आपका लोन महंगा नहीं, न EMI बढ़ेगी:RBI ने रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखा, लेकिन मंहगाई बढ़ने की आशंका; इससे GDP ग्रोथ घटने का डर

आपके मौजूदा लोन महंगे नहीं होंगे, न ही आपकी EMI बढ़ेगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों को 6.5% पर बरकरार रखा है। सेंट्रल बैंक ने लगातार 11वीं बार दरें नहीं बदली हैं। आखिरी बार फरवरी 2023 में ब्याज दर 0.25% बढ़ाकर 6.5% की गई थी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। यह मीटिंग हर दो महीने में होती है। RBI ने महंगाई बढ़ने की आशंका भी जताई है, जिससे इकोनॉमिक ग्रोथ पर निगेटिव असर पड़ सकता है। इसीलिए अगले फाइनेंशियल इयर में GDP ग्रोथ अनुमान 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया गया है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में आम आदमी को क्या मिला? 1. लोन ग्राहकों के लिए: RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा है। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और मौजूदा लोन की EMI भी नहीं बढ़ेगी। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।​​​​​​ 2. किसानों के लिए: कोलेटरल फ्री एग्रीकल्चरल लोन यानी कोई सामान गिरवी रखे बिना कर्ज देने की सीमा 1.6 लाख रुपए प्रति उधारकर्ता से बढ़ाकर 2 लाख रुपए प्रति उधारकर्ता करने का फैसला लिया गया है। एग्रीकल्चरल इनपुट कॉस्ट और ओवरऑल इन्फ्लेशन में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है। आखिरी बार इसमें 2019 में बदलाव किया गया था। 3. UPI ग्राहकों के लिए: UPI पर क्रेडिट लाइन यानी अकाउंट में पैसा न होने पर भी भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने की इजाजत अब स्मॉल फाइनेंस बैंकों को भी दी गई है। इसकी शुरुआत सितंबर 2023 में हुई थी। तब इसे शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंक्स जैसे SBI, HDFC, ICICI और ऐसे ही दूसरे बड़े बैंक्स के जरिए उपलब्ध कराया गया था। RBI का कहना है कि ताजा फैसले से ज्यादा लोग वित्तीय लेनदेन की सुविधा इस्तेमाल कर सकेंगे। 4. बैंकों के लिए: कमेटी ने बैंकों के लिए अनिवार्य कैश रिजर्व रेश्यो यानी CRR को 4.50% से घटाकर 4% कर दिया है। इससे बैंकों के पास नकदी बढ़ेगी, जिसका इस्तेमाल वे लोन बांटने के लिए कर सकते हैं। बैंकों को अपने पास जमा राशि का एक न्यूनतम प्रतिशत RBI के पास रिजर्व के तौर पर रखना होता है। इसे ही CRR कहा जाता है। इसका इस्तेमाल RBI इकोनॉमी में मनी फ्लो को कंट्रोल करने के लिए करती है। इससे लिक्विडिडी यानी बाजार में नकदी की उपलब्धता नियंत्रित रहती है। 5. इकोनोमिक ग्रोथ पर: RBI गवर्नर ने देश की अर्थव्यवस्था के बेहतर रहने की उम्मीद जताई, लेकिन कुछ चुनौतियों का जिक्र भी किया, जो इस पर असर डाल सकती हैं: इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर RBI के अनुमान ग्राफिक से समझिए… RBI ने 2020 से 5 बार में ब्याज दरों में 1.10% की बढ़ोतरी की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कोरोना के दौरान (27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर 2020) दो बार ब्याज दरों में 0.40% की कटौती की। इसके बाद अगली 10 मीटिंग्स में सेंट्रल बैंक ने 5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, चार बार कोई बदलाव नहीं किया और एक बार अगस्त 2022 में 0.50% की कटौती की। कोविड से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो रेट 5.15% पर था। कमेटी के 6 में से 4 मेंबर ब्याज दरों में बदलाव के पक्ष में नहीं MPC में 6 मेंबर हैं, जिनमें 3 RBI के अधिकारी और बाकी 3 सरकार की तरफ से नॉमिनेटेट मेंबर हैं। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव रंजन पहले से शामिल हैं। वहीं सरकार ने 1 अक्टूबर को कमेटी में राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार की बाहरी सदस्यों के तौर पर नियुक्ति की है। RBI गवर्नर ने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव के पक्ष में नहीं थे। बदलाव नहीं होने के कारण स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी यानी SDF रेट 6.25% पर बनी हुई है और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी यानी MSF रेट और बैंक रेट 6.75% पर बरकरार है। महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली टूल होता है पॉलिसी रेट किसी भी सेंट्रल बैंक के पास पॉलिसी रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है, तो सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। पॉलिसी रेट ज्यादा होगी तो बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है। इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। गूगल पर ट्रेंड कर रहा RBI RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। इस खबर के बाद से RBI को गूगल पर लगातार सर्च किया जा रहा है। पिछले 30 दिनों के गूगल ट्रेंड्स को भी देखें तो साफ है कि RBI को सर्च करने का ग्राफ बढ़ा है। सोर्स- GOOGLE TRENDS यह भी पढ़ें… देश में निष्क्रिय बैंक अकाउंट में ₹1 लाख करोड़: ऐसे अकाउंट धोखाधड़ी को भी बढ़ावा दे रहें, RBI लगाम लगाने की तैयारी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों में बढ़ रहे फ्रीज और इनऑपरेटिव अकाउंट पर चिंता जताई है। बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे अकाउंट में कमी लाने के लिए तत्काल हर संभव जरूरी कदम उठाएं। बैंकों से कहा गया है कि ऐसे अकाउंट्स की KYC के लिए मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग, नॉन-होम ब्रांच, वीडियो कस्टमर आइडेंटिफिकेशन जैसी आसान प्रोसेस अपनाएं। पूरी खबर पढ़े…