हो सकता है कि बैंक की ओर से आपको ओटीपी नहीं आए। कई बार में आपके बैंक खाते से पेटीएम के जरिए पैसे कट जाएं। आप इसकी शिकायत लेकर बैंक के पास जाएंगे तो बैंक कहेगा गलती आपकी है। बैंक यह भी कहेगा कि आपने खुद किसी को इसके लिए कहा है और आपने पूरा बैंकिंग डिटेल उसे दे दिया है। यस बैंक के एक खाताधारक की कहानी कुछ ऐसी ही है।
सैलरी अकाउंट में से कटा पैसा
मुंबई के शहाब शेख एक कंपनी में काम करते हैं। उनकी कंपनी का सैलरी खाता यस बैंक में है। अचानक सुबह के 3 बजे यस बैंक से उन्हें फोन आता है। फोन करनेवाला कहता है कि आपने पेटीएम के जरिए बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर किया है। आपका कार्ड ब्लॉक किया जाए? शहाब शेख सुनकर दंग हो जाते हैं। क्योंकि उनका न तो पेटीएम अकाउंट है न ही वे इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करते हैं। ऐसे में बैंक खाते से पेटीएम में पैसा ट्रांसफर कैसे हो सकता है?
कोई मैसेज नहीं, कोई ओटीपी नहीं
शहाब शेख ने उसके बाद फोन मैसेज चेक किया तो न तो कोई ओटीपी न ही बैलेंस संबंधित कोई मैसेज उन्हें मिला। उन्होंने जब ईमेल चेक किया तो तीन ईमेल थे जिसमें बैलेंस में कमी थी। पर बात इतनी ही नहीं थी। उनके खाते से 11 जुलाई से 16 जुलाई तक 11 बार पेटीएम के खाते में पैसे भेजेंगे। कुल 42,368 रुपए भेजे गए। इसका कोई ओटीपी या बैलेंस में कमी का मैसेज शहाब शेख को नहीं आया। 6 दिन में 11 ट्रांजेक्शन और कोई मैसेज नहीं।
शहाब कहते हैं कि जब फोन आया तो बैंक कर्मचारी ने कहा कि उन्हें शक है कि कोई फ्रॉड ट्रांजेक्शन कर रहा है इसलिए कार्ड ब्लॉक करना चाहते हैं। यानी बैंक को यह पता था कि यह फ्रॉड है तो फिर ग्राहक की गलती कैसे हुई?
पासबुक अपडेट कराने पर पता चला पैसा गायब
शहाब शेख ने जब बैंक की शाखा में पासबुक अपडेट कराया तो इस ट्रांजेक्शन के बारे में पता चला। उन्होंने बैंक से संपर्क किया। बैंक ने कहा ठीक है कुछ दिनों में पैसे मिल जाएंगे। लेकिन बाद में बैंक ने कहा कि यह तो शहाब शेख की ही गलती है। क्योंकि उन्होंने किसी को अपनी पूरी डिटेल दे दी है और उसके जरिए यह ट्रांजेक्शन हुआ है। इस तरह का जवाब सुनकर शेख के होश उड़ गए। शेख ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में 17 जुलाई को शिकायत की। पुलिस ने इस संबंध में बैंक को पत्र लिखा कि वह जानकारी मुहैया कराए।
पुलिस ने बैंक से मांगी फ्रॉड की जानकारी
पुलिस ने जो जानकारी मांगी बैंक से वह यह कि ग्राहक को ओटीपी क्यों नहीं गया? फ्रॉड की पूरी जानकारी दी जाए और किस तरह से बैंकिंग डिटेल्स लीक हुआ, इसकी जानकारी दी जाए। हालांकि बैंक ने इसकी जानकारी पुलिस को अभी तक नहीं दी है। इस मामले में यस बैंक के एमडी एवं सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा कि इसकी जांच पूरी हो चुकी है। इसमें बैंक की कोई गलती नहीं है। बैंक के ग्राहक ने डेबिट कार्ड की पूरी जानकारी किसी को दी है।
आरटीजीएस के ओटीपी से बैंक कह रहा है वह सही है
उन्होंने कहा कि ग्राहक को 17 जुलाई को आरटीजीएस के लिए ओटीपी मिला था। शहाब शेख का कहना है कि उनको जब इस फ्रॉड की जानकारी मिली तो वे बैंक की शाखा में जाकर फॉर्म भर कर अपने पूरे पैसे दूसरे बैंक में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दिए। ऐसे में शाखा से आरटीजीएस भेजने में कोई ओटीपी नहीं आता है। बैंक झूठ बोल रहा है। शहाब शेख का कहना है कि जब बैंक कर्मचारी ने सुबह 2.55 बजे कॉल किया तो वह पेटीएम का ट्रांजेक्शन ब्लॉक कर सकता था। पर उसने उसके बाद भी नहीं किया।
कई सारे कर्मचारियों ने बैंक से पैसे निकालना शुरू कर दिया
वे कहते हैं कि उनके ढेर सारे जो ऑफिस के सहयोगी हैं वे यस बैंक से पैसे निकाल रहे हैं। यस बैंक पूरी तरह से झूठ बोल रहा है। शहाब कहते हैं कि इस घटना के पहले मैने एटीएम से जब भी ट्रांजेक्शन किया है कोई फोन बैंक से नहीं आया है। लेकिन इस घटना में बैंक से सुबह 2.55 बजे फोन आता है। बावजूद इसके बैंक ने पेटीएम ट्रांजेक्शन को नहीं रोका। कुछ भी हो, यस बैंक में आपका खाता है तो आपको सावधान रहना चाहिए।