ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटीमें बन रही कोरोनावायरस की वैक्सीन के पहले क्लीनिकल ट्रायल के अच्छेनतीजे सामने आए हैं। सोमवार को मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। इस जानकारी के बाद ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फ्रंटरनर वैक्सीन की लिस्ट में आगे आ गई है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए ट्वीट में भीकहा गया है कि AZD1222 नाम की इस वैक्सीन को लगाने से अच्छा इम्यून रिस्पांस मिला है। वैक्सीन ट्रायल में लगी टीम और ऑक्सफोर्ड के निगरानी समूह को इस वैक्सीन में सुरक्षा को लेकर कोईचिंता वाली बात नजर नहीं आईऔर इससे ताकतवर रिस्पांस पैदा हुआ है।
Oxford’s Covid-19 vaccine produces a good immune response, reveals new study.
Teams at @VaccineTrials and @OxfordVacGroup have found there were no safety concerns, and the vaccine stimulated strong immune responses: https://t.co/krqRzXMh7B pic.twitter.com/Svd3MhCXWZ— University of Oxford (@UniofOxford) July 20, 2020
लैंसेट में छपी रिपोर्ट
इसके लिए लैंसेट के एडिटर इन चीफ रिचर्ड हॉर्टन ने तीन खास मेडिकल टर्म्स-safe, well-tolerated and immunogenic का इस्तेमाल किया है। इनका मतलब है कि यह वैक्सीनसुरक्षित, अच्छी तरह सहन करने योग्य और प्रतिरक्षात्मक हैं। हॉर्टन ने वैक्सीन टीम के प्रमुख वैज्ञानिक पैड्रो फोलेगैटीको बधाई दी है और कहा है कि ये नतीजें बहुत उत्साह बढ़ाने वाले हैं।
Results of phase 1/2 Oxford Covid-19 Vaccine trial published. Editor in Chief of UK based medical Journal ‘The Lancet’ says it is “safe, well-tolerated and immunogenic.” pic.twitter.com/8SyI97Dqgb
— ANI (@ANI) July 20, 2020
द लैंसेट में इस वैक्सीन के बारे में छपी 13 पेज की रिपोर्ट को इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है –https://marlin-prod.literatumonline.com/pb-assets/Lancet/pdfs/S0140673620316044.pdf
तीन दिन से इस वैक्सीन के नतीजों का इंतजार
दो दिन पहले 17 जुलाई की रिपोर्ट में बताया गया था कि यहवैक्सीन कोरोनावायरससे दोहरी सुरक्षा दे सकती है।डेली टेलीग्राफ के मुताबिक, पहले चरण के ट्रायल में वैक्सीन देने के बाद वॉलंटियर्स में इम्यून रिस्पॉन्स काफी बेहतर रहा। इनके ब्लड सैंपल को जांचा गया। रिपोर्ट में सामने आया कि इनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी और किलर टी-सेल्स भी बनीं।
इसके बाद रविवार, 19 जुलाईको रिचर्ड ने ही सबसे पहले यहट्वीट किया था कि सोमवार कोऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के नतीजों की घोषणा की जाएगी।होर्टन ने ट्वीट किया था, ‘‘कल। वैक्सीन। बस, इंतजार कह रहा हूं।’’ तभी सेउनके इस ट्वीट की हर तरफ चर्चा हो रही थी और सभी को ट्रायल रिजल्टका इंतजार था।
कोरोना सर्वाइवर के मुकाबले ज्यादाएंटीबॉडी बनने का दावा
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथवैक्सीन तैयार करने वाली फार्मा कम्पनी एस्ट्राजेनेका ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में दावा किया है कि ट्रायल के दौरान जिन्हें वैक्सीन दी गई उनमें कोरोना सर्वाइवर के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडी बनीं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शसडिसीजके डायरेक्टर डॉ. एंथनी फॉसी का कहना है कि रिजल्टअच्छे हैं, उम्मीद है कि वैक्सीन कामयाब रहेगी।
ट्रायल में बड़े साइड इफेक्ट नहीं दिखे
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक, ट्रायल के दौरान गंभीर साइडइफेक्ट नहीं देखे गए। सिर्फथकान, सिरदर्द, ठंडलगना और शरीर मेंदर्द जैसी छोटीदिक्कतें ही हुईं।जहां इंजेक्शन लगा, वहां दर्द हुआ, लेकिन ऐसा सिर्फ ओवरडोज के मामलों में ही देखा गया।
अप्रैल में हुआ था पहले चरण का ट्रायल
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पहले चरण का ट्रायल अप्रैल में किया था। स्वास्थ्य मंत्रीमैट हेनकॉक के मुताबिक, वैक्सीन तैयार करने के लिए टीम लगातार जुटी है, यह इस साल कभी भी उपलब्ध हो सकती है। ऐसा न होने पर 2021 में इसे आने की पूरी उम्मीद है।
वैक्सीन ट्रायल का अप्रूवल देने वाले बर्कशायर रिसर्च इथिक्स कमेटी के चेयरमैन डेविड कारपेंटर का कहना है कि हम वैज्ञानिकों के साथ लगातार काम कर रहे हैं और हर जरूरी बदलाव कर रहे हैं। वैक्सीन तैयार करने में हम सही रास्ते पर हैं।
सितंबरतक आ सकती है वैक्सीन
कारपेंटरके मुताबिक, शोधकर्ता हॉस्पिटल, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को वैक्सीन देने के लिए टार्गेट कर सकते हैं, क्योंकि इनमें संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। वैक्सीन कब तक उपलब्ध हो जाएगी, इसकी तारीख नहीं बताई जा सकती। यह सितंबर पर आ सकती है। इसी टारगेट को ध्यान में रखते हुए लगातार काम किया जा रहा है।
लंबी इम्युनिटी देगी या नहीं, यह अभी तय नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र का कहना है कि अब तक साबित नहीं हो पाया है कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 लंबेसमय तक इम्युनिटी देगी। हालांकि, यह शरीर में एंटीबॉडी और टी-सेल्स दोनों की संख्या बढ़ाती है। इन दो चीजों का कॉम्बिनेशन इंसान को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है। अब तक सब कुछ अच्छा रहा है, लेकिन आगे का रास्ता काफी अहम और लंबाहै।
2020 के अंत तक 40 करोड़ डोज मुफ्त पहुंचाने का लक्ष्य
फार्मा कम्पनी एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन के 40 करोड़ डोज तैयार करने के लिए यूरोप की इंक्लूसिव वैक्सीन्सएलायंस से हाथ मिलाया है।2020 के अंत तक वैक्सीन तैयारकराने का टारगेट तय किया गया है। वैक्सीन के40 करोड़ डोजमुफ्तउपलबध कराए जाएंगे।
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन में क्या है?
यह वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 सर्दी के एक वायरस (एडेनोवायरस) के कमजोर वर्जन का इस्तेमाल कर बनाई गई है। यह वायरस चिम्पांजी में होने वाला इंफेक्शन है। जेनेटिकली बदलाव कर इसे वैक्सीन के लायक बनाया है, ताकि यह मनुष्यों में इससे मिलते-जुलते वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी पैदा कर सके।
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