देश के बैंकिंग सेक्टर में साल 2019-20 में कुल 84,545 मामले धोखाधड़ी के आए। इन मामलों में कुल 1.85 लाख करोड़ रुपए शामिल थे। यह जानकारी सूचना अधिकार (आरटीआई) के जरिए सामने आई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी है। उधर (एसबीआई), एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें आरबीआई को मिली थीं।
एसबीआई के खिलाफ मिलीं 62,259 शिकायतें
आरबीआई के अनुसार एसबीआई के खिलाफ कुल 63,259 शिकायतें मिली थीं। जबकि एचडीएफसी बैंक के खिलाफ 18,764 शिकायतें मिली थीं। आईसीआईसीआई बैंक के खिलाफ 14,582 शिकायतें ग्राहकों से मिलीं, जबकि पीएनबी के खिलाफ 12,649 शिकायतें मिली थीं। एक्सिस बैंक के खिलाफ ग्राहकों ने 12,214 शिकायतें की थीं। आरबीआई ने कहा कि एक अप्रैल 2019 से 30 जून 2019 के बीच कुल 56,493 शिकायतें ग्राहकों की बैंकों के खिलाफ मिली थीं।
एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक की दी गई जानकारी
आरबीआई के मुताबिक, एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के दौरान बैंकिंग सेक्टर में धोखाधड़ी से संबंधित जानकारी मांगी गई थी। आरबीआई ने दी गई सूचना में कहा कि देश में शेडयूल्ड कमर्शियल बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों द्वारा 2019-20 में 84,545 मामले धोखाधड़ी के सामने आए थे। इनमें कुल 185,772 करोड़ रुपए की राशि शामिल थी। हालांकि आरबीआई ने यह जानकारी देने से मना कर दिया कि इस तरह के मामले में कितने बैंक कर्मचारी शामिल थे।
15 ओंबुड्समैन के पास देश भर में मिलीं शिकायतें
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि ज्यादातर मामलों में कर्मचारी भी शामिल रहे हैं। इसमें कुल 2,668 मामलों में 1,783 करो़ड़ रुपए शामिल था। आरबीआई ने कहा कि केंद्रीय बैंक के 15 ओंबुड्समैन कार्यालय ने एक साल में काफी शिकायतें ग्राहकों से पाई है। एक जुलाई 2019 से मार्च 2020 के तहत इस तरह की कुल 214,480 शिकायतें मिली थीं।
438 शाखाओं को एक दूसरे में मिलाया गया
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि 2019-20 के दौरान एक बैंक की दूसरी बैंक में कुल 438 शाखाओं को मिला दिया गया। इसमें एसबीआई में 130 शाखाओं को मिलाया गया तो सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की 62, अलाहाबाद बैंक की 59 शाखाओं को एक दूसरे से मिलाया गया। 2019-20 के दौरान बैंकों की कुल 194 शाखाएं बंद कर दी गईं। इसमें से एसबीआई की 78 शाखाएं थीं जबकि फिनो पेमेंट्स बैंक की 25 शाखाएं थीं।