अमेरिका में रोजगार बढ़ने, बेरोजगारी घटने और बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में गिरावट आने से गोल्ड की कीमत पर गिरावट का दबाव बढ़ेगा। दूसरी ओर क्रूड के प्राइस और शेयर बाजारों में उछाल को बल मिल सकता है। बेहतर जॉब डाटा का मतलब यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। इसका लाभ भारत को भी मिलेगा। इससे सुरक्षित निवेश इंस्ट्रूमेंट के रूप में गोल्ड का आकर्षण घटेगा और निवेशकों में जोखिम लेने का हौसला बढ़ेगा।
अमेरिका की रिकवरी और डॉलर की मजबूती से गोल्ड व सिल्वर के प्राइस गिरेंगे
एंजल ब्रोकिंग में कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रिकवरी और डॉलर के मजबूत होने से निकट भविष्य में गोल्ड और सिल्वर की कीमत घटेगी। हालांकि करीब डेढ़ महीने बाद भारत में नवरात्रि से शुरू होने वाला फेस्टिव सीजन गोल्ड के लिए सकारात्मक बना हुआ है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड कंज्यूमर है। इसलिए भारत में फेस्टिव सीजन में बढ़ने वाली डिमांड गोल्ड और सिल्वर के ग्लोबल प्राइस को बढ़ाने में समर्थ है।
हाल में गोल्ड 9.23% तो सिल्वर 13% लुढ़क चुका है
एमसीएक्स पर 6 अगस्त 2020 के बाद से गोल्ड करीब 9.23 फीसदी (5,155 रुपए प्रति 10 ग्राम) और सिल्वर करीब 15.32 फीसदी (11,652 रुपए प्रति किलोग्राम) लुढ़क चुका है। गोल्ड 6 अगस्त को 55,845 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। शुक्रवार 4 सितंबर को 5 अक्टूबर की डिलीवरी वाला गोल्ड कांट्रैक्ट 50,690 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। सिल्वर 6 अगस्त को 76,052 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था। शुक्रवार 4 सितंबर को इसी दिन की डिलीवरी वाला सिल्वर कांट्रैक्ट 64,400 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ। सिल्वर का 4 दिसंबर का कांट्रैक्ट शुक्रवार को 67,481 रुपए पर और 5 मार्च 2021 वाला कांट्रैक्ट 69,740 रुपए पर बंद हुआ है। इसी तरह गोल्ड का 4 दिसंबर वाला कांट्रैक्ट 50,940 रुपए और 5 फरवरी वाला कांट्रैक्ट 50,980 रुपए पर बंद हुआ है।
अमेरिका का श्रम बाजार लगातार चौथे महीने सुधरा है
अमेरिका के ताजा नॉन फार्म पेरोल आंकड़े के मुताबिक अगस्त में वहां 13.7 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इस बीच अमेरिका में बेरोजगारी दर भी 200 बेसिस पॉइंट से ज्यादा गिरकर 8.4 फीसदी पर आ गई है। यह बाजार के 9.8 फीसदी के अनुमान से बेहतर है। इसके साथ ही गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक गत सप्ताह पहली बार बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन करने वालों की संख्या घटकर 10 लाख से नीचे 8.81 लाख पर आ गई है। यही नहीं, पहले से बेरोजगारी भत्ता ले रहे लोगों की संख्या भी घटकर 13.25 लाख पर आ गई। श्रम बाजार में अगस्त में लगातार चौथे महीने सुधार दर्ज किया गया है। कुल मिलाकर आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था गिरावट से धीरे-धीरे उबर रही है।
शेयर बाजार में आ सकता है उछाल
अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत मिलने पर निवेशक शेयर बाजार में निवेश बढ़ाते हैं। हालांकि दूसरी कई बातें भी शेयर बाजार को प्रभावित करती हैं। गुप्ता ने कहा कि आर्थिक हालत बेहतर होने से बाजार में तेजी का पक्ष मजबूत होगा। अमेरिकी बाजार में तेजी से भारत के बाजार में भी तेजी आएगी। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में तेजी आने से पूरी दुनिया में मांग खुलेगी। इसका लाभ भारत की कंपनियों को भी होगा। 28 अगस्त के बाद से बीएसई के सेंसेक्स में 2.81 फीसदी या 1,110.13 अंकों की गिरावट आ चुकी है।
कच्चे तेल को मिलेगा सपोर्ट
गुप्ता ने कहा कि आर्थिक हालात बेहतर होने से कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी। इससे तेल की कीमत बढ़ सकती है। हालांकि डॉलर यदि मजबूत होता है, तो क्रूड पर गिरावट का दबाव बढ़ेगा। शुकवार 4 सितंबर को बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 3.75 फीसदी गिरकर 42.35 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। अमेरिकी बेंचमार्क डब्ल्यूटीआई क्रूड 4.29 फीसदी गिरकर 39.51 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। एक सितंबर के बाद से ब्रेंट क्रूड 7.08 फीसदी कमजोर हो चुका है।
पितृपक्ष के बाद फेस्टिव और मैरेज सीजन के कारण गोल्ड में 10% रिटर्न मिलने की संभावना