टेस्ट क्रिकेट में पहली बार ट्रायल के तौर पर इंग्लैंड-पाकिस्तान के बीच 3 टेस्ट की सीरीज से फ्रंट फुट नो बॉल का फैसला मैदानी की बजाय टीवी अंपायर करेंगे। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने बुधवार को इसकी घोषणा की। वनडे में पहली बार 2016 में पाकिस्तान-इंग्लैंड के बीच हुई सीरीज से इस तकनीक का ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल हुआ था।
आईसीसी ने कहा कि फ्रंट फुट नो बॉल तकनीक की समीक्षा के बाद भविष्य में इसका इस्तेमाल जारी रखने पर फैसला लिया जाएगा।
आईसीसी ने ट्वीट किया, आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत इंग्लैंड-पाकिस्तान के बीच 3 टेस्ट की सीरीज में फ्रंट फुट नो बॉल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। टेस्ट क्रिकेट में भविष्य में इस तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लेने से पहले इस सीरीज में इसके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी।
नए सिस्टम में टीवी अंपायर फ्रंट फुट नो बॉल पर फैसला देगा
अभी तक नो बॉल तय करने का अधिकार फील्ड अंपायर का होता था। लेकिन नए सिस्टम के तहत टीवी अंपायर हर गेंद के बाद गेंदबाज का लैंडिंग फुट (आगे वाला पैर) चेक करेगा और फील्ड अंपायर को यह बताएगा कि यह गेंद लीगल है या नहीं।
इंग्लैंड-आयरलैंड सीरीज के तीनों वनडे में इसका इस्तेमाल हुआ
एक दिन पहले ही वर्ल्ड कप सुपर लीग के तहत इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच खत्म हुई वनडे सीरीज के सभी 3 मैच में फ्रंट फुट नो बॉल तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। पिछले साल अगस्त में आईसीसी ने क्रिकेट कमेटी की सिफारिश के बाद वनडे में दोबारा इसके इस्तेमाल का फैसला किया था।
इसके बाद दिसंबर में भारत-वेस्टइंडीज के बीच वनडे और टी-20 सीरीज में फ्रंट फुट नो बॉल का फैसला मैदानी अंपायर की बजाय थर्ड अंपायर ने किया था।
महिला टी-20 वर्ल्ड कप में भी इस्तेमाल हुआ
इस साल ऑस्ट्रेलिया में हुए महिला टी-20 वर्ल्ड कप में भी फ्रंट फुट नो बॉल पर नजर रखने के लिए इसका इस्तेमाल हुआ था। ट्रायल के तौर पर पहली बार टीवी अंपायर ने 2016 में इंग्लैंड-पाकिस्तान के बीच हुई सीरीज में फ्रंट फुट नो बॉल का फैसला किया था।
इंग्लैंड-पाकिस्तान के बीच तीन टेस्ट खेले जाएंगे
इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच 5 अगस्त से तीन टेस्ट की सीरीज शुरू हुई है। पहला टेस्ट मैनचेस्टर में खेला जा रहा है, जबकि दूसरा टेस्ट 13 अगस्त और तीसरा 21 अगस्त से साउथैंप्टन में ही खेला जाएगा।