कर्नाटक के बेलगावी में गुरुवार को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक होनी है। मीटिंग से पहले कार्यकर्ताओं ने बेलगावी में पोस्टर लगाए। जिसमें भारत का गलत नक्शा दिखाया जा रहा है। बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया X पर गलत नक्शे की तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि, कांग्रेस ने अपने सभी होर्डिंग्स पर भारत का बिगड़ा हुआ नक्शा लगाया है, साथ ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सहित अन्य की तस्वीरें भी लगाई हैं, जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। आज से कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन
बेलगावी में आज से कांग्रेस का दो दिन चलने वाला अधिवेशन शुरू हो रहा है। ये अधिवेशन 1924 में हुए कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। 26 और 27 दिसंबर 1924 को बेलगावी में ही कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन हुआ था। यह पहला और आखिरी अधिवेशन था जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी। इसी अधिवेशन में उन्हें पार्टी अध्यक्ष भी चुना गया था। आज से हो रहे अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी समेत लगभग 150 हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। अधिवेशन में क्या-क्या होगा… 26 दिसंबर: पहला दिन 27 दिसंबर: दूसरा दिन 1924 के बेलगावी अधिवेशन में दिग्गजों का हुआ था जमावड़ा इंडियन नेशनल कांग्रेस के उस सेशन में ऐसी कई हस्तियां साथ आईं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई को गति दी। इनमें महात्मा गांधी, मोतीलाल और जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, राजगोपालचारी, डा. एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू, चित्तरंजनदास, पंडित मदन मोहन मालवीय, सैफुद्दीन किचलु, अबुल कलाम आजाद, राजेन्द्र प्रसाद, वल्लभभाई पटेल शामिल थे। अधिवेशन में हुए खर्च से नाराज हुए थे महात्मा गांधी गांधीजी कांग्रेस अधिवेशन से छह दिन पहले बेलगावी पहुंच गए थे। वे चाहते थे कि आजादी की मांग करने वाले ‘स्वराज’ गुट और अंग्रेजी शासन के तहत यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष वाले ‘नो-चेंज’ गुट के बीच एकता लाई जा सके। गांधीजी के लिए खेमाजीराव गोडसे नाम के कार्यकर्ता ने 350 रुपए खर्च करके बांस और घास की छोटी सी कुटिया बनाई। इसे लेकर गांधीजी ने आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि उनके जैसे साधारण इंसान के लिए इतने रुपए खर्च करना सही नहीं है। इसके अलावा इस अधिवेशन के लिए तैयार विशाल शामियाना तैयार किया गया था। यह शामियाना सर्कस के तंबू जितना बड़ा था और इसे 5000 रुपए में किराए पर लिया गया था। साथ ही आग से बचाव के लिए 500 रुपए का बीमा भी किया गया था। गांधीजी ने इसके सजावट पर खर्च की गई रकम पर भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने यह अनुरोध भी किया कि प्रतिनिधि शुल्क को 10 रुपए से घटाकर 1 रुपए कर दिया जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इन सबके बावजूद, बेलगावी अधिवेशन से कांग्रेस को 773 रुपए का लाभ हुआ। इसमें से 745 रुपए पी.यू.सी.सी. बैंक में जमा किए गए, 25 रुपए खर्चों के लिए सचिव के पास रखे गए, और 1 रुपया कोषाध्यक्ष एन.वी. हेरेकर के पास छोटे-मोटे खर्चों के लिए रखा गया। स्वतंत्रता संग्राम का अहम केंद्र था बेलगावी देश के स्वतंत्रता संग्राम में बेलगावी महत्वपूर्ण केंद्र था। लोकमान्य तिलक ने 1916 में बेलगांव से ही अपना ‘होम रूल लीग‘ आंदोलन शुरू किया था। 1924 में बेलगावी के तिलकवाड़ी इलाके में विजयनगर नामक स्थान पर अधिवेशन हुआ था। अब कांग्रेस अधिवेशन के स्थल को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बना दिया गया है। वहां एक कुआं बनाया गया था, जो आज भी अधिवेशन की गवाही के तौर पर मौजूद है।
बेलगावी में आज से कांग्रेस का दो दिन चलने वाला अधिवेशन शुरू हो रहा है। ये अधिवेशन 1924 में हुए कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। 26 और 27 दिसंबर 1924 को बेलगावी में ही कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन हुआ था। यह पहला और आखिरी अधिवेशन था जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी। इसी अधिवेशन में उन्हें पार्टी अध्यक्ष भी चुना गया था। आज से हो रहे अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी समेत लगभग 150 हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। अधिवेशन में क्या-क्या होगा… 26 दिसंबर: पहला दिन 27 दिसंबर: दूसरा दिन 1924 के बेलगावी अधिवेशन में दिग्गजों का हुआ था जमावड़ा इंडियन नेशनल कांग्रेस के उस सेशन में ऐसी कई हस्तियां साथ आईं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई को गति दी। इनमें महात्मा गांधी, मोतीलाल और जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, राजगोपालचारी, डा. एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू, चित्तरंजनदास, पंडित मदन मोहन मालवीय, सैफुद्दीन किचलु, अबुल कलाम आजाद, राजेन्द्र प्रसाद, वल्लभभाई पटेल शामिल थे। अधिवेशन में हुए खर्च से नाराज हुए थे महात्मा गांधी गांधीजी कांग्रेस अधिवेशन से छह दिन पहले बेलगावी पहुंच गए थे। वे चाहते थे कि आजादी की मांग करने वाले ‘स्वराज’ गुट और अंग्रेजी शासन के तहत यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष वाले ‘नो-चेंज’ गुट के बीच एकता लाई जा सके। गांधीजी के लिए खेमाजीराव गोडसे नाम के कार्यकर्ता ने 350 रुपए खर्च करके बांस और घास की छोटी सी कुटिया बनाई। इसे लेकर गांधीजी ने आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि उनके जैसे साधारण इंसान के लिए इतने रुपए खर्च करना सही नहीं है। इसके अलावा इस अधिवेशन के लिए तैयार विशाल शामियाना तैयार किया गया था। यह शामियाना सर्कस के तंबू जितना बड़ा था और इसे 5000 रुपए में किराए पर लिया गया था। साथ ही आग से बचाव के लिए 500 रुपए का बीमा भी किया गया था। गांधीजी ने इसके सजावट पर खर्च की गई रकम पर भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने यह अनुरोध भी किया कि प्रतिनिधि शुल्क को 10 रुपए से घटाकर 1 रुपए कर दिया जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इन सबके बावजूद, बेलगावी अधिवेशन से कांग्रेस को 773 रुपए का लाभ हुआ। इसमें से 745 रुपए पी.यू.सी.सी. बैंक में जमा किए गए, 25 रुपए खर्चों के लिए सचिव के पास रखे गए, और 1 रुपया कोषाध्यक्ष एन.वी. हेरेकर के पास छोटे-मोटे खर्चों के लिए रखा गया। स्वतंत्रता संग्राम का अहम केंद्र था बेलगावी देश के स्वतंत्रता संग्राम में बेलगावी महत्वपूर्ण केंद्र था। लोकमान्य तिलