उत्तराखंड में 3 दिन बाद 3 और शव मिले:बर्फ का पहाड़ टूटने से अब तक 7 की मौत; ड्रोन-थर्मल कैमरे से 1 की तलाश जारी

उत्तराखंड के चमोली में 28 फरवरी को आए एवलांच में फंसे मजदूरों को निकालने का काम तीसरे दिन भी जारी है। डिफेंस पीआरओ ने बताया कि अब तक 54 लोगों में से 53 लोगों को निकाला जा चुका है, इनमें से 7 की मौत हो चुकी है। हादसे के दूसरे दिन 17 लोगों को निकाला गया, जबकि बीते दिन 33 लोगों निकाले गए थे। इनमें से चार लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। आज 3 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। एक मजदूर की तलाश जारी है। ड्रोन, रडार सिस्टम, स्निफर डॉग, विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरे से सर्चिंग की जा रही है। 7 हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं। आर्मी और वायुसेना के अलावा ITBP, BRO, SDRF और NDRF के 200 से ज्यादा जवान भी घटनास्थल पर बर्फ की मैनुअल खुदाई करके लापता मजदूर की तलाश में लगे हुए हैं। पहले लापता मजदूरों की संख्या 55 बताई गई थी, लेकिन शनिवार को पता चला कि एक मजदूर बिना बताए कैंप से अपने गांव चला गया था। हादसा चमोली के माणा गांव में 28 फरवरी की सुबह 7:15 बजे हुआ। मोली-बद्रीनाथ हाईवे पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के मजदूर कंटेनर हाउस में रुके थे, तभी बर्फ का पहाड़ खिसक गया। सभी मजदूर इसकी चपेट में आ गए। 4 मजदूरों की हालत गंभीर
रेस्क्यू किए गए 46 मजदूरों को जोशीमठ के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इनमें से दो की हालात गंभीर होने के बाद ऋषिकेश AIIMS रेफर किया गया है। AIIMS के पीआरओ ने बताया कि आज एक और मरीज को एयरलिफ्ट करके यहां लाया गया है। उसे पेल्विक इंजरी है। कल अशोक कुमार को स्पाइनल इंजरी के कारण लाया गया था। उसके पैर काम नहीं कर रहे हैं। उसकी टेस्ट रिपोर्ट ठीक रही तो आज उसकी सर्जरी की जाएगी। वहीं, जोशीमठ आर्मी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम 44 मजदूरों का इलाज कर रही है। टीम को सर्जिकल स्पेशलिस्ट डॉ. अंकित मिश्रा लीड कर रहे हैं। मेजर अमित कुमार मिश्रा ने बताया कि दो मजदूरों की हालत गंभीर है। हालांकि सभी खतरे से बाहर हैं। माणा तिब्बत सीमा पर आखिरी गांव फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा बिहार और उत्तर प्रदेश के
हादसे में जो 54 मजदूर फंसे थे, उनमें बिहार के 11, उत्तर प्रदेश के 11, उत्तराखंड के 11, हिमाचल प्रदेश के 6, जम्मू-कश्मीर के 1 और पंजाब के 1 मजदूर शामिल है। उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिन घटनास्थल का दौरा किया और मजदूरों से मुलाकात की। इससे पहले CM से प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत की और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया था। धामी ने कहा कि PM ने हर संभव मदद का भरोसा दिया। रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें… हादसे में फंसे लोगों की लिस्ट… सफोकेशन और हाइपोथर्मिया फ्रैक्चर की संभावना
बड़ा सवाल यह है कि बर्फ में दबे मजदूर कितनी देर तक जिंदा रह सकते हैं। चीफ कंसलटेंट सर्जन राजीव शर्मा ने बताया कि बर्फ में दबे होने से सफोकेशन के कारण मौत होती है। हाइपोथर्मिया फ्रैक्चर भी मौत का कारण बनता है। ज्यादा देर तक बर्फ में दबे रहने से जान जा सकती है। मौसम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हिमाचल में 583 सड़कें, 5 नेशनल हाईवे बंद; जम्मू-कश्मीर में नदियों का लेवल 3-4 फीट बढ़ा देश के पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश और बर्फबारी जारी है। अगले हफ्ते के बाद भी बारिश-बर्फबारी जारी रहने का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में 2 फीट से ज्यादा बर्फबारी हुई है। राज्य की 583 सड़कें और 5 नेशनल हाईवे बंद हैं। जम्मू-कश्मीर में भी बर्फबारी हुई। खराब मौसम की वजह से जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्कूलों में विंटर वेकेशन छह दिनों के लिए बढ़ा दिया है। पूरी खबर पढ़ें…