कर्नाटक के उडुपी जिले की एक आर्शा वर्कर राजीवी ने एक गर्भवती महिला को आधी रात को अपने ऑटो रिक्शा में करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित सरकारी अस्पताल में सुरक्षित पहुंचाया। अगले ही दिन उस गर्भवती महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया।
उडुपी के पर्णनकिला गांव में राजीवी को आधी रात को गांव के लोगों ने फोन कर बताया कि गर्भवती महिला की तबियत ठीक नहीं है। उसे तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत है। मामले की गंभीरता को समझते हुए राजीवी खुद ऑटो चालक महिला के घर पहुंची और वहां से उसे ऑटो में अस्पताल ले गई।

राजीवी के पास खुद का ऑटो है जिसका इस्तेमाल वह आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए करती हैं। बीस साल पहले राजीवी ने अपने पति से ऑटो चलाना सीखा था। पांच साल पहले उनके पति को ब्रेन हेमरेज हुआ और वे इस दुनिया से चले गए।

उनके इस काम की सराहना खुद उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने भी ट्वीट कर की है। राजीवनी पर्णनकिला ग्राम पंचायत की स्वच्छ भारत मिशन की राजदूत भी हैं। राजीवी कहती हैं मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन फिर भी मैं दूसरो की मदद करने का प्रयास करती हूं।
मेरे बेटे ने इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की है। वह फिलहाल जॉब की तलाश में है। मेरी बेटी नर्स है। वह शादी के बाद अपने पति के साथ मुंबई में रहती है। मैं जो भी कमाती हूं, उसमें से कुछ पैसे बचाकर प्रेग्नेंट महिलाओं की मदद करने जैसे काम में खर्च करती हूं।

राजीवी अपनी आजीविका चलाने के लिए सुबह से रात तक ऑटो चलाती हैं। इस महिला ने अपनी ऑटो पर एक पोस्टर लगा रखा है। इसके माध्यम से वह कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए घर में रहने की सलाह देती हैं।