अमेरिका की रक्षा खुफिया की एक नई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पाकिस्तान, अपने अस्तित्व के लिए भारत को एक खतरे के तौर पर देखता है। इस वजह से वह अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने और सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए चीन से आर्थिक और सैन्य समर्थन ले रहा है। वहीं, भारत, पाकिस्तान को सिर्फ एक सुरक्षा चुनौती मानता है जिसे संभाला जा सकता है। भारत असली खतरा चीन को मानता है और अपनी सैन्य तैयारियां भी उसी के हिसाब से करता है। मेक इन इंडिया के बावजूद भारत अभी भी रूसी हथियारों पर निर्भर है। यूनाइटेड स्टेट्स डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की वर्ल्ड थ्रेट असेसमेंट 2025 रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की रक्षा नीति चीन का सामना करने और भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित रहेगी। DIA अमेरिकी रक्षा विभाग का हिस्सा है। इसके डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल जेफ्री क्रूस ने यह रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट वैश्विक सुरक्षा खतरों का आकलन करती है। इसकी मदद से अमेरिका की राष्ट्रीय और विदेश नीति की दिशा तय होती है। चीन-भारत विवाद अभी खत्म नहीं हुआ, बस थमा है भारत, चीन को सबसे बड़ी चुनौती मानता है। इसकी वजह सीमा विवाद, चीन की सैन्य शक्ति में इजाफा, और आर्थिक-तकनीकी प्रतिस्पर्धा है। इसमें बताया गया है कि चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति, विशेष रूप से नौसेना और मिसाइल क्षमताएं, भारत के लिए चिंता का विषय हैं। इसके अलावा चीन का क्षेत्रीय प्रभाव (जैसे BRI, CPEC) और AI, साइबर, और अंतरिक्ष में प्रगति भारत के लिए रणनीतिक चुनौती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत-चीन सीमा पर विवाद अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, हालांकि 2020 की झड़पों के बाद तनाव थोड़ा कम हुआ है। लेकिन भारत, चीन के प्रभाव को कम करने के लिए हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है और दूसरे देशों के साथ सैन्य साझेदारी कर रहा है। भारत अपनी सैन्य तैयारियां (जैसे LAC पर सैन्य तैनाती, नौसेना विस्तार) और गठबंधन (QUAD, अमेरिका) के जरिए चीन का मुकाबला कर रहा है। मेक इन इंडिया के जरिए ताकत बढ़ा रहा भारत पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम दक्षिण एशिया के लिए खतरा रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों के लिए सामग्री और तकनीक चीन, हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की, और संयुक्त अरब अमीरात से हासिल करता है। हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान का परमाणु आधुनिकीकरण दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है। रिपोर्ट में पाकिस्तान को एक अस्थिर और रणनीतिक रूप से कमजोर देश के रूप में देखा गया है, जो भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और अपनी सैन्य और परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने के लिए चीन पर निर्भर है। भारत की सैन्य और आर्थिक श्रेष्ठता (जैसे राफेल जेट, अग्नि मिसाइलें) पाकिस्तान को असुरक्षित बनाती है। इसके अलावा पाकिस्तान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलोच उग्रवादियों से बढ़ते हमलों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तानी सेना आतंकवाद से लड़ाई, सीमाओं की सुरक्षा और परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने पर ध्यान दे रही है। 2024 में पाकिस्तान में आतंकी हमलों में 2,500 से ज्यादा लोग मारे गए। ताइवान पर कब्जा करना चीन का मकसद रिपोर्ट में चीन को वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा सैन्य और साइबर खतरा माना गया है। इसमें कहा गया है कि चीन, भारत के लिए सबसे बड़ा राजनीतिक खतरा है। चीन, भारत के साथ अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में चुनौतियां पैदा करता रहा है। इसके अलावा चीन का BRI (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) और CPEC भारत के प्रभाव को कम करता है। चीन की नौसेना, मिसाइल, और साइबर क्षमताएं भारत के लिए चुनौती हैं। इसके अलावा वह पाकिस्तान को भारत के खिलाफ एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है, जिसे वह सैन्य और आर्थिक समर्थन प्रदान करता है। चीन अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है। उसका मकसद ताइवान पर कब्जा करना है। रिपोर्ट में यही भी कहा गया है कि चीन के पास अमेरिकी इलाके को निशाना बनाने की क्षमता है। इसके अलावा रिपोर्ट में चीन की अंतरिक्ष और साइबर क्षमता को अमेरिका और भारत जैसे देशों के लिए खतरा माना गया है।