ऑस्ट्रेलिया चुनाव में लेबर पार्टी जीती, फिर PM बनेंगे अल्बनीज:21 साल में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता; विपक्षी पार्टी ने हार मानी

ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी दोबारा चुनाव गई है। चुनाव आयोग के मुताबिक अब तक 39% वोटों की गिनती हो चुकी है। लेबर पार्टी को 84 सीटों पर जीत हासिल हुई है, वहीं विपक्षी लिबरल-नेशनल गठबंधन 31 सीटों पर जीती है। एंथनी अल्बनीज एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। 21 साल में वह ऐसा करने वाले पहले PM बन गए हैं। पिछली बार 2022 में हुए चुनाव में लेबर पार्टी को 77 और लिबरल-नेशनल गठबंधन को 58 सीटें मिली थीं। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की लेबर पार्टी और विपक्षी नेता पीटर डटन के लिबरल-नेशनल गठबंधन के बीच था। देश में 28 मार्च 2025 को संसद भंग कर दी गई थी, जिसके बाद सरकार केयरटेकर मोड में चली गई थी। इसके बाद 22 से 30 अप्रैल तक पोस्टल वोटिंग की गई। ऑस्ट्रेलिया में चुनाव से जुड़ीं 5 तस्वीरें… ऑस्ट्रेलिया में सभी को वोट डालना जरूरी ऑस्ट्रेलिया में भारत की तरह ही दो सदन हैं। ऊपरी सदन को सीनेट और निचले सदन को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स कहा जाता है। निचले सदन में बहुमत पाने वाली पार्टी या गठबंधन का नेता ही प्रधानमंत्री बनता है। इसकी 150 सीटों के लिए आज वोटिंग हो रही है। इसका रिजल्ट 3 मई की रात या फिर 4 मई की सुबह तक आएगा। निचले सदन के साथ ही ऊपर सदन की 76 में से 40 सीटों के लिए भी आज वोटिंग हो रही है। इस सदन में चुने गए सदस्यों का कार्यकाल 6 साल होता है। हर 3 साल में आधे सदस्य बदल जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया में 18 साल या इससे ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों को अनिवार्य रूप से वोट देना होता है और अगर गैर जरूरी कारण से वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 20 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है। यहां प्रधानमंत्री बनने के लिए उम्र तय नहीं है। दूसरे शब्दों में कहें तो 18 साल या ज्यादा उम्र के जो लोग वोटिंग कर सकते हैं, वो चुनाव भी लड़ सकते हैं और प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं। प्रमुख मुद्दे चुनावी मुद्दे महंगाई: बढ़ती महंगाई और ऊंची ब्याज दरों इस बार प्रमुख मुद्दा है। दोनों प्रमुख पार्टी ने लोगों को वित्तीय राहत देने का वादा किया है। महंगा घर: ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए घर खरीदना मुश्किल हो गया है। खासकर युवा लोगों को नए घर खरीदने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन: 2022 की बाढ़, 2023 की बुशफायर और जैस्पर साइक्लोन, 2025 का अल्फ्रेड साइक्लोन की वजह से जलवायु भी प्रमुख मुद्दा है। लेबर पार्टी ने रिन्युएबल एनर्जी में इन्वेस्ट किया, जबकि लिबरल पार्टी ने न्यूक्लियर एनर्जी का प्रस्ताव दिया है। हेल्थ सर्विस: महिला मतदाता खासतौर पर हेल्थ सर्विस में सुधार की मांग कर रही हैं। चुनावी सर्वे में लेबर पार्टी को बढ़त
चुनाव से पहले किए गए सर्वे में लेबर पार्टी को बढ़त दिखाई गई है। अनुमान है कि लेबर पार्टी 84 सीटें जीत सकती है, जबकि लिबरल गठबंधन को 47 सीटें मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो अल्बनीज दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बनेंगे। हालांकि हंग पार्लियामेंट (त्रिशंकु संसद) का भी अनुमान लगाया जा रहा है, अगर ऐसा होता है और कोई भी पार्टी 76 सीटें नहीं जीत पाती है तब छोटे दलों को लेकर सरकार बनानी पड़ सकती है। 2010 में जूलिया गिलार्ड ने इसी तरह सरकार बनाई थी। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के संबंधों पर चुनाव का क्या असर होगा?
ट्रम्प के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार का रुख बदला है। उन्होंने अपनी पिछली आलोचनाओं को शांत कर दिया है। अल्बनीज प्रशासन अमे​रिका से द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने के लिए अब अपनी रणनीति बदल रहा है। प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार एंथनी अल्बनीज: ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री हैं और लेबर पार्टी के नेता हैं। उन्होंने 2022 के चुनाव में स्कॉट मॉरिसन को हराकर सरकार बनाई। उनकी मां मैरीएने एलरी आयरिश मूल की थीं, जबकि पिता कार्लो अल्बनीज इटैलियन थे। अल्बनीज ने सिडनी यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डिग्री ली है। वो 16 साल की उम्र में लेबर पार्टी से जुड़ गए थे। इसके बाद सिडनी यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति में एक्टिव रहे। 1996 से सिडनी की इनर वेस्ट सीट से लगातार सांसद है, इस सीट को लेबर पार्टी का गढ़ माना जाता है। पीटर डटन: लिबरल-नेशनल गठबंधन की तरफ से इस बार पीटर डटन प्रधानमंत्री पद के दावेदार है। वो 2022 से विपक्षी नेता की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। डटन ने क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से बिजनेस स्टडीज में डिग्री हासिल की है। डटन ने 1989 से 1999 तक क्वींसलैंड पुलिस में नौकरी की, जहां उन्होंने ड्रग स्क्वॉड और सेक्स ऑफेंडर स्क्वॉड में काम किया। 2001 में क्वींसलैंड की सीट से लिबरल पार्टी के सांसद चुने गए। डटन स्वास्थ्य और खेल मंत्री जैसी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 2022 के चुनाव में हार के बाद जब स्कॉट मॉरिसन ने इस्तीफा दे दिया था तब डटन को निर्विरोध लिबरल पार्टी का नेता चुना गया था।