उपराष्ट्रपति बोले- संसद सर्वोच्च, उसके ऊपर कोई संस्था नहीं:कहा- सांसद ही संविधान के मालिक, वही तय करेंगे यह कैसा होगा

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा- संसद सर्वोच्च है और उसके ऊपर कोई संस्था (अथॉरिटी) नहीं हो सकती है। संविधान में सांसद ही अंतिम मालिक है। चुने हुए प्रतिनिधि (सांसद) ही यह तय करेंगे कि संविधान कैसा होगा। उनके ऊपर कोई और सत्ता नहीं हो सकती। धनखड़ ने आगे कहा- एक प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगाया था, उन्हें 1977 में जवाबदेह ठहराया गया था। इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान जनता के लिए है और यह उन्हें सुरक्षित रखने का दस्तावेज है। संविधान में कहीं नहीं कहा गया है कि संसद से ऊपर कोई और संस्था है। दरअसल, 5 दिन पहले ही 17 अप्रैल को धनखड़ ने कहा था- अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं। संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को मिला विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ 24×7 उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं। धनखड़ का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के हाल ही के उस कमेंट पर आया था, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल अगर कोई बिल राष्ट्रपति को भेजते हैं तो राष्ट्रपति को उस पर 3 महीने में फैसला लेना होगा। इसपर हो रही आलोचना पर भी आज धनखड़ ने कहा- किसी संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति द्वारा कहे गए शब्द, देश के सर्वोच्च हित को ध्यान में रखकर ही बोले जाते हैं। धनखड़ ने पूछा- जस्टिस वर्मा केस में FIR क्यों नहीं हुई