आपका पैसा- पर्सनल और टॉप-अप लोन क्या है:दोनों में क्या है फर्क, कौन-सा लोन बेहतर, कितनी है ब्याज दर, जानें लेने का प्रोसेस

कभी-कभी जिंदगी में ऐसे मौके आते हैं जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है। जैसे घर खरीदना हो या नया मकान बनाना हो, बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल खर्च या शादी-ब्याह के लिए। ऐसे में जब इन सब खर्चों के लिए हमारे पास सेविंग्स नहीं होती हैं, तो हमें लोन लेना पड़ता है। कई बार ऐसी स्थिति हो जाती है कि हम पहले से कोई लोन लिए होते हैं। ऐसे में हमारे पास दो विकल्प सामने होते हैं। पहला है पर्सनल लोन और दूसरा टॉप-अप लोन। पर्सनल लोन कोई भी व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से ले सकता है, जबकि टॉप-अप लोन उन्हीं को मिलता है, जिन्होंने पहले से कोई लोन ले रखा हो। ऐसे में आज हम ‘आपका पैसा’ कॉलम में जानेंगे कि- सवाल- पर्सनल लोन और टॉप लोन क्या है? जवाब- पर्सनल लोन: पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है। यानी ऐसा लोन, जिसमें बैंक के पास कोई सामान गिरवी नहीं रखा जाता है।
बैंक या NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) ऐसे लोन आपका सिबिल (CIBIL) स्कोर, इनकम और लोन चुकाने की कैपेबिलिटी देखकर देते हैं। टॉप-अप लोन: टॉप-अप लोन किसी पुराने लोन पर लिया गया है टॉप-अप है। मान लीजिए आपने बैंक से 10 लाख रुपये होम लोन के रूप में लिया। अब आपको एक लाख रुपये की और जरूरत पड़ती है।
यह एक लाख रुपये आपने अपने 10 लाख के पुराने लोन पर एक लाख का टॉप ले लिया। यानी अब यह लोन 11 लाख का हो गया है। सवाल- पर्सनल लोन के फायदे क्या हैं? जवाब- पर्सनल के कई सारे फायदे और नुकसान हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है: हम अपनी किसी भी जरूरत को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं। इसमें शादी का खर्च, एजुकेशन, ट्रैवल या किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में पर्सनल लोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है: पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होते जाते हैं। यानी ऐसे लोन जिसके लिए हमें बैंक के पास किसी भी संपत्ति को गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है। पर्सनल लोन जल्दी मिलता है: क्रेडिट स्कोर अच्छा होने पर, पुराने लोन समय से चुकाने पर, रेगुलर इनकम होने पर पर्सनल लोन आसानी से मिल जाता है। आसान मासिक किस्तों में लोन चुका सकते हैं: पर्सनल लोन एक निश्चित रिपेमेंट अवधि के साथ मिलते हैं। यानी हमें इन्हें आसान किस्तों में धीरे-धीरे चुका सकते हैं। सवाल- पर्सनल लोन के नुकसान क्या हैं? जवाब- पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होने की वजह से लेना महंगा होता है। इसमें लगने वाली ब्याज दर अधिक होती है। ब्याज की दर अधिक होती है: पर्सनल लोन में बैंक के पास हमारी कोई संपत्ति गिरवी नहीं होती है। ऐसे में बैंक पर्सनल लोन में ब्याज की दर महंगी रखते हैं। आमतौर पर बैंक पर्सनल लोन की ब्याज दरें 10% से 16% तक रखते हैं। लोन की राशि कम होती है: पर्सनल लोन में मिलने वाली राशि आमतौर पर सिक्योर्ड लोन की तुलना में कम होती है। पर्सनल लोन मिलना मुश्किल होता है: बैंक और NBFC कंपनियां हर किसी को पर्सनल लोन देने में हिचकिचाती हैं। इसके लिए आपका CIBIL स्कोर अच्छा होना चाहिए, रेगुलर इनकम होनी चाहिए और पुराना लोन चुकाने का रिकॉर्ड बेहतर होना चाहिए। सवाल- टॉप-अप लोन के फायदे और नुकसान क्या हैं? जवाब- टॉप अप लोन के कई सारे फायदे और नुकसान हैं। आइए पहले इसके फायदे समझते हैं। आसानी से मिल जाता है: यदि आपने पहले से किसी बैंक से होम लोन, गोल्ड या कोई भी सिक्योर्ड लोन ले रखा है, तो बैंक आपको टॉप-अप लोन ऑफर कर सकते हैं।
