ऑस्ट्रेलिया की वर्ल्ड नंबर-1 टेनिस प्लेयर एश्ले बार्टी को अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक पर कोरोना के खतरे को लेकर चिंता होने लगी है। उन्होंने कहा कि वे अब ओलिंपिक का ज्यादा इंतजार नहीं कर सकती हैं। यह उनका पहला ओलिंपिक होने वाला है। बार्टी ने कहा कि अभी से उन्हें टोक्यो गेम्स को लेकर बेकार महसूस हो रहा है। कोरोना के कारण टोक्यो ओलिंपिक 2020 को एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब यह गेम्स 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 तक होंगे।
दूसरी ओर इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के सीनियर अधिकारी जॉन कॉटेस ने कहा कि टोक्यो का गेम्स का शेड्यूल तैयार कर लिया गया है। यह साधारण तरीके से और सुरक्षित माहौल में कराए जाएंगे। ओलिंपिक में खिलाड़ियों समेत सभी की सेहत का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
देश के लिए गोल्ड जीतना पसंद है: बार्टी
बार्टी ने कहा, ‘‘मैं इंतजार नहीं कर सकती। जब यह मेरा पहला ओलिंपिक होगा और मैं ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करूंगी, तब पता नहीं क्या होगा। मुझे अभी से बेकार महसूस हो रहा है। देश के लिए हमेशा से ही मुझे गोल्ड जीतना पसंद रहा है। खेल प्रेमी के तौर पर मैं भी ऑस्ट्रेलियाई एथलीट्स को खेलते देखने की उम्मीद करती हूं और उन्हें सपोर्ट करना चाहती हूं।’’ ऑस्ट्रेलिया ने टेनिस में 1996 ओलिंपिक में अकेला गोल्ड जीता है। यह मेडल डबल्स में टोड वुडब्रिज और मार्क वुडफोर्डे की जोड़ी ने दिलाया था। देश को अब दूसरे मेडल के लिए बार्टी से उम्मीद है।
बार्टी ने 2019 में अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम रोलां गैरों जीता था। उन्होंने चीन के शेनझेन में डब्ल्यूटीए फाइनल्स खिताब भी जीता था। बार्टी ने 1993 के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया को फेड कप फाइनल तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।
हम सभी अपनी ताकत के हिसाब से काम कर रहे हैं: जॉन
जॉन कॉटेस ने कहा, ‘‘आईओसी और हमारे जापानी पार्टनर्स अपनी ताकत के हिसाब से बेहतर काम कर रहे हैं। हम सभी की कोशिश न सिर्फ टोक्यो ओलिंपिक को सफल बनाना है, बल्कि खिलाड़ियों का भी ध्यान रखना है। हां, हमें चाहते हैं कि दुनियाभर से एथलीट्स गेम्स के लिए यहां आएं, यह हमारा सपना है। सभी खिलाड़ियों का भी सपना है कि वे ओलिंपिक में खेलें, इसलिए मैं फिर दोहरा रहा हूं कि टोक्यो गेम्स साधारण और सुरक्षित माहौल में होंगे।’’
ओलिंपिक के लिए कोरोना वैक्सीन या इलाज जरूरी
हाल ही में टोक्यो ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने कहा था कि गेम्स के लिए कोरोना की वैक्सीन या इलाज जरूरी है। यदि आज जैसे हालात ही अगले साल तक रहे तो गेम्स होना बेहद मुश्किल होगा। उन्होंने कहा था- आज जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसको देखकर एक साल बाद की स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती है। यदि आज जैसे हालात रहे तो अगले साल ओलिंपिक का होना मुश्किल है। हम इसे नहीं करवाएंगे। ओलिंपिक में कम दर्शकों को इंट्री देना भी बेहद मुश्किल है।