दिल्ली न्यायालय ने नगर निगम शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन मामले में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शपथ पत्र पर असंतुष्ट जाहिर करते हुए कहा है कि यह न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश है और अध्यापकों का वेतन शीघ्र जारी किया जाए। शिक्षकों और उत्तरी निगम के कर्मचारियों के वेतन मसले पर स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरूवार को जस्टिस हिमा कोहली ने निगम द्वारा दाखिल शपथ पत्र पर नाराजगी जताई ।
निगम का कहना था कि वह अपने कर्मचारियों का वेतन वितरण धनराशि की उपलब्धता को ध्यान मे रखते हुए जारी करता है । चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बाद अन्य अधिकारियों को वेतन दिया जाता है, परंतु कोर्ट निगम के तर्क से संतुष्ट नहीं था। न्यायालय ने अध्यापक व पेंशनधारियों के वेतन के विषय में विस्तृत जानकारी निगम से मांगी है।
निगम लगातार कर रहा न्यायालय को गुमराह- माथुर
अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अध्यक्ष देवेंद्र माथुर ने बताया कि निगम लगातार न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। संघ के महासचिव रामचन्द्र डबास ने बताया कि अभी तक उत्तरी निगम के अध्यापकों को सिर्फ मार्च का वेतन मिला है। अप्रैल, मई एवं जून तीन माह का पैसा भी निगम प्रशासन को मिल चुका है लेकिन अध्यापकों को वेतन नही मिला है।