अशोक गहलोत बोले- हम जानते थे कि सचिन पायलट निकम्मे हैं, नकारे हैं; कुछ काम नहीं कर रहे, खाली लोगों को लड़वा रहे हैं

राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के खिलाफ तीखी टिप्पणी की है। गहलोत ने कहा कि हम जानते थे कि सचिन पायलट निकम्मेहैं, नकारेहैं, कुछ काम नहीं कर रहे,खाली लोगों को लड़वा रहेहैं। फिर भी हमने पायलट के मान-सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ी थी, लेकिन उन्होंने बहुत गंदा खेल खेला। भाजपा केा खुश करने के लिए साजिश रची। हरीश साल्वे उनका केस लड़ रहे हैं, इतना पैसा कहां से आ रहा है? देश के अंदर गुंडागर्दी हो रही है। पायलट का चाल और चेहरा सामने आ गया है। विधायकों को गुड़गांव में बंधक बनाया गया है।

दूसरी तरफहाईकोर्ट मेंसचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई हो रही है।चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।विधानसभा स्पीकर की ओर से पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील रखीहैं कि-

1. पायलट गुट की याचिका प्री-मैच्योर है, यह खारिज होनी चाहिए।
2. स्पीकर ने अभी सिर्फ नोटिस दिए हैं, विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया है।
3. स्पीकर के आदेश को सिर्फ लिमिटेड ग्राउंड पर ही चैलेंज किया जा सकता है, लेकिन पायलट गुट की याचिका में ऐसा कोई आधार नहीं है।
4. सुप्रीम कोर्ट भी 21 जनवरी केएक फैसले में यह तय कर चुका है कि स्पीकर की शक्तियों में कोर्ट दखल नहीं दे सकता,तो फिर इस बात पर बहस क्यों हो रही है?
5. स्पीकर के नोटिस का ज्यूडिशियल रिव्यू नहीं हो सकता।नोटिस फ्रीडम ऑफ स्पीच के खिलाफ नहीं है।
6. पार्टी विरोधी गतिविधियां राजनीतिक पाप और कानूनी रूप से भी गलत है।

विधानसभा स्पीकर की ओर सेजारी नोटिस के खिलाफ पायलट गुट ने अपील की थी। मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर विधानसभा स्पीकर सी पी जोशी ने पायलट समेत 19 विधायकों को 14 जुलाई को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों ना आपको विधानसभा के अयोग्य घोषित कर दिया जाए।

पिछले हफ्ते सुनवाई में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि विधायकों को दिए गए नोटिस पर स्पीकर21 जुलाई तक कार्रवाई नहीं करें। इस आदेश के बाद विधानसभा स्पीकर ने पायलट गुट के विधायकों को नोटिस का जवाब देने के लिए 21 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का वक्त दिया।

शुक्रवार को हुई सुनवाई में पायलट गुट के विधायकों की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा था किविधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दलबदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, ऐसे में व्हिप का कोई मतलब नहीं है।

बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है
इसमें गहलोत सरकार विश्वास मत के जरिए बहुमत साबित कर सकती है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। शनिवार को गहलोत ने राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। नियमों के मुताबिक, अगर बहुमत साबित करने में गहलोत सरकार सफल हो जाती है तो फिर विपक्ष 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता।

इन विधायकों को नोटिस दिया गया था

सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।

हाईकोर्ट में एक दिन की पैरवी 1.75 करोड़ की

सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए अयोग्यता नोटिस केस में देश के दिग्गज सीनियर एडवोकेट पायलट गुट के एमएलए और स्पीकर की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। जानकारों की मानें तोशुक्रवार को हुई सुनवाई में की गई पैरवी की फीस ही करोड़ों में होगी।

हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी व अभिषेक सिंघवी जैसे सीनियर एडवोकेट एक दिन की पैरवी के लिए ही 40 से 50 लाख रुपएफीस लेते हैं। राज्य के एजी एमएस सिंघवी भी स्पेशल केस में 11 से 15 लाख फीस लेते हैं। ऐसे में सचिन पायलट गुट औरस्पीकर की ओर से पैरवी करने वाले वकीलों की कुल फीस की बात करें तो यह करीब 1.75 करोड़ रुपए होती है।

अभिषेक मनु सिंघवी: विधानसभा स्पीकर की ओर से मुख्य तौर पर सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस के नेताअभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। सिंघवी ने ही अंबानी भाइयों के बीच विवाद में मुकेश अंबानी की ओर से पैरवी की थी। वे वोडाफोन के टैक्स संबंधी मामलों की पैरवी करने के लिए भी चर्चा में रहे हैं। सिंघवी किसी केस में एक दिन की पैरवी के लिए करीब 50 लाख रुपए तक लेते हैं।

हरीश साल्वे: इस केस में सचिन पायलट गुट की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे लंदन से पैरवी कर रहे हैं। साल्वे देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं और उन्होंने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में भारत की ओर से इंटरनेशनल कोर्ट में पक्ष रखा था। कानून केजानकारों के मुताबिकसाल्वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक दिन की पैरवी के लिए करीब 50 लाख रुपए तक लेते हैं। हिट एंड रन केस में एक्टर सलमान खान को बचाने वाले एडवोकेट साल्वे ही थे।

हाईकोर्ट के बाहर वकीलों का हंगामा

पायलट खेमे की याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में वकीलों को प्रवेश नहीं दिया गया। इससे नाराज वकीलों ने कोर्ट के बाहर ही हंगामा किया।

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