कोविड 19 के खिलाफ जंग में रविवार को दिल्ली पुलिस ने लोगों की सुरक्षा के लिए एक कदम ओर आगे बढ़ाया। एम्स में पुलिस के सहयोग से प्लाज्मा डोनेशन कैंपेन का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्ष वर्धन ने किया। इस मौके पर दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव समेत काफी गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस कैंपेन का मकसद लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करना है। ताकि वे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे कोरोना मरीजों की जान बचाने में अपना योगदान दे सकें। पहले ही दिन दिल्ली पुलिस के 26 कर्मियों ने प्लाज्मा डोनेट किया, जिनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल रहीं।
इन्हीं में से एक गाजीपुर ईस्ट थाने के एसएचओ प्रेम सिंह नेगी भी थे। वह 30 मई को ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे, जिन्होंने बाद में ठीक होकर फिर से ड्यूटी ज्वाइन की। एसएचओ प्रेम सिंह नेगी ने उन सभी लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की, जो कोरोना संक्रमित होने के बाद अब ठीक हो चुके हैं, ताकि उनके प्लाज्मा की मदद से दूसरे लोगों की जान बचाई जा सके। आने वाले दिनों में इस कैंप के दौरान 650 से ज्यादा पुलिसकर्मी प्लाज्मा डोनेट करेगें।
इस मौके पर मौजूद एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने पुलिस द्वारा उठाए गए इस कदम की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने प्लाज्मा देने वाले पुलिसकर्मियों को सुपर कोरोना वॉरियर की संज्ञा भी दे डाली। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे आगे आकर प्लाज्मा डोनेट करें, ताकि गंभीर रुप से बीमार लोगों की जान बचाई जा सके। पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच पुलिस ने दो जिम्मेदारियां बखूबी निभायी। पहली लॉ एंड आर्डर को मेंनटेन करने की थी और दूसरा कोरोना संकट और वायरस के खतरे के बीच फील्ड में ड्यूटी करने की।
पुलिसकर्मियों की सेहत का ख्याल रखने के साथ उन्हें काम के प्रति लगातार प्रोत्साहित करना भी एक बड़ी चुनौती रहा। आयुष मंत्रालय के सहयोग से पुलिस ने जवानों की शारीरिक शक्ति बढाने के लिए भी किट प्रदान की। ढाई हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी ड्यूटी के वक्त कोरोना संक्रमित हो गए, जिनमें से दर्जनभर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं 2100 पुलिसकर्मी ठीक भी हो गए। इस हिसाब से उनके ठीक होने का प्रतिशत 84 रहा है।