इलॉन मस्क ने ट्रम्प प्रशासन छोड़ा:लिखा- राष्ट्रपति का धन्यवाद; ट्रम्प के विधेयक की निंदा की थी, सरकारी खर्च में कटौती की जिम्मेदारी मिली थी

टेस्ला के मालिक और अमेरिकी अरबपति इलॉन मस्क ने ट्रम्प प्रशासन छोड़ दिया है। मस्क ने गुरुवार सुबह X पर पोस्ट कर लिखा कि ट्रम्प के सलाहकार के तौर पर उनका समय समाप्त हुआ। मस्क को ट्रम्प प्रशासन में सरकारी खर्च में कटौती और नौकरशाही को कम करने के लिए बने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के प्रमुख की जिम्मेदारी मिली थी। मस्क ने इस जिम्मेदारी के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प का धन्यवाद किया। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर मस्क के इस्तीफे की पुष्टि की। हाल ही मस्क ने ट्रम्प के एक विधेयक की निंदा की थी, जिसे खुद ट्रम्प ने बड़ा सुंदर बिल बताया था। इस बिल में टैक्स में कटौती जैसे प्रावधान शामिल हैं। मस्क ने CBS न्यूज को दिए इंटरव्यू में इसे फिजूल खर्ची बढ़ाने वाला बिल बताया था। मस्क ने कहा था कि बिल से DOGE के कामकाज पर असर पड़ेगा। चुनाव जीतते ही ट्रम्प ने की थी DOGE की घोषणा नवंबर 2024 में चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) नाम से एक नया विभाग बनाने का ऐलान किया था। इसे सरकार को बाहर से सलाह देने के लिए बनाया गया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने इसकी कमान इलॉन मस्क और भारतवंशी बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी को सौंपी थी। बाद में विवेक रामास्वामी को इससे हटा दिया गया। व्हाइट ने हाउस ने कहा था- मस्क सिर्फ सलाहकार, फैसले लेने का हक नहीं राष्ट्रपति ऑफिस व्हाइट हाउस ने कोर्ट में दिए एक जवाब में कहा था कि इलॉन मस्क सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार हैं। वे डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) के एम्पलॉयी नहीं हैं, इसलिए उनके पास सरकार के अंदर फैसले लेने का अधिकार नहीं है। दरअसल, न्यू मेक्सिको की अगुआई में 14 अमेरिका राज्यों ने वॉशिंगटन डीसी के एक फेडरल कोर्ट में ट्रम्प और मस्क के खिलाफ केस किया था। ये राज्य इलॉन मस्क को DoGE प्रमुख बनाए जाने से नाराज हैं। राज्यों के मुताबिक, इलॉन के हाथ में बड़ी ताकत आ गई है, जो अमेरिकी संविधान के उल्लंघन में है। इस केस को लेकर व्हाइट हाउस में ऑफिस ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के डायरेक्टर जॉशुआ फिशर ने कोर्ट में जानकारी दी कि मस्क की भूमिका सिर्फ सलाहकार की है। उनका काम सिर्फ राष्ट्रपति को सलाह देना और प्रशासन की तरफ से निर्देशों को कर्मचारियों तक पहुंचाने का है।