लोकसभा में आज वक्फ संशोधन बिल पेश होगा। प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे बिल सदन में रखा जाएगा। इस पर चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला 8 घंटे का समय तय किया है। इसमें से NDA को 4 घंटे 40 मिनट दिए गए हैं, बाकी वक्त विपक्ष को मिला है। चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बिल को समर्थन देने की घोषणा की है। दोनों पार्टियों ने अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। दूसरी तरफ विपक्ष बिल के विरोध में है। मामले में तमिलनाडु की AIADMK, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति जैसी न्यूट्रल पार्टियां भी विपक्ष के साथ हैं। बीते दिन INDIA ब्लॉक के दलों ने संसद भवन में बैठक करके बिल पर अपनी रणनीति को लेकर चर्चा की। इसके अलावा विपक्ष ने चर्चा का समय बढ़ाकर 12 घंटे करने की मांग की है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। देश भी जानना चाहता है कि किस पार्टी का क्या स्टैंड है। वोटिंग होने पर आंकड़े NDA के पक्ष में सरकार ने JDU-TDP के सुझाव माने
दोनों पार्टियों ने बिल पर 3 सुझाव दिए थे। सरकार ने इन्हें मान लिया है। फरवरी में कैबिनेट ने बिल को मंजूरी दी
कैबिनेट ने 19 फरवरी को वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दी थी। बिल पर बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की रिपोर्ट के आधार पर वक्फ बिल का नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। बिल पर JPC की रिपोर्ट बजट सत्र के पहले फेज में 13 फरवरी को संसद में पेश हुई थी। कमेटी ने 30 जनवरी को 655 पन्नों रिपोर्ट स्पीकर ओम बिरला को सौंपी थी। इस दौरान JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे थे। हालांकि विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया था। विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट का विरोध किया था
कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी। 16 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में, जबकि 11 ने विरोध में वोट डाला। बाकी सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था- 655 पन्नों की रिपोर्ट एक रात में पढ़ना असंभव था। मैंने रिपोर्ट पर असहमति जताई है। वहीं, JPC सदस्य DMK सांसद ए राजा ने कहा था कि भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने समिति की कार्यवाही अपनी मर्जी से चलाई। मुझे लगता है कि रिपोर्ट भी पहले से तैयार थी। यह बिल पास हो जाता है तो हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज पढ़ी
वक्फ बिल के विरोध में कई जगह मुस्लिमों ने काली पट्टियां बांधकर ईद की नमाज अदा की। रमजान के आखिरी जुमा (जुमातुल विदा) 28 मार्च को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देशभर के मुसलमानों से काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने जाने को कहा था। AIMPLB की ओर से जारी अपीली चिट्ठी में लिखा था- वक्फ संशोधन बिल का पुरजोर विरोध करना देश के हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। सभी मुसलमान नमाज के लिए मस्जिद जाते समय काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण और मौन विरोध दर्ज कराएं। ———————————————————— वक्फ विवाद से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… यूपी सरकार का दावा- वक्फ की 78% जमीन हमारी, अयोध्या का बहू-बेगम मकबरा भी राज्य सरकार का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वक्फ बिल पर JPC की बैठक में राज्य सरकार की ओर से कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने पक्ष रखा था। उन्होंने बताया था- यूपी में वक्फ की 14 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसमें से 11 हजार (करीब 78%) जमीन यूपी सरकार की है। पूरी खबर पढ़ें…
दोनों पार्टियों ने बिल पर 3 सुझाव दिए थे। सरकार ने इन्हें मान लिया है। फरवरी में कैबिनेट ने बिल को मंजूरी दी
कैबिनेट ने 19 फरवरी को वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दी थी। बिल पर बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की रिपोर्ट के आधार पर वक्फ बिल का नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। बिल पर JPC की रिपोर्ट बजट सत्र के पहले फेज में 13 फरवरी को संसद में पेश हुई थी। कमेटी ने 30 जनवरी को 655 पन्नों रिपोर्ट स्पीकर ओम बिरला को सौंपी थी। इस दौरान JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे थे। हालांकि विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया था। विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट का विरोध किया था
कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी। 16 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में, जबकि 11 ने विरोध में वोट डाला। बाकी सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था- 655 पन्नों की रिपोर्ट एक रात में पढ़ना असंभव था। मैंने रिपोर्ट पर असहमति जताई है। वहीं, JPC सदस्य DMK सांसद ए राजा ने कहा था कि भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने समिति की कार्यवाही अपनी मर्जी से चलाई। मुझे लगता है कि रिपोर्ट भी पहले से तैयार थी। यह बिल पास हो जाता है तो हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज पढ़ी
वक्फ बिल के विरोध में कई जगह मुस्लिमों ने काली पट्टियां बांधकर ईद की नमाज अदा की। रमजान के आखिरी जुमा (जुमातुल विदा) 28 मार्च को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देशभर के मुसलमानों से काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने जाने को कहा था। AIMPLB की ओर से जारी अपीली चिट्ठी में लिखा था- वक्फ संशोधन बिल का पुरजोर विरोध करना देश के हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। सभी मुसलमान नमाज के लिए मस्जिद जाते समय काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण और मौन विरोध दर्ज कराएं। ———————————————————— वक्फ विवाद से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… यूपी सरकार का दावा- वक्फ की 78% जमीन हमारी, अयोध्या का बहू-बेगम मकबरा भी राज्य सरकार का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वक्फ बिल पर JPC की बैठक में राज्य सरकार की ओर से कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने पक्ष रखा था। उन्होंने बताया था- यूपी में वक्फ की 14 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसमें से 11 हजार (करीब 78%) जमीन यूपी सरकार की है। पूरी खबर पढ़ें…