कोरोनावायरस के बीच 117 दिन बाद इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी इंग्लैंड से 8 जुलाई को हुई थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन टेस्ट की सीरीज के पहले मैच से इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को बाहर कर दिया गया था। इससे ब्रॉड को काफी दुख हुआ था और वे संन्यास के बारे में भी सोचने लगे थे। पहले मैच में रेगुलर कप्तान जो रूट की जगह स्टोक्स कमान संभाल रहे थे।
इसके बाद अगले दो टेस्ट में जो रूट ने ब्रॉड को मौका दिया। इसके बाद उन्होंने 4 पारी में 16 विकेट लेकर टीम को सीरीज 2-1 से जिताई। जबकि पहले मैच में इंग्लैंड को हार मिली थी। साथ ही ब्रॉड ने अपने टेस्ट करियर के 500 विकेट पूरे कर लिए। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे दुनिया के 7वें और इंग्लैंड के दूसरे गेंदबाज बन गए हैं।
‘मैच से बाहर रहने की बात सुनकर हिल गया था’
ब्रॉड ने डेली मेल से कहा, ‘‘क्या मेरे दिमाग में संन्यास लेने के विचार चल रहे थे? 100% यह सच है, क्योंकि उस समय मैं काफी दुखी था। मैं सोच भी नहीं सकता कि उस समय मेरे दिमाग में इस तरह के विचार कितनी बार आते थे। जब स्टोक्स ने मुझसे कहा कि मैं नहीं खेल रहा हूं, तब मेरा शरीर पूरी तरह से हिल गया था। मैं बड़ी मुश्किल से कुछ बोल पा रहा था। मैं पहले मैच में खेलने की उम्मीद कर रहा था। ऐसी उम्मीद खेल में हमेशा खतरनाक होती है, लेकिन मुझे लगा था कि मैं खेलने के लायक हूं।’’
‘मैं 600 विकेट ले सकता हूं’
ब्रॉड ने कहा, ‘‘क्या मैं 600 विकेट ले सकता हूं? बिल्कुल मैं मानता हूं कि मैं यह कर सकता हूं। जिमी (जेम्स एंडरसन) ने जब 500 विकेट (2017 में) पूरे किए थे, तब उनकी 35 साल एक महीना था। वहीं, मेरी उम्र 34 साल और एक महीना थी। जिम्मी अब 600 विकेट लेने के करीब है, इसलिए आंकड़ों को देखें तो मैं भी ऐसा कर सकता हूं।’’ ब्रॉड ने अब तक 140 टेस्ट में 501 विकेट लिए हैं। वहीं एंडरसन के नाम 153 टेस्ट में 589 विकेट दर्ज हैं।