ईडी ने राणा कपूर और कपिल व धीरज वधावन की 2,200 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की

यस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को 2,200 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली। अधिकारियों ने बताया कि संपत्तियां यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के दिवालिया प्रमोटर्स कपिल व धीरज वधावन की हैं।

राणा कपूर की जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, उनमें मुंबई के पेडर रोड स्थित एक बंगला, मुंबई के पॉश मालाबार हिल्स में 6 फ्लैट्स, दिल्ली के पॉश अमृता शेरगिल मार्ग पर 48 करोड़ रुपए की एक संपत्ति भी शामिल हैं। ईडी ने न्यूयाॅर्क में एक प्रॉपर्टी, लंदन में दो प्रॉपर्टी, ऑस्ट्रेलियामें एक कमर्शियल प्रॉपर्टी और 5 लग्जरी कारें भी जब्त की हैं।

इस मामले में ईडी की विदेश में पहली बड़ी कार्रवाई

लंदन की प्रॉपर्टी जब्त करना विदेश में यस बैंक मामले में ईडी की पहली बड़ी कार्रवाई है। सप्ताह के शुरू में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ईडी अगले सप्ताहलंदन की एक प्रॉपर्टी और करीब 50 करोड़ रुपए की एफडी को जब्त करने वाली है। ईडी ने छह मई 2020 को दाखिल आरोप पत्र में कहा है कि कपूर ने लोन देकर लाभ हासिल करने में बैंक का उपयोग किया है।

सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में कपूर को 11 जुलाई तक मिली हुई है जमानत

पिछले सप्ताह सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए एक मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत ने कपूर को 11 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी थी। सीबीआई ने मार्च में मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अवांता ग्रुप की कंपनियों को करीब 1,900 करोड़ रुपए का लोन देने में नरम रवैया रखने के बदले कपूर को कथित तौर पर दिल्ली के लुटियन जोन का एक बंगला खरीदने में अवांता ग्रुप से 307 करोड़ रुपए की रिश्वत मिली थी।

कपिल व धीरज वधावन सीबीआई की हिरासत में हैं

कपिल व धीरज वधावन सीबीआई की हिरासत में हैं। उन्हें यस बैंक से जुड़े मामले में हिरासत में लिया गया है। उधर ईडी एक मामले की अलग से जांच कर रही है, जिसमें डीएचएफएल से जुड़ी एक कंपनी ने राणा कपूर और उनके पारिवारिक सदस्यों के नियंत्रण वाली एक कंपनी को 600 करोड़ रुपए का भुगतान किया था।

कपूर के कार्यकाल में दिए गए 30,000 करोड़ के लोन में से 20,000 करोड़ के लोन एनपीए बन गए

ईडी के मुताबिक, कपूर के कार्यकाल में यस बैंक द्वारा दिए गए करीब 30,000 करोड़ रुपए के लोन बैड लोन बन गए। इनमें से 20,000 करोड़ रुपए के लोन एनपीए बन गए। राणा कपूर ने अशोक कपूर के साथ मिलकर 2004 में यस बैंक की स्थापना की थी। जनवरी 2019 तक वह बैंक के एमडी और सीईओ थे।

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ईडी ने छह मई 2020 को दाखिल आरोप पत्र में कहा था कि राणा कपूर ने लोन देकर लाभ हासिल करने में बैंक का उपयोग किया है।