पिछले दिनों मेरे दोस्त ने एक क्रेडिट कार्ड लिया। क्रेडिट कार्ड डिलीवर होते ही उसने 56,000 का स्मार्टफोन खरीद लिया। मंथली इनकम से अधिक महंगा फोन खरीदते ही दूसरी किस्त टूट गई। इस पर भारी भरकम लेट पेमेंट और ब्याज दर लगा। ऐसी गलतियां कई सारे लोग करते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक, साल 2024 के दिसंबर महीने तक क्रेडिट कार्ड पर कुल बकाया राशि 6,742 करोड़ रुपये थी। यह राशि साल 2023 के मुकाबले 1500 करोड़ अधिक है। यानी क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में की गई लापरवाही या जानकारी के कमी के चलते लोग कर्ज के जाल में फंस रहे हैं। EMI टूटने या लिमिट एक्सीड करने पर क्रेडिट कार्ड कंपनियां या बैंक पेनल्टी के साथ महंगा ब्याज दर भी वसूलती हैं। ऐसे में आज हम आपका पैसा कॉलम में जानेंगे कि- सवाल- क्रेडिट कार्ड क्या है? जवाब- क्रेडिट कार्ड एक प्लास्टिक कार्ड होता है, जो डेबिट कार्ड (ATM कार्ड) की तरह ही होता है। डेबिट कार्ड के जरिए हम अपने बैंक खाते की राशि निकाल सकते हैं। वहीं, क्रेडिट कार्ड के जरिए हम बैंक या NBFC से उधार लेकर शॉपिंग कर सकते हैं। हर महीने क्रेडिट कार्ड के खर्चों का बिल मिलता है, जिसका भुगतान एक निश्चित तारीख तक करना होता है। यदि भुगतान नहीं किया जाता है, तो बचे हुए राशि पर ब्याज देना पड़ता है। सवाल- क्या क्रेडिट कार्ड की वजह से हम डेट ट्रैप में फंस सकते हैं? जवाब- हां, क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में गलती करने या लापरवाही करने पर आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं। कमाई से ज्यादा खर्च करने की आदत, शॉपिंग की लत आपको डेट ट्रैप में फंसा सकती है। हैसियत के ज्यादा खर्च करने की वजह से क्रेडिट कार्ड बिल भरना मुश्किल हो जाता है। उच्च ब्याज दर की वजह से लोग कई महीनों तक सिर्फ ड्यू अमाउंट भरते रहते हैं। इससे कर्ज की राशि जस की तस बनी रहती है। सवाल- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते किन गलतियों से बचना चाहिए? जवाब- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल के समय की गई गलतियां क्रेडिट स्कोर और जेब दोनों पर असर डाल सकती हैं। ऐसे में कुछ गलतियों से हमेशा बचना चाहिए। सवाल- क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है? जवाब- क्रेडिट कार्ड का सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। अपने खर्चों को ट्रैक करें: कार्ड क्रेडिट लिमिट और खर्चों पर नजर रखें। अनावश्यक खरीदारी से बचें। समय पर बिल का भुगतान करें: क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान ड्यू डेट से पहले पूरा करें। इससे ब्याज से बचेंगे और आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होगा। न्यूनतम भुगतान से बचें: सिर्फ न्यूनतम देय राशि यानी ड्यू अमाउंट का भुगतान न करें। इससे आप ब्याज के जाल में फंस सकते हैं। हमेशा पूरी बकाया राशि का भुगतान करने का प्रयास करें। ऐसा संभव न हो तो कर्ज को EMI में कन्वर्ट करें। क्रेडिट लिमिट का सीमित उपयोग करें: क्रेडिट लिमिट का 30% से 40% से ज्यादा इस्तेमाल न करें। इससे आपका CIBIL स्कोर बेहतर होगा। कैश निकालने से बचें: बैंक हर ट्रांजैक्शन पर 2.5% से 3.5% तक एडवांस शुल्क लेते हैं। यह 300 से 500 रुपए तक हो या ज्यादा हो सकता है। साथ ही, 36% से 48% तक सालाना ब्याज दर लगती है। रिवॉर्ड और ऑफर्स का लाभ उठाएं: क्रेडिट कार्ड के साथ मिलने वाले रिवॉर्ड पॉइंट, कैशबैक और ऑफर्स का लाभ उठाएं। इससे आपके जेब पर भार नहीं पड़ेगा। क्रेडिट रिपोर्ट नियमित रूप से जांचें: हर दूसरे या तीसरे महीने क्रेडिट स्कोर चेक करते रहें। इससे आपके खर्च, कर्ज और गलतियों का पता चलता रहता है। सवाल- क्रेडिट कार्ड के नुकसान क्या हैं? जवाब- क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। कोई छोटी सी गलती बड़ी बन सकती है। इससे आपकी वित्तीय स्थिति चरमरा सकती है। उच्च ब्याज दरें: समय पर पूरा भुगतान नहीं करने से उच्च ब्याज दर लगती है। जिससे कर्ज तेजी से बढ़ सकता है। ओवरस्पेंडिंग का खतरा: क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली