आईएसआई समर्थित बब्बर खालसा के आतंकी हथियार लेने आए थे दिल्ली, 1984 सिख दंगों में शामिल रहे बड़े नेताओं की हत्या का था प्लान

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल मॉड्यूल के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन्हें बुराड़ी इलाके में शूटआउट के बाद पकड़ा गया। इनके पास से सात पिस्टल, 45 जिंदा कारतूस और दो एंड्रायड फोन बरामद किए हैं। इनकी पहचान रायकोट, लुधियाना पंजाब निवासी भूपेन्द्र सिंह (41) व कुलवंत सिंह (39) के तौर पर हुई। दोनों खालिस्तान मूवमेंट के कट्टर समर्थक हैं जो नार्थ इंडिया के कई राज्य में लोगों को मारने की साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे। बस उन्हें खालिस्तानी आकाओं से निर्देश मिलने का इंतजार था। शुरुआती पूछताछ में खुलासा हुआ है साल 1984 के सिख दंगों में शामिल रहे बड़े नेताओं की हत्या करना इनका साजिश का एक हिस्सा था।

स्पेशल सेल के मुताबिक बब्बर खालसा इंटरनेशनल संगठन से जुड़े दोनों आतंकियों भूपिंद्र और कुलवंत सिंह के बारे में सूचना मिली थी। पता चला था ये नार्थ इंडिया में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी में हैं, जो दिल्ली में हथियारों की खेप लेने के लिए आए हैं। यह इनपुट मिलने के बाद पांच सितम्बर की रात बुराड़ी से मजलिस पार्क रोड नजदीक अंडरपास पुलिस ने ट्रैप लगाया। ग्यारह बजे पुलिस ने एक कार को आते देख उसे रोक लिया। जिसके बाद इन लोगों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग की, जवाब में पुलिस ने भी गोली चलायी। आखिरकार, इन दोनों को वहीं किसी तरह से काबू में किया गया। इनके पास से दो पिस्टल बरामद हुई। पुलिस ने भूपिंद्र का बैग चैक किया, तो उसमें पांच पिस्टल और चाली कारतूस मिले। इन दोनों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों से हुई पूछताछ में उनके बीकेआई और केसीएफ लीडर्स से लिंक का पता चला। जो विदेश में बैठकर लोगों को मारने की साजिश रच रहे हैं, इन खालिस्तानी उग्रवादियों को पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई का समर्थन है।

पाकिस्तान, सऊदी अरब से हो रही थी फंडिंग
भूपेन्द्र सिंह का जन्म पंजाब में हुआ था। वह साल 2005 में काम के लिए दुबई गया, जहां से वर्ष 2007 में भारत लौट आया। साल 2016 में एके ट्रेवल एजेंसी के जरिए वह ड्राइवर की नौकरी के लिए सऊदी अरब गया था। आठ महीने तक उसे वहां कोई काम नहीं मिला। इस वजह से वह ज्यादातर समय फेसबुक पर देता था। इसी प्लेटफार्म पर वह कई खालिस्तानी एक्टिविस्ट के संपर्क में आया, जिसके बाद उसने खालिस्तान मूवमेंट ज्वाइन किया। फेसबुक पर वह हरबिंदर सिंह, अमृतपाल कौर, रणदीप सिंह जरनैल सिंह के टच में आया था। इन्हें पंजाब पुलिस ने साल 2017 में अरेस्ट किया था जो प्रतिबंधित आतंकी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य थे। इस समूह को पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूके से फंडिंग होती थी।

पाकिस्तान से परवेज कर रहा फेसबुक पेज ऑपरेट
इसके बाद उन्होंने खालिस्तान जिंदाबाद नाम से एक ग्रुप बनाया और उनकी प्लानिंग ऑपरेशन ब्लू स्टार की वर्षगांठ पर जत्था वीर खालसा बनाने की प्लानिंग थी। इनकी योजना साल 1984 में सिख दंगे में शामिल हुए नेताओं को मारने की थी। वहीं कुलवंत सिंह करीब पांच छह साल पहले रायकोट में भूपिंद्र से मिला था, जिसके बाद दोनों दोस्त बन गए। भूपिंद्र के सऊदी अरब जाने के बाद वे एक दूसरे से फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में थे। उसने फेसबुक पर पाकिस्तान जिंदाबाद खालिस्तान जिंदाबाद नाम के ग्रुप को ज्वाइन किया था, जिसे पाकिस्तान से परवेज अख्तर नाम का शख्स ऑपरेट कर रहा था।

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ISI-backed Babbar Khalsa terrorists had come to take arms in Delhi, 1984 there was a plan to kill big leaders involved in Sikh riots