इंडो फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड का शेयर आज (7 जनवरी) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 20.19% ऊपर 258.40 रुपए पर लिस्ट हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इश्यू प्राइस से 19.07% ऊपर 256 रुपए पर लिस्ट हुआ। इंडो फार्म इक्विपमेंट के IPO का इश्यू प्राइस ₹215 प्रति शेयर था। यह IPO 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक बोली लगाने के लिए ओपन था, जो टोटल 227.67 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में IPO 101.79 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) कैटेगरी में 242.4 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 501.75 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ₹260.15 करोड़ का था इंडो फार्म इक्विपमेंट का IPO इंडो फार्म इक्विपमेंट का ये इश्यू टोटल ₹260.15 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ने ₹184.90 करोड़ के 86,00,000 फ्रेश शेयर इश्यू किए। कंपनी के मौजूदा निवेशकों ने ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹75.25 करोड़ के 35,00,000 शेयर बेचे। मैक्सिमम 897 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक इंडो फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड ने IPO का प्राइस बैंड ₹204 -₹215 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 69 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹215 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,835 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 897 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,92,855 इन्वेस्ट करने होते। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व था कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा था। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व था। टैक्टर, पिक एंड कैरी क्रेन और हार्वेस्टिंग इक्विपमेंट बनाती है कंपनी इंडो फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड की स्थापना 1994 में हुई थी, जो टैक्टर, पिक एंड कैरी क्रेन और हार्वेस्टिंग इक्विपमेंट बनाती है। कंपनी अपने ऑपरेशन्स को दो ब्रांड नेम इंडो फार्म और इंडो पावर के जरिए चलाती है। इंडो फार्म इक्विपमेंट के प्रोडक्ट नेपाल, सीरिया, सूडान, बांग्लादेश, म्यांमार सहित अन्य देश में एक्सपोर्ट होते हैं। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।