एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड -19 के कारण लाखों महिलाएं अपने करिअर को बदलने या काम को छोड़ने पर विचार कर रही हैं। कोरोना काल के चलते पिछले कुछ महीनों से वर्क फ्रॉम होम करते हुए इन्हें दोहरी जिम्मेदारियों को निभाना पड़ा।
एक और ऑफिस के काम को दबाव तो दूसरी ओर घर में बच्चों की देखभाल का जिम्मा भी इन्हीं का है। ऐसे हालात में अपने पार्टनर या घर के अन्य सदस्यों की तरफ से मदद न मिलने पर वे अपने करिअर से दूर होने का विचार कर रही हैं। यह सर्वे महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था लीन इन द्वारा किया गया। इसकी स्थापना फेसबुक की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग द्वारा 2013 में हुई थी।

यह सर्वे अमेरिका में 317 फर्म की 40,000 महिला कर्मचारियों पर किया गया। इसमें ये पाया गया कि एक तिहाई महिलाएं काम के तनाव की वजह से जॉब छोड़ना चाहती हैं, वहीं अधिकांश महिलाओं को इस बात की फिक्र लगी रहती है कि घर में बच्चों की देखभाल के चलते कहीं उनकी ऑफिशियल परफॉर्मेंस प्रभावित न हो जाए।
इस सर्वे के नतीजे यह भी बताते हैं कि महिलाओं की बजाय पुरुषों पर बच्चों की जिम्मेदारी कम होती है। इस वजह से वे जॉब छोड़ने के बारे में कम ही सोचते हैं। रिपोर्ट बताती है कि वर्षों में महिलाओं को अपनी नौकरी छोड़ने और कार्यस्थल में लिंग विविधता की दिशा में ‘प्रगति’ को रोकने के लिए ‘कर्मचारी बर्नआउट’ को संबोधित करने के लिए और अधिक करना चाहिए।

ये रिपोर्ट मानती है कि अगर भविष्य में कंपनियों की संख्या बढ़ती है तो लिंग विविधता की वजह से कइ कंपनियों को काम करने के लिए महिला कर्मचारियों का मिलना मुश्किल हो जाएगा। पिछले छह सालों के दौरान अगर कार्यस्थल पर महिलाओं के परफॉर्मेंस की बात की जाए तो उन्होंने मैनेजमेंट के हर स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन महिलाओं द्वारा पिछले कई सालों के दौरान अपने काम के प्रति गंभीरता को इस साल की महामारी ने कम किया है।
इसकी वजह उन पर पड़ने वाली दोहरी जिम्मेदारी है। इस दौरान घर में रहते हुए उन्हें बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस में शामिल होना पड़ता है। इसके अलावा घर के कामों का असर ऑफिस के काम को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। ऐसे में अगर वे नौकरी छोड़ने के बारे में सोचती हैं तो आर्थिक असुरक्षा की भावना के चलते उनके लिए ये फैसला लेना भी मुश्किल है।

इस रिपोर्ट ने ये भी साबित किया कि वर्क फ्रॉम होम करते हुए एक पिता का काम उस तरह से प्रभावित नहीं होता जितना एक महिला के लिए है। एक कंपनी की वाइस प्रेसीडेंट और दो बच्चों की मां से जब महामारी के दौरान अपनी ऑफिशियल परफॉर्मेंस के बारे में बात की गई तो वह कहने लगी – मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं हर मोर्चे पर फेल हो रही हूं। ऑफिशियल वर्क की वजह से मेरे पास बच्चों को देने के लिए पर्याप्त समय नहीं हैं, वहीं बच्चों की देखभाल करते हुए मैं ऑफिस का काम समय पर नहीं कर पा रही हूं।