अगर आपको सही मेंटोरिंग मिले और आपको सेट फाॅर्मेट से आगे बढ़कर सोचने या प्रोजेक्ट करने की आजादी मिले तो आप स्वयं को सबसे बेहतर परफॉरमेंस दे पाते हैं, जो आपकी सफलता का मुख्य आधार होता है। स्टूडेंट्स को मैं यही सलाह दूंगी कि अगर आप पहले से ही कुछ बेहतर प्रोजेक्ट तैयार करके रखते हैं तो आपको इंटर्नशिप या इंटरव्यू में काफी अच्छा पाॅजीटिव इफेक्ट देखने को मिलता है। सब्जेक्ट में होल्ड होना और मेहनत के साथ हर स्किल्स को डवलप करना बेहद जरूरी है।
ये सलाह दे रही थीं आईटीएम ग्वालियर की स्टूडेंट कृतिका रूपाउलिहा। हाल ही में उन्हें माइक्रोसाॅफ्ट कंपनी ने प्री प्लेसमेंट देते हुए 45 लाख रूपए सालाना की जॉब दी है। वे अभी आईटीएम ग्वालियर में कम्प्यूटर साइंस की फाइनल ईयर की स्टूडेंट है, जो 2021 में पाासआउट होते ही डिग्री मिलने पर माइको्रसाॅफ्ट में इस ऑफर पर जॉब ज्वाइन करेंगी।
अपनी इस उपलब्धि से उत्साहित कृतिका बताती हैं कि यह तो मेरे ड्रीम जॉब से भी बढ़़कर है, क्योंकि इतनी अच्छी कंपनी में सा ऐपैकेज मिलना मेरे लिए बेहद संतुष्टि और स्वपे्ररित होने की खुशी है। आईटीएम के कारण ही यह सब संभव हो पाया क्योंकि यहां मेंटोरिंग काफी अच्छी है मुझे जो भी प्रोजेक्ट पर काम करना होता था तो मुझे कभी सीमाओं में बंधने को नहीं कहा। हमेशा आइडिया या चेंज को प्रोत्साहन मिला। एकेडमिक पार्ट के अलावा यहां सिखाई ट्रेनिंग और गाइडेंस से कांफिडेंस भी काफी मिला।
कृतिका कहती है कि सितम्बर में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल ने हमें गाइडेंस दी क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट ने इंटर्नशिप के लिए एप्लीकेशन मंगवाई थी। 29 सितम्बर 2019 को मेरी एप्लीकेशन सिलेक्ट हुई। नवम्बर के पहले सप्ताह में मेरा एक घंटे का वच्र्युअली इंटरव्यू हुआ। 17 नवम्बर को फाइनली एक ओर इंटरव्यू हुआ इसके बाद मुझे इंटर्नशिप के लिए सिलेक्ट कर लिया गया।
मैंने मई 2020 में माइक्रोसाॅफ्ट हैदराबाद के लिए इंटर्नशिप जॉइन की और कंपनी के निर्देशानुसार और उनकी गाइडलाइन के अनुसार मैंने वर्क फ्राॅम होम से अपनी परफॉरमेंस दी। दस वीक तक मैंने उनके लिए कार्य किया और कंपनी ने मुझे बहुत बेहतर रिस्पांस दिया। मुझे कई प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका भी दिया। मैं माइक्रोसॉफ्ट की सिक्योरिटी टीम का हिस्सा थी। मुझे हर मीटिंग में जोड़ा जाता था। वहां मुझे बिल्कुल एहसास नहीं हुआ कि मैं इंटर्नशिप कर रही हूं, एक एम्पलाॅय की तरह वे मुझे महत्व देते थे। सबसे अच्छी बात रही कि इतने बड़े अधिकारियों और अनुभवी एम्पलाॅयज के बीच भी वे मेरे सजेशन भी सुनते थे। अब सिर्फ अभी तक काॅलेज में सीखी और विकसित की हुई स्किल्स और इंटर्नशिप के अनुभव के आधार पर मुझे उम्मीद है कि जॉब के दौरान भी मैं आईटीएम और अपने पैरेंट्स का नाम रोशन कर पाउंगी।
प्रोजेक्ट्स से प्रभावित होकर मिला जॉब ऑफर
जब मैंने उनके कई प्रोजेक्ट अच्छे से कम्पलीट किए तो मेरे प्रोजेक्ट को उन्होंने काफी सराहा और प्रजेंटेशन भी करवाई। इसके बाद मेरा एक स्पेशल इंटरव्यू किया गया। फिर उन्होंने हर तरह से परखने के बाद मुझे जॉब ऑफर की और बताया कि आपका पैकेज 45 लाख रूपए सालाना रहेगा। आप डिग्री पूरी करने के बाद 21 जून 2021 को ज्वाइन कर सकती हैं। यहां मैं आईटीएम को श्रेय देती हूं क्योंकि जब स्टूडेंट्स फाइनल ईयर में पहुंचते हैं तो उन्हें कैम्पस प्लेसमेंट टेक्निक से रूबरू कराया जाता है। जो उन्हें कई चीजों के लिए तैयार करते हैं,जैसे रिज्युमे फार्मेशन, कैम्पस ड्राइव में कैसे भागीदारी करें, कैम्पस इंटरव्यू टेक्निक्स आदि। इसका ही फायदा हमें बड़ी कंपनीज में कांफिडेंस के साथ खुद की योग्यता को साबित करने का अवसर के रूप में मिलता है।
लगभग 62 से ज्यादा स्टूडेंट्स को अभी तक मिला 10-12 लाख तक का पैकेज
इनोवेटिव और जॉब ओरिएंटेड एजुकेशन पर जोर देने के कारण आईटीएम ग्वालियर सभी कंपनियों की पहली पसंद बन चुका है, इसका अंदाजा लगातार यहां आ रहीं कंपनीज और रिक्रूटमेंट को देखकर लगाया जा सकता है। 2019-20 में ही 100 से ज्यादा कम्पनीज आईटीएम ग्रुप ग्वालियर में विजिट कर स्टूडेंट्स को रिक्रूट कर चुकी हैं। जिनमें खासकर 62 से ज्यादा स्टूडेंट्स को 10 लाख से 12 लाख रूपए सालाना पर रिक्रूट किया है। सिर्फ लॉकडाउन में ही लगभग 40 के आसपास स्टूडेंट्स 12 लाख तक के पैकेज पर रिक्रूट हो चुके हैं।
“ख़ुशी है कि हमारे ज्यादातर स्टूडेंट्स 10-12 लाख रूपए तक के पैकेज पर रिक्रूट हो रहे हैं। कृतिका को 45 लाख रूपए सालाना का पढाई के दौरान ही प्री-प्लेसमेंट का इतना बेहतर ऑफर मिलना हम सभी के लिए गौरव की बात है। स्टूडेंट्स को हर तरह से स्किल्ड बनाकर उन्हें जॉब अपॉच्र्युनिटीज के लिए तैयार करना हमारी प्रायोरिटी होती है। जिसके लिए हमने फस्र्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर तक के कई ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार कर रखे हेै। कोविड-19 के कारण वर्तमान स्थिति देखते हुए उनमें सिर्फ थोड़ा सा परिवर्तन किया गया है, जिसके कारण हम अब भी इस स्थिति में बेहतरीन कर पा रहे हैं। अब तक 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स इस लॉकडाउन पीरियड में ही रिक्रूट हो चुके हैं या फिर इंटर्नशिप मिल चुकी है, जो हमारे लिए गौरव की बात है।” – डाॅ दौलत सिंह चैहान, प्रो चांसलर, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर