कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने तमिलनाडु स्थित ईशा योग सेंटर में महाशिवरात्रि समारोह में शामिल होने पर सफाई दी है। उन्होंने कहा- मैं हिंदू के रूप में जन्मा था और हिंदू के रूप में मरूंगा। शिवकुमार ने कहा, ‘सद्गुरु कर्नाटक से हैं। वह कावेरी जल के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने आकर मुझे व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया था। वह महान काम कर रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायक और नेता वहां थे इसलिए, मैं वहां गया। यह मेरी व्यक्तिगत आस्था है।’ उन्होंने कहा कि, ‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र में यीशु की 100 फीट ऊंची मूर्ति है। निर्माण स्थानीय लोगों ने करवाया। तब भाजपा ने मुझे ‘येसुकुमार’ कहा था। मैं सभी धर्मों, जातियों में विश्वास करता हूं। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा समाज में सभी को एक साथ लेकर चलने की है, इसलिए कुछ लोगों को यह पसंद हो सकता है, कुछ को पसंद नहीं।’ शाह के साथ मंच शेयर करने पर मंत्री ने उठाए सवाल
26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर कोयंबटूर में ईशा योग सेंटर में एक कार्यक्रम हुआ था। इसमें गृह मंत्री अमित शाह आए थे। कर्नाटक के डिप्टी CM भी इसमें गए। इस पर कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने कहा था कि राहुल गांधी की आलोचना करने वालों के साथ शिवकुमार मंच कैसे साझा कर सकते हैं? राजन्ना ने मीडिया से कहा था कि, ‘सद्गुरु ने खुद कहा था कि वह राहुल गांधी को नहीं जानते? शिवकुमार मुझसे बेहतर जानते हैं कि लोकसभा में हमारे नेता के बारे में क्या कहा जाता है। अब उन्हें ही जवाब देना चाहिए कि ऐसे लोगों के साथ मंच साझा करना कितना उचित है।’ कांग्रेस सचिव बोले- वे राहुल का मजाक उड़ाने वालों के साथ
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव पीवी मोहन ने शिवकुमार की कोयंबटूर यात्रा पर निशाना साधा। पीवी मोहन ने सोशल मीडिया पर लिखा- शिवकुमार एक ऐसे व्यक्ति के निमंत्रण पर गए, जो राहुल गांधी का मजाक उड़ाता है। तब पीवी मोहन के आरोपों का जवाब देते हुए शिवकुमार ने कहा- मैं एक हिंदू हूं। मैं एक हिंदू के रूप में पैदा हुआ हूं और मैं एक हिंदू के रूप में मर जाऊंगा, लेकिन मैं सभी धर्मों से प्यार करता हूं और उनका सम्मान करता हूं। कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर शिवकुमार के 2 जवाब… 1. योगी सरकार का कुंभ का आयोजन सराहनीय: महाकुंभ के बारे में मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा। जिस तरह से उन्होंने (योगी सरकार) इसे आयोजित किया, मैं उसकी सराहना करता हूं। यह कोई छोटा काम नहीं है। यहां-वहां कुछ समस्याएं हो सकती हैं। ट्रेनों के कारण भी समस्याएं हो सकती हैं। मुझे खामियां निकालना पसंद नहीं है। यह बहुत संतोषजनक है। 2. भाजपा से किसी तरह की साठगांठ नहीं: भाजपा के साथ साठगांठ के आरोपों का जवाब देते हुए शिवकुमार ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी में सभी को साथ लेकर चलने का सिद्धांत है। महात्मा गांधी, नेहरू और इंदिरा गांधी ने भी यही किया। मैंने सोनिया गांधी को उगादि उत्सव मनाते देखा है। उन्होंने भारतीयता को अपनाया है।’ कांग्रेस नेता और शिवकुमार के भाई ने समर्थन किया
कांग्रेस के पूर्व सांसद डीके सुरेश ने अपने भाई शिवकुमार का बचाव किया। उन्होंने कहा- जब भी शिवकुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, उन्होंने पार्टी आलाकमान को पहले ही जानकारी दी। उन्होंने ईशा फाउंडेशन के महाशिवरात्रि कार्यक्रम में शामिल होने की सूचना भी पार्टी को दी थी। कर्नाटक में 2023 से शिवकुमार बनाम सिद्धारमैया