छूट की वजह से लोग जरूरत से ज्यादा खर्च करते हैं और कर्ज में फंस जाते हैं। कई सारे शुल्क: क्रेडिट कार्ड पर वार्षिक शुल्क, लेट फीस, कैश एडवांस फीस आदि जैसे कई तरह के शुल्क लगते हैं। क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इंपैक्ट: समय पर भुगतान न करने या क्रेडिट लिमिट से 40% ज्यादा इस्तेमाल करने से क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। इससे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। डेट ट्रैप: सावधानी से इस्तेमाल न करने पर आदमी कर्ज के जाल में फंस सकता है। सवाल- क्या क्रेडिट कार्ड के कई सारे फायदे भी हैं? जवाब- हां, क्रेडिट कार्ड के कई सारे फायदे भी हैं, यदि उनका सही और जिम्मेदारी से इस्तेमाल किया जाए। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। कैशलेस सुविधा: बिना कैश के शॉपिंग और पेमेंट करने की सुविधा देता है। ब्याज-मुक्त अवधि: सही समय पर बकाया राशि चुकाने पर कोई ब्याज नहीं लगता है। अलग-अलग बैंक इसके लिए अलग-अलग समय सीमा देते हैं। रिवॉर्ड और कैशबैक: क्रेडिट कार्ड कंपनियां यूजर्स को कैशबैक, डिस्काउंट और कई रिवार्ड्स देती हैें। क्रेडिट स्कोर बनाने में सहायक: जिम्मेदारी से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने, समय पर भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है। इससे भविष्य में लोन लेने में आसानी होती है। आपात स्थिति में उपयोगी: अप्रत्याशित खर्चों या आपात स्थिति के लिए क्रेडिट कार्ड एक बैकअप के रूप में काम आ सकता है। सुरक्षा: नकदी की तुलना में क्रेडिट कार्ड अधिक सुरक्षित होते हैं। कार्ड खो जाने या चोरी हो जाने पर आप बैंक को सूचित करके उसे ब्लॉक करवा सकते हैं। ऑनलाइन खरीदारी में छूट: क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग करने पर डिस्काउंट मिलता है। सवाल- किसे क्रेडिट कार्ड का नहीं इस्तेमाल करना चाहिए? जवाब- आमतौर पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तो हर कोई कर सकता है। हालांकि, ऐसे लोग जिनकी वित्तीय समझदारी कम है और खर्चों पर संतुलन नहीं रख पाते हैं। उन्हें क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से बचना चाहिए। जो लोग खर्चों को नियंत्रित नहीं कर पाते: बिना सोचे-समझे खर्च करने की आदत हो, आय से अधिक खर्च करने की आदत है, तो क्रेडिट कार्ड लेने से पहले अपनी इस आदत से छुटकारा पाएं। जिनके पास स्थिर आय नहीं है: अस्थिर आय वाले लोगों के लिए समय पर क्रेडिट कार्ड का बिल भरने में मुश्किल हो सकती है। ऐसे लोगों को क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बैकअप के साथ करना चाहिए। जो न्यूनतम देय राशि चुकाने वाले लोग: कुछ लोग सिर्फ न्यूनतम देय राशि चुकाते हैं। ऐसे लोगों को भी क्रेडिट कार्ड से दूर रहना चाहिए। जिनमें वित्तीय अनुशासन की कमी है: क्रेडिट कार्ड के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। यदि आप ड्यू डेट्स याद नहीं रख पाते, खर्चों का हिसाब नहीं रखते, या बजट बनाकर नहीं चलते हैं, तो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल न करें। नियमों और शर्तों को नहीं समझते: ब्याज दर, लेट पेमेंट, पेनल्टी जैसी चीजें समझ नहीं आती हों, तो क्रेडिट कार्ड से बचें। कर्ज चुकाने के लिए दूसरा कर्ज लेने वाले लोग: कुछ लोग कई सारे क्रेडिट कार्ड रखते हैं। ऐसे में वे लोग एक कार्ड से दूसरे कार्ड का बिल भरते रहते हैं। या पर्सनल लोन ले लेते हैं। यह आदत भी कर्ज के जाल फंसा सकती हैं। ऐसे लोगों को क्रेडिट कार्ड क्लोज करा देना चाहिए।
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आपका पैसा- NPS में करें निवेश:13.7 लाख तक की आय हो सकती है टैक्स फ्री, सरकारी-प्राइवेट इम्प्लॉइज के लिए कौन सी टैक्स रिजीम बेहतर 1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो चुका है। इसके साथ ही इनकम टैक्स डिक्लेरेशन की तैयारी भी शुरू हो गई है। कर्मचारियों को जल्दी ही दफ्तर को यह बताना होगा कि वो पुराना टैक्स रिजीम चुनेंगे या नया टैक्स रिजीम अपनाएंगे। इससे दुविधा हो सकती है। पूरी खबर पढ़िए