ईयरफोन को लम्बे समय तक इस्तेमाल करने का ट्रेंड बढ़ रहा है। ज्यादातर लोग इसे गले में पहने हुए दिख जाते हैं। घंटों गाना सुनने या मूवी देखने की आदत है तो अलर्ट हो जाएं। ऐसा करते हैं तो आपके सुनने की क्षमता घट सकती है।
कोरोनाकाल में इसका और ज्यादा सम्भलकर इस्तेमाल करने की जरूरत है। किसी दूसरे का ईयरफोन बिल्कुल इस्तेमाल न करें। ईयरफोन इस्तेमाल करते हैं तो ये बातें जरूर जान लीजिए ताकि कान को कई तरह के खतरों से बचाया जा सके…
- लगातार इस्तेमाल करने से बचें : यदि ईयरफोन लगाकर घंटों काम करना पड़ता है, तो हर घंटे के बाद 5-10 मिनट के लिए इनको निकलकर कानों को आराम दें। कई घंटों तक इसका इस्तेमाल करने से सिरदर्द भी शुरू हो सकता है।
- सैनेटाइज करने के बाद इस्तेमाल करें : इन दिनों ऐसे ईयरफोन बाजार में आ रहे हैं जो कान में अंदर तक जाते हैं, जो सही तरह से साफ़ न होने पर संक्रमण का ख़तरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए इस्तेमाल करने से पहले ईयरफोन को सैनिटाइज़र से साफ़ करना न भूलें।
- 40 फीसदी ही वाल्यूम रखें : ईयरफोन पर तेज़ आवाज़ में संगीत सुनते से कान के पर्दो को नुक़सान पहुंचता है और सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है। ईयरफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो गैजेट का वॉल्यूम 40 फीसदी तक ही रखें। अगर नौकरी ही ऐसी है
- कभी-कभी स्पीकर का इस्तेमाल करें : यदि नौकरी ऐसी है कि दफ़्तर के बाद भी फोन पर बात करना जरूरी रहता है तो ईयरफोन या मोबाइल फोन को कान पर लगाकर बात करने की अपेक्षा मोबाइल को स्पीकर पर रखकर बात करें।
- ईयरफोन अच्छी कम्पनी का ही लें : हमेशा अच्छी कंपनी का ईयरफोन ही इस्तेमाल करें। इसके साथ ही सुनिश्चित करें कि ईयरफोन का आकार ऐसा हो कि उन्हें लगाने से कानों में दर्द न हो। ऑनलाइन मीटिंग्स में हेडफोन का इस्तेमाल करें। इससे कानों को आराम भी मिलेगा और संक्रमण की आशंका भी नहीं रहेगी।
- ये बिल्कुन करें : यात्रा के दौरान लोग शोर से बचने के लिए ईयरफोन पर तेज़ आवाज़ में गाने सुनने लगते हैं। इससे वो बाहरी शोर से तो बच जाते हैं, लेकिन ईयरफोन के ज़रिए क़रीब के शोर से उन्हें अधिक नुक़सान होता है।