अमेरिका-सऊदी अरब में ₹12.1 लाख करोड़ की डिफेंस डील:US ने इतिहास का सबसे बड़ा करार बताया, ट्रम्प का राष्ट्रपति बनने के बाद पहला विदेशी दौरा

अमेरिका और सऊदी अरब ने मंगलवार को 142 बिलियन डॉलर (12.1 लाख करोड़ रुपए) की डिफेंस डील पर साइन किए। व्हाइट हाउस ने इसे इतिहास की सबसे बड़ी डिफेंस डील बताया है। इस समझौते में सऊदी अरब को C-130 ट्रांसपोर्ट विमान, मिसाइलें, रडार सिस्टम और कई एडवांस हथियार दिए जाएंगे। ये लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, और नॉर्थरॉप ग्रुम्मन जैसी अमेरिकी कंपनियों से मिलेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले आधिकारिक विदेश दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे। वे चार दिन के मिडिल ईस्ट दौरे पर पहले सऊदी अरब, फिर कतर और यूएई जाएंगे। व्हाइट हाउस के मुताबिक, इस सौदे के तहत अमेरिका, सऊदी अरब को 5 सेक्टर में हथियार और तकनीकी मदद देगा। तस्वीरों में ट्रम्प का सऊदी दौरा… ट्रम्प बोले- सऊदी प्रिंस उम्र से ज्यादा होशियार सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) की तारीफ की है। ट्रम्प ने क्राउन प्रिंस को लेकर कहा- मुझे सच में लगता है कि हम एक-दूसरे को बहुत पसंद करते हैं। ट्रम्प ने कहा कि वह मोहम्मद बिन सलमान को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और उनसे बहुत प्रभावित हैं। MBS अपनी उम्र से कहीं ज्यादा होशियार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके दौरे से पहले देश में 20 लाख नौकरियों की चर्चा हो रही थी। अमेरिका में सऊदी निवेश की सराहना करते हुए ट्रम्प ने कहा कि इससे बहुत ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। ट्रम्प ने कहा- हमारे यहां दुनिया के सबसे बड़े बिजनेस लीडर्स हैं। वे बहुत सारे चेक लेकर जाने वाले हैं। ट्रम्प सऊदी से मिलने वाले 600 अरब डॉलर (50 लाख करोड़ रुपए) के निवेश को लेकर यह बोल रहे थे। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि उन्हें यकीन है कि यह निवेश ‘1 ट्रिलियन डॉलर’ हो जाएगा। दरअसल, ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद सऊदी अरब ने 4 साल में अमेरिका में 600 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया था। ट्रम्प और सलमान ने मंगलवार को रियाद में एक स्ट्रैटजिक इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर दस्तखत किया। इस साझेदारी में ऊर्जा, खनन और रक्षा के लिए समझौते शामिल हैं। इसके बारे में पूरी जानकारी अभी नहीं आई है। क्राउन प्रिंस सलमान से मस्क का परिचय कराते ट्रम्प ट्रम्प ने 2017 में सऊदी जाकर परंपरा तोड़ी अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा-मेक्सिको या फिर यूरोपीय देश की यात्रा करने की परंपरा है। बराक ओबामा ने पहले विदेशी दौरे पर कनाडा की यात्रा की थी। उनसे पहले जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अपने पहले विदेशी दौरे पर मेक्सिको की यात्रा की थी। ट्रम्प ने 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले सऊदी अरब पहुंच कर इस परंपरा को तोड़ा था। पिछले राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने पहले दौरे पर ब्रिटेन गए थे। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर ट्रम्प ने सबसे पहले MBS को फोन किया ट्रम्प ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले सऊदी प्रिंस सलमान को ही फोन किया था। शपथ ग्रहण के कुछ दिन बाद ट्रम्प से उनके पहले विदेशी दौरे को लेकर मीडिया ने सवाल किया था। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि जो देश अमेरिका में सबसे ज्यादा निवेश करेगा, वे वहां का पहला दौरा करेंगे। इसके बाद सऊदी सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि उनका देश अगले चार सालों के भीतर अमेरिका में 600 अरब डॉलर (50 लाख करोड़ रुपए) के निवेश के लिए तैयार है। हालांकि ट्रम्प ने कहा था कि वो इसे बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर होते देखना चाहते हैं, जिसमें ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी मिलिट्री इक्विपमेंट की खरीद भी शामिल है। सऊदी अरब के सॉवरेन वेल्थ फंड और पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) में 925 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम है। सऊदी ने इसके जरिए पहले ही अमेरिका में कई इन्वेस्टमेंट कर रखे हैं। वहीं, UAE ने भी अगले 10 साल में अमेरिका के AI, सेमीकंडक्टर, एनर्जी और इन्फ्रा सेक्टर में 1.4 ट्रिलियन डॉलर निवेश करने की इच्छा जताई है। ट्रम्प के सऊदी अरब से अच्छे रिश्ते ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान सऊदी अरब समेत खाड़ी देशों के साथ बेहतर रिश्ते कायम किए थे। ट्रम्प के पद छोड़ने के बाद भी सऊदी अरब ने ट्रम्प के दामाद और पूर्व सहयोगी जेरेड कुशनर की एक फर्म में 2 अरब डॉलर (17 हजार करोड़ रुपए) का निवेश किया था। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि जब जमाल खशोगी की हत्या के बाद सऊदी अरब और अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ा तो कुशनर ने इसे संभालने में मदद की थी। ट्रम्प सऊदी अरब की यह यात्रा ऐसे मौके पर कर रहे हैं, जब उनके टैरिफ ने दुनिया भर में उथल-पुथल मचा रखी है। इस साल के शुरुआती तीन महीनों में अमेरिका के आर्थिक प्रोडक्शन में गिरावट आई है, जो पिछले तीन सालों में पहली गिरावट है। इजराइल-सऊदी अरब के बीच रिश्ता बेहतर करना चाहते हैं ट्रम्प ट्रम्प ने पिछले कार्यकाल में सऊदी अरब और इजराइल के बीच रिश्ते बेहतर करने की कोशिश की थी। ट्रम्प चाहते हैं कि सऊदी अरब, इजराइल को मान्यता दे। वहीं सऊदी अरब का कहना है कि पहले फिलिस्तीन अलग देश बने जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो और उनके बीच सीमा 1967 से पहले जैसी हो। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने उम्मीद जताई है कि सऊदी अरब अब्राहम अकॉर्ड को मानेगा। इस समझौते के तहत सऊदी अरब एक देश के तौर पर इजराइल को मान्यता देगा। ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में इजराइल और कई इस्लामिक देशों के बीच रिश्ते बेहतर कराए थे। बहरीन, UAE, मोरक्को और सूडान ने ट्रम्प के दौर में ही इजराइल से संबंध कायम किए थे। —————————- ट्रम्प से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प को गिफ्ट में ₹3400 करोड़ का प्लेन मिलेगा:कतर दुनिया का सबसे महंगा गिफ्ट दे रहा; इसी हफ्ते दौरे पर जाएंगे ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इसी हफ्ते 14 मई को कतर दौरे पर पहुंचने वाले हैं। इस दौरान उन्हें कतर सरकार गिफ्ट में लग्जरी बोइंग 747-8 जंबो जेट कर सकती है। इस विमान की कीमत 400 मिलियन डॉलर (करीब 3400 करोड़ रुपए) है। पूरी खबर यहां पढ़ें…