कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने संशोधित कोविड रिस्पॉन्स प्लान तैयार किया है। इसके तहत तीन कैटेगरी में बांट कर कोरोना को रोकने के प्रयास किए जाएंगे। जिसे कंटेंनमेंट जोन, क्लस्टर और आईसोलेट केस वाले इलाके में बांटा गया है। इसमें कंटेंनमेंट जोन में दिशा निर्देशों के अनुसार निगरानी रखी जाएगी। वहीं, क्लस्टर यानी ऐसे इलाके जहां एक साथ ज्यादा मामले आ रहे है। उनको कंटेंनमेंट जोन में बदलकर निगरानी की जाएगी। संशोधित कोविड रिस्पॉन्स प्लान में प्रमुख श्रेणी आईसोलेट केस वाले इलाके है। यानी जहां पर 28 दिन से केस आ रहे है। उन इलाकों में निगरानी और कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग का सख्त किया जाएगा।
इसकी जिम्मेदारी जिला डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस यूनिट की होगी। इसमें पॉजिटिव केस की डेली क्लस्टर रिपोर्ट, लाइन लिस्ट और जियोग्राफिकल मैपिंग संबंधित एजेंसियों को तैयार करना होगा। वहीं, जिला डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस टीम को कोरोना संक्रमण का आकलन करके उसकी चैन का पता लगाना होगा। कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग का काम 72 घंटे में पूरा करना होगा। हाउस टू हाउस सर्वे करके लक्षण वाले लोगों को पता लगाना, हाई रिस्क ग्रुप और स्पेशल सर्विलांस ग्रुप के लोगों की लिस्ट तैयार करना और संक्रमित के पिछले 15 दिनों में सीधे संपर्क में आने वाले लोगो को क्वारेंटाइन करना होगा।
हाई रिस्क ग्रुप के लोगों की जुटाई जाएंगी जानकारी
हाई रिस्क ग्रुप जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दूसरी बीमारी से पीड़ित जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटिज, कैंसर इत्यादि बीमारी से पीड़ित की ज्यादा निगरानी की जाएगी। इनकी जानकारी जुटाने के लिए कंटेंनमेंट जोन, बफर जोन और आईसोलेट एरिया में हाउस टू हाउस सर्वे किया जाएगा। इस ग्रुप के सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। उनका मेडिकल रिकॉर्ड सही तरीके से मेंटेन रखा जाएगा। इस ग्रुप में से किसी के पॉजिटिव या लक्षण दिखने पर कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई की जाएगी।
स्पेशल सर्विलांस ग्रुप पर रहेगी नजर, निगम, पुलिस व आरडब्ल्यूए की मदद ली जाएगी
दिल्ली में रिक्शा-ऑटो ड्राइवर, टैक्सी ड्राइवर, ट्रक व लॉरी ड्राइवर, घरों में काम करने वाली सहायिका,इलेक्ट्रिशियन, एसी मैकेनिक और किराना दुकानदारों पर विशेष नजर रखनी होगी। इन्हें मास्क लगाने और वाहनों को डिस-इंफेक्ट करने के लिए सख्ती होगी। इसके लिए दिल्ली नगर निगम, ट्रांसपोर्ट, पुलिस, डीडीए और आरडब्ल्यूए की मदद ली जाएगी। इनमें से कोई भी यदि पॉजिटिव आता है तो उसको तुरंत घर और कार्यस्थल को सेनिटाइज किया जाएगा। उसके संपर्क में आने वालों का पता लगाया जाएगा और उनको क्वारेंटाइन किया जाएगा।
कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग कर कम किया जा सकता है कोरोना : आइएमए
नई दिल्ली | देश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपनी जीडीपी को 5 फीसदी तक बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अखिल भारतीय चिकित्सा सेवाओं के साथ-साथ पूरे देश में एक समान दिशा-निर्देशों को लगाने की मांग की है। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर राजन शर्मा ने कहा कि जिला स्तर पर कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग और परीक्षण की मदद से लोगों के स्वास्थ्य पर नज़र रखकर कोरोना बीमारी की दर को कम किया जा सकता है। हमें नई पोस्ट-कोविड हेल्थकेयर पॉलिसी की तत्काल आवश्यकता है, जो नॉन-कोविड केयर के लिए समान प्राथमिकता प्रदान कर सके।
28 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में 1700 शाखाओं वाली आईएमए की 3 टियर संरचना इस घातक स्थिति से लड़ने में एक अहम कदम रहा है। सरकार और लोगों के साथ की मदद से आईएमए अबतक 100 से ज्यादा वेबिनार संचालित कर चुका है। वहीं आईएमए के महासचिव डॉक्टर आरवी अशोकन ने कहा कि भारतीय डॉक्टरों के मनोबल को बरकरार रखने के लिए उन्हें निरंतर रूप से काउंसलिंग दी जा रही है। अबतक जितने डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं या इस संक्रमण का शिकार हो चुके हैं, आईएमए ने उनकी राष्ट्रीय कोविड रजिस्ट्री भी बना रखी है।