हालांकि, कुछ NBFC कंपनियां और बैंक पर्सनल लोन पर भी चुनिंदा ग्राहकों को टॉप-अप लोन ऑफर करने लगे हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है। ब्याज दर कम होती है: टॉप-अप लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है क्योंकि ये बैंक के पास पहले से गिरवी रखी संपत्ति पर लिया जाता है। ऐसे में बैंक इसमें पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज वसूलते हैं। लोन अधिक मिलता है: अगर आपने बैंक के पास घर, जमीन या गोल्ड गिरवी रखा है, जिसकी कीमत ज्यादा है, तो बैंक आपको अधिक लोन दे सकता है। जबकि पर्सनल लोन में क्रेडिट स्कोर और इनकम के आधार पर लोन दिया जाता है। लम्बी रिपेमेंट अवधि: टॉप-अप लोन के लिए आपको अलग से किस्त भरने की जरूरत नहीं होती है। इसे आपके सिक्योर्ड लोन में ही जोड़ा जा सकता है। ऐसे में आपको छोटी किस्तों के जरिए लोन चुकाने का मौका मिलता है। टॉप-अप लोन के नुकसान पहले से कोई लोन होना चाहिए: जिस बैंक या NBFC से आप टॉप-अप लोन लेना चाहते हैं, उसी बैंक से आपके नाम कोई लोन होना चाहिए। संपत्ति को गिरवी रखना पड़ता है: टॉप-अप लोन आपके मौजूदा लोन से जुड़ा होता है। ऐसे में यदि आप समय से लोन नहीं चुकाते हैं, तो बैंक के पास आपकी गिरवी रखी संपत्ति जोखिम में पड़ सकती है। प्रोसेसिंग शुल्क लग सकता है: टॉप-अप लोन पर भी प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य शुल्क लग सकता है। सवाल- लोन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होते हैं? जवाब- लोन के लिए दस्तावेज बैंक और आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होते हैं। बैंक कुछ अतिरिक्त डॉक्यूमेंट्स की मांग कर सकता है। इसलिए, आवेदन करने से पहले अपने बैंक से आवश्यक दस्तावेजों की सूची प्राप्त करें। सवाल- टॉप-अप लोन की राशि पर कोई सीमा होती है? यह किस आधार पर तय की जाती है? जवाब- हां, टॉप-अप लोन पर कितनी रकम मिलेगी, इसे बैंक या NBFC कंपनियां अलग-अलग पैरामीटर के जरिए तय करती हैं। आपके मौजूदा लोन के जरिए: आपने बैंक से कितना लोन लिया है और अब तक कितना चुके हैं। संपत्ति का बाजार मूल्य: लोन के लिए बैंक के पास गिरवी रखी हुई संपत्ति की बाजार में कितनी कीमत है। आपकी रिपेमेंट कैपेसिटी: बैंक आपकी आय, अन्य देनदारियों और क्रेडिट स्कोर का आकलन करके आपकी रिपेमेंट कैपेसिटी का मूल्यांकन करता है। बैंक या NBFC कंपनियों की पॉलिसी: बैंक और NBFC कंपनियों की टॉप-अप लोन की राशि के लिए उनकी अपनी पॉलिसी होती है। सवाल- टॉप-अप लोन लेते समय किन शर्तों और नियमों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- टॉप-अप लोन लेते समय आपको कुछ जरूरी शर्तों और नियमों का ध्यान रखना चाहिए। प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य शुल्क: लोन प्रोसेसिंग शुल्क, स्टैंप ड्यूटी, प्रीपेमेंट पेनल्टी आदि जैसे सभी चार्जेस के बारे में स्पष्ट जानकारी हासिल करें। रिपेमेंट पीरियड: लोन लेने से पहले लोन चुकाने की क्षमता का आकलन करें। इस बात का ध्यान रखें कि लंबी अवधि पर भले किस्त छोटी होगी, लेकिन कुल ब्याज अधिक होगा। सुरक्षा: याद रखें कि टॉप-अप लोन आपके मौजूदा लोन से जुड़ा होता है, इसलिए आपकी संपत्ति अभी भी बैंक के पास गिरवी रखी होती है। उपयोग के नियम: कुछ बैंक टॉप-अप लोन के उपयोग पर कुछ प्रतिबंध लगा सकते हैं। पता करें कि आप इस राशि का उपयोग आप किन उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं। प्रीपेमेंट नियम: यदि आप लोन को समय से पहले चुकाना चाहते हैं, तो प्रीपेमेंट के नियम और ब्याज में मिलने वाली छूट के बारे में जानकारी हासिल करें। लेट पेमेंट: यदि आप किसी कारणवश EMI का भुगतान समय पर नहीं कर पाते हैं, तो लेट पेमेंट कितना लग सकता है। क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव: लोन का उचित रिपेमेंट आपके क्रेडिट स्कोर के लिए महत्वपूर्ण है। EMI भरने में देरी या लोन नहीं चुका पाने की स्थिति में आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। समझौते की शर्तें: लोन समझौते के सभी नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समझें। …… पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें आपका पैसा- क्रेडिट कार्ड कहीं कंगाल न कर दे:कभी न करें ये 8 गलतियां, इस्तेमाल के 5 फायदे, जानें फाइनेंशियल एक्सपर्ट से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक, साल 2024 के दिसंबर महीने तक क्रेडिट कार्ड पर कुल बकाया राशि 6,742 करोड़ रुपए थी। यह राशि साल 2023 के मुकाबले 1500 करोड़ अधिक है। यानी क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में की गई लापरवाही या जानकारी के कमी के चलते लोग कर्ज के जाल में फंस रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें