असम में NIT प्रोफेसर ने छात्रा की जांघ छुई:पेट में हाथ रगड़ा, अश्लील गाने दिखाए; पुलिस ने अरेस्ट किया

असम के सिलचर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को छात्रा का यौन उत्पीड़न करने पर शुक्रवार को अरेस्ट किया गया। आरोपी टीचर की पहचान कोटेश्वर राजू धेनुकोंडा के रूप में हुई है। छात्रा की शिकायत के मुताबिक, प्रोफेसर ने कम नंबर आने पर पीड़ित छात्रा को अपने चैंबर में बुलाया। उसकी जांघों को छुआ, पेट पर हाथ रगड़ा और कंप्यूटर पर अश्लील गाने दिखाए। पीड़ित की शिकायत पर प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया गया है। जानिए पूरा मामला क्या है
घटना 20 मार्च की है। आरोपी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर था। स्टूडेंट ने इंस्टीट्यूट को दी लिखित शिकायत में बताया कि, प्रोफेसर ने उसे कम ग्रेड पर चर्चा करने के लिए अपने चैंबर में बुलाया। छात्रा ने बताया, ‘प्रोफेसर ने मुझे अपने पास बैठने के लिए कहा और मुझसे पूछा कि मुझे कम अंक क्यों मिले। उसने मेरे हाथ पकड़ना शुरू कर दिया और मेरी उंगलियों को छुआ। फिर उसने धीरे-धीरे मेरी जांघों को पकड़ लिया। फिर उसने मेरे सामने अपने कंप्यूटर में अश्लील गाने बजाए। मेरे पेट को छुआ और मेरे पेट को रगड़ा। मैं रोने लगी लेकिन वह नहीं रुका। उसने मुझे कहा कि पैरों को फैलाकर बैठो। इसके बाद उसने पीछे से मेरी गर्दन पकड़ी।’ पीड़ित स्टूडेंट ने कहा कि वह अपने दोस्त के फोन करने पर भाग निकली, जो केबिन के बाहर इंतजार कर रहा था। जिस चैंबर में घटना हुई, उसे सील किया गया
कॉलेज के मुताबिक, जिस चैंबर में यह घटना हुई, उसे सील कर दिया गया है। पीड़ित को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि वह सुरक्षित और सहज महसूस करे। मामले को जांच के लिए संस्थान की इंटरनली कंप्लेंट कमेटी (ICC) को भेज दिया गया है। आरोपी प्रोफेसर ने पुलिस को गुमराह किया था
कछार के SP नुमल महत्ता ने कहा कि पुलिस जब आरोपी प्रोफेसर को पकड़ने गई तो उसने खुद को छिपाने की कोशिश की। प्रोफेसर ने क्वार्टर का दरवाजा बाहर से बंद कर लिया, लेकिन हमने उनके मोबाइल फोन की लोकेशन का पता लगाया और शुक्रवार शाम करीब 5.30 बजे उन्हें अरेस्ट किया। ये खबर भी पढ़ें… बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- महिला सहकर्मी को देखकर गाना सेक्शुअल हैरेसमेंट नहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, ‘वर्कप्लेस पर महिला सहकर्मी के बालों पर टिप्पणी करना या सॉन्ग गाना सेक्सुअल हैरेसमेंट नहीं है।’ जस्टिस संदीप मार्ने ​​​​​​ने कहा- भले ही याचिकाकर्ता पर लगे आरोपों को सही माना जाए, लेकिन इन आरोपों से सेक्सुअल हैरेसमेंट को लेकर ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। पढ़ें पूरी खबर…