केंद्र सरकार की ओर से आईपीएल के आयोजन को मंजूरी मिल गई है। कोविड-19 के कारण देश में लगातार बढ़ रहे लॉकडाउन से टूर्नामेंट के होने पर संशय खड़ा हो गया था। लेकिन टी-20 वर्ल्ड कप के स्थगित होने के कारण इसका आयोजन हो पा रहा है।
आईसीसी और बीसीसीआई के बीच तनावपूर्ण रिश्ते के बीच यह आसान नहीं था। आईपीएल का आयोजन बोर्ड के लिए राहत की बात है। इतने कम समय में देश के बाहर टूर्नामेंट कराना आसान नहीं है। कोविड-19 इन समस्याओं में से एक है। यह इवेंट पैसे से जुड़ा है।
बोर्ड को वीवो से 440 करोड़ रुपए हर साल मिलते थे
भारत-चीन विवाद के बीच वीवो ने टाइटल स्पॉन्सरशिप छोड़ दी। इससे बोर्ड काे हर साल 440 करोड़ रुपए मिलते थे। हालांकि, बोर्ड की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया है कि सिर्फ एक साल के लिए वीवो हटा है। इससे उसकी वापसी के रास्ते खुले हैं।
बीसीसीआई औऱ वीवो ने आपसी सहमति के बाद हटने का फैसला लिया
जानकारी के मुताबिक, बोर्ड और वीवो दोनों ने मिलकर हटने का फैसला किया। आईपीएल से अच्छी कमाई होती है। ऐसे में दोनों इसे नहीं खोना चाहते। दोनों अगले कुछ महीने की स्थिति देखेंगे। अगर सबकुछ सही रहा तो 7-8 महीने में वीवो की फिर से वापसी हो सकती है।
इस सीजन में वीवो जितनी बड़ी डील मिलना मुश्किल
मौजूदा सीजन के लिए बोर्ड काे स्पॉन्सर खोजना होगा। हालांकि, 440 करोड़ रुपए मिलना मुश्किल है। मैच बिना फैंस के होंगे और मर्चेंडाइज की बिक्री पर भी असर होगा। हालांकि, ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से दोनों को बड़ी फीस मिलती है। भले ही कमाई कम होगी, लेकिन फिर भी दोनों अच्छी स्थिति में होंगे। यह एक कठिन समय है, इसलिए यह सबसे बड़ी बात है।