हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार को कैबिनेट की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि हरियाणा प्रदेश में सभी औद्योगिक इकाइयों में 75 फीसदी हरियाणा वासियों को ही नौकरी पर रखना अनिवार्य होगा। फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री हरियाणा चैप्टर के प्रधान हरभजन सिंह ने बताया की इस तरह के फैसले उद्योगों को पतन की ओर ले जाएंगे, इससे हरियाणा की इंडस्ट्री में डर का माहौल पैदा होगा।
उन्होंने कहा जबकि इंडस्ट्री पहले ही बड़े बुरे दौर से गुजर रही है, इस तरह के फैसले प्रदेश और उद्योगों के हित में नहीं होंगे।इससे उद्योग पलायन कर जाएंगे। इस समय उद्योगों को सरकार के सहयोग की आवश्यकता है ना कि इस तरह के फैसले थोप कर उद्योगों में डर का माहौल पैदा किया जाए। फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री हरियाणा चैप्टर के महासचिव दीपक मैनी ने बताया कि एक तरफ तो भारत सरकार एक देश एक कानून को प्राथमिकता दे रही है जम्मू कश्मीर में पूरे भारत वासियों को नागरिकता देने पर काम किया जा रहा है। दीपक मैनी ने बताया हरियाणा सरकार द्वारा लिए गए इस तरह के फैसले उद्योगों के हित में नहीं है। उद्योगों में आरक्षण से किसी का भला नहीं होने वाला।