे गए थे। स्ट्राउड ने इसी जेल में रहकर पक्षियों पर बेहद चर्चित किताब ‘डाइजेस्ट ऑन द डिजीज ऑफ बर्ड्स’ लिखी थी। इसके बाद उसका नाम ‘बर्डमैन ऑफ अल्काट्राज’ रख दिया गया था। यहां पर कैदियों को कड़ी निगरानी में रखा जाता था। उन्हें आपस में बात करने की अनुमति नहीं थी। कई कैदियों को महीनों तक अकेले अंधेरे कमरे में रखा जाता था। इस वजह से वहां रहने वाले कैदियों को मानसिक बीमारियां हो गईं। कई लोगों ने जेल में आत्महत्या कर ली। 63 साल पहले हुआ था जेल से भागने का सबसे चर्चित किस्सा कई कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश की, जिनमें से ज्यादातर मारे गए या पकड़े गए। अल्कट्राज से भागने का सबसे चर्चित मामला 11 जून 1962 को हुआ था। फ्रैंक मॉरिस, जॉन एंगलिन और क्लेरेंस एंगलिन जेल से फरार हो गए थे। इन कैदियों के भागने की कहानी साल 1960 में शुरू हुई थी जब फ्रैंक मॉरिस नाम का कैदी जेल लाया गया था। उसने इस जेल में रहने वाले तीन और कैदियों जॉन ऐंग्लिन, क्लैरेन्स ऐंग्लिन और ऐलन वेस्ट से दोस्ती की। दिसंबर 1961 में इन चारों ने जेल से भागने का प्लान बनाया। दरअसल उन्होंने देखा कि जेल के कमरे में बने वेंटीलेशन में एक जाली है, जहां से बाहर निकला जा सकता है। जेल एक आइलैंड पर बना हुआ था। उमस ज्यादा होने की वजह से सीमेंट कमजोर हो जाता था जिस वजह से जाली को आसानी से हटाया जा सकता था। चम्मच से खुदाई कर जेल से हुए फरार, रेनकोट से नाव बनाई
इन चारों कैदियों ने अपने सेल में चम्मचों और ड्रिल से खुदाई की और वेंटिलेशन शाफ्ट तक रास्ता बनाया। भागने के लिए उन्होंने चालीस से ज्यादा रेनकोटों को जोड़कर एक नाव बनाई। इसे जोड़ने के लिए उन्होंने गर्म पाइप का इस्तेमाल किया। सुरक्षाकर्मियों को धोखा देने के लिए उन्होंने अपने बिस्तर पर कागज, बालों और साबुन से बने नकली सिर रख दिए ताकि ऐसा लगे कि वे सो रहे हैं। 11 जून की रात ये कैदी सेल में बनाए गए सुरंग से निकलकर जेल की छत पर पहुंचे और फिर पाइपों के सहारे नीचे उतरकर समुद्र तट तक गए। हालांकि इनमें से एक कैदी ऐलन वेस्ट ऐसा नहीं कर पाया। कहा जाता है कि वह आखिरी समय में दीवार से प्लास्टर नहीं हटा पाया। इसके बाद उसे छोड़कर बाकी केदी जेल से फरार हो गए। उन्होंने अपनी रेनकोट से बनी नाव को पानी में उतारा और समुद्र को पार करने की कोशिश की। हालांकि वे ऐसा कर पाए या नहीं, आज तक कोई नहीं जान पाया। उनकी कोई बॉडी नहीं मिली थी। FBI की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उनकी नाव समुद्र में डूब गई होगी। लेकिन उन तीनों के रिश्तेदारों ने कहा कि तीनों फरार होने के बाद भी संपर्क में थे। इस घटना के एक साल बाद अल्कट्राज को बंद कर दिया गया। अब यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुकी है। इसे देखने के लिए हर साल लगभग 12 लाख लोग आते हैं। …………………………… ट्रम्प से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… अमेरिका के अपराधियों को पैसे लेकर जेल में रखेगा अल-सल्वाडोर:किसी देश के बीच पहला ऐसा समझौता; मस्क बोले- ये ग्रेट आइडिया मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर अपनी जेलों में अमेरिका के हिंसक अपराधियों और अवैध अप्रवासियों को रखेगा। अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के सामने यह प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया। पूरी खबर यहां पढ़ें…