पूंजी बाजार नियामक सेबी ने इंडिया बुल्स रियल इस्टेट के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में अनिल मित्तल पर 10 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है। सेबी ने मंगलवार को 23 पेज के जारी ऑर्डर में यह जानकारी दी है।
2017 में शेयरों में हुआ था कारोबार
सेबी ने कहा कि 2 जनवरी 2017 से 18 अप्रैल 2017 को और 22 मार्च 2017 से 21 जून 2017 को इंडिया बुल्स रियल इस्टेट के शेयरों में कारोबारी की गतिविधियों की जांच की गई थी। जांच में पाया गया कि इंडिया बुल्स रियल इस्टेट के प्रमोटर्स ने 3.3 करोड़ शेयरों की बिक्री की जानकारी एक्सचेंज को दी थी। इस जानकारी के बाद 22 जून 2017 को शेयरों की कीमत 204.70 रुपए से गिरकर 192 रुपए पर आ गई।
सेबी ने जांच में पाया शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव हुआ
सेबी ने जांच में पाया कि कंपनी का शेयर 11 अप्रैल 2017 से 22 जून 2017 के बीच एनएसई और बीएसई पर 2.73 करोड़ और 43.88 लाख वोल्यूम का कारोबार हुआ। सेबी ने पाया कि इंडिया बुल्स रियल इस्टेट के सीएफओ अनिल मित्तल ने इस दौरान उन सूचनाओं को लीक किया जिन सूचनाओं को कंपनी की घोषणा से पहले सार्वजनिक नहीं किया जाता है।
सूचनाओं को यूपीएसआई के तहत गलत पाया गया
सेबी की जांच में पता चला कि 8 जून 2017 को ऑपरेशन कमिटी की मीटिंग हुई और इसके बाद इस तरह की अनपब्लिश्ड सूचनाओं (यूपीएसआई) के नियमों का उल्लंघन किया गया। यही नहीं, सीएफओ ने इस दौरान कंपनी के शेयरों में यूपीएसआई के दौरान कारोबार किया और इनसाइडर के रूप में 10 हजार शेयरों की बिक्री कर दी। सेबी ने कहा कि सीईओ चूंकि कंपनी में थे, इसलिए यह पूरी तरह से यूपीएसआई के नियमों का उल्लंघन था। इसी आरोप में सेबी ने 10 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है।
अनिल मित्तल को इसॉप्स बेचने से हुआ फायदा
सेबी ने कहा कि इस दौरान कंपनी के शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव से अनिल मित्तल को फायदा हुआ। सेबी ने कहा कि यह बात सामने जांच में आई कि इस दौरान कई बार शेयरों की कीमतों में घट बढ़ देखी गई। इसी कारण मित्तल ने 19 मई 2017 को 5 हजार शेयरों की बिक्री की। इसके बाद बाकी के शेयरों की बिक्री उन्होंने 25 2017 की की। अंतिम शेयरों की बिक्री 12 जून 2017 की को की गई। हालांकि अनिल मित्तल को यह शेयर कंपनी से इसॉप्स के तौर पर मिला था।