कर्नाटक में कांग्रेस और डी शिवकुमार के बीच काफी समय से अनबन की खबरें रही हैं। इसकी शुरुआत 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव से शुरू हुई थी। कांग्रेस की शानदार जीत के बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री पद की रेस में सिद्धारमैया से काफी आगे थे। बाद में उन्हें पीछे हटना पड़ा। कई दिनों की मान-मनौव्वल के बाद शिवकुमार ने प्रदेश अध्यक्ष का पद बरकरार रखते हुए उपमुख्यमंत्री पद के लिए समझौता किया। उस समय सत्ता-साझाकरण समझौते की खबरें थीं, जिसके तहत शिवकुमार को ढाई साल बाद CM पद मिल जाता। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर कोयंबटूर में ईशा योग सेंटर में एक कार्यक्रम हुआ था। इसमें गृह मंत्री अमित शाह आए थे। कर्नाटक के डिप्टी CM भी इसमें गए। इस पर कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने कहा था कि राहुल गांधी की आलोचना करने वालों के साथ शिवकुमार मंच कैसे साझा कर सकते हैं? राजन्ना ने मीडिया से कहा था कि, ‘सद्गुरु ने खुद कहा था कि वह राहुल गांधी को नहीं जानते? शिवकुमार मुझसे बेहतर जानते हैं कि लोकसभा में हमारे नेता के बारे में क्या कहा जाता है। अब उन्हें ही जवाब देना चाहिए कि ऐसे लोगों के साथ मंच साझा करना कितना उचित है।’ कांग्रेस सचिव बोले- वे राहुल का मजाक उड़ाने वालों के साथ
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव पीवी मोहन ने शिवकुमार की कोयंबटूर यात्रा पर निशाना साधा। पीवी मोहन ने सोशल मीडिया पर लिखा- शिवकुमार एक ऐसे व्यक्ति के निमंत्रण पर गए, जो राहुल गांधी का मजाक उड़ाता है। तब पीवी मोहन के आरोपों का जवाब देते हुए शिवकुमार ने कहा- मैं एक हिंदू हूं। मैं एक हिंदू के रूप में पैदा हुआ हूं और मैं एक हिंदू के रूप में मर जाऊंगा, लेकिन मैं सभी धर्मों से प्यार करता हूं और उनका सम्मान करता हूं। कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर शिवकुमार के 2 जवाब… 1. योगी सरकार का कुंभ का आयोजन सराहनीय: महाकुंभ के बारे में मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा। जिस तरह से उन्होंने (योगी सरकार) इसे आयोजित किया, मैं उसकी सराहना करता हूं। यह कोई छोटा काम नहीं है। यहां-वहां कुछ समस्याएं हो सकती हैं। ट्रेनों के कारण भी समस्याएं हो सकती हैं। मुझे खामियां निकालना पसंद नहीं है। यह बहुत संतोषजनक है। 2. भाजपा से किसी तरह की साठगांठ नहीं: भाजपा के साथ साठगांठ के आरोपों का जवाब देते हुए शिवकुमार ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी में सभी को साथ लेकर चलने का सिद्धांत है। महात्मा गांधी, नेहरू और इंदिरा गांधी ने भी यही किया। मैंने सोनिया गांधी को उगादि उत्सव मनाते देखा है। उन्होंने भारतीयता को अपनाया है।’ कांग्रेस नेता और शिवकुमार के भाई ने समर्थन किया
कांग्रेस के पूर्व सांसद डीके सुरेश ने अपने भाई शिवकुमार का बचाव किया। उन्होंने कहा- जब भी शिवकुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, उन्होंने पार्टी आलाकमान को पहले ही जानकारी दी। उन्होंने ईशा फाउंडेशन के महाशिवरात्रि कार्यक्रम में शामिल होने की सूचना भी पार्टी को दी थी। कर्नाटक में 2023 से शिवकुमार बनाम सिद्धारमैया
कर्नाटक में कांग्रेस और डी शिवकुमार के बीच काफी समय से अनबन की खबरें रही हैं। इसकी शुरुआत 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव से शुरू हुई थी। कांग्रेस की शानदार जीत के बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री पद की रेस में सिद्धारमैया से काफी आगे थे। बाद में उन्हें पीछे हटना पड़ा। कई दिनों की मान-मनौव्वल के बाद शिवकुमार ने प्रदेश अध्यक्ष का पद बरकरार रखते हुए उपमुख्यमंत्री पद के लिए समझौता किया। उस समय सत्ता-साझाकरण समझौते की खबरें थीं, जिसके तहत शिवकुमार को ढाई साल बाद CM पद मिल जाता। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।