अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल को 2000 पाउंड वाले भारी बमों की सप्लाई पर लगी रोक को हटा दिया है। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल-हमास जंग में मरने वाले लोगों की संख्या को कम करने के मकसद से इन बमों की सप्लाई पर रोक लगाई थी। शनिवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट करते हुए ट्रम्प ने लिखा कि, इजराइल ने अमेरिका को जो ऑर्डर दिए थे और जिनका पेमेंट हो चुका है। उन्हें इजराइल भेजा जा रहा है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक ट्रम्प के एक अधिकारी ने इजराइल को भारी बम भेजने की पुष्टि की। बाइडेन ने राष्ट्रपति रहते हुए मई 2024 में दक्षिणी गाजा के रफा शहर पर इजराइल के फुल स्केल अटैक को रोकने के लिए भारी बमों की सप्लाई पर रोक लगा दी थी। हालांकि एक महीने बाद ही इजराइल ने शहर पर कब्जा कर लिया था। रफा में इजराइल के घुसने की वजह से बैन लगाया बाइडेन ने पिछले साल मई में CNN को दिए एक इंटरव्यू में इजराइल पर लोगों को सामूहिक तौर पर निशाना बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा- गाजा में नागरिक मारे गए हैं। इन बमों का उपयोग जनसंख्या केंद्रों को निशाना बनाने में किया जाता है। मैंने स्पष्ट कर दिया था कि अगर वे रफा में प्रवेश करते हैं, तो मैं उन हथियारों की आपूर्ति नहीं करूंगा, जिनका इस्तेमाल दूसरे शहरों में किया गया है। बाइडेन की रोक के बाद इजराइल को भेजे जाने वाले 500 पाउंड के 1700 बम भी अटक गए थे। हालांकि कुछ हफ्तों को बाद इन्हें इजराइल को दे दिया गया। शपथ ग्रहण के महज 5 दिन बाद फैसला डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के महज पांचवें दिन ही यह कदम उठाया है। उन्होंने हमास और इजराइल के बीच सीजफायर को अपनी उपलब्धि भी बताया है। अब तक सीजफायर में हमास ने 7 इजराइली बंधकों को रिहा किया है। इसके बदले में इजराइल ने सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा। अभी सीजफायर के दूसरे चरण पर बात शुरू होनी है। इसमें हमास की कैद से सभी इजराइली बंधकों की रिहाई और स्थायी सीजफायर करने पर चर्चा होगी। दूसरी तरफ इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने धमकी दी है कि अगर हमास बाकी बंधकों को रिहा नहीं करता है तो उसके खिलाफ फिर से युद्ध शुरू कर सकते हैं। ———————————- इजराइल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हमास ने इजराइल की 4 महिला सैनिकों को छोड़ा:पिछले हफ्ते 3 इजराइली बंधक सौंपे थे; इजराइल ने 200 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया हमास ने शनिवार को इजराइल की 4 महिला सैनिकों को छोड़ दिया। ये पिछले 15 महीने से बंधक थीं। ये उन 7 महिला सैनिकों में शामिल हैं, जिन्हें 7 अक्टूबर को नाहल ओज एयरपोर्ट से अगवा किया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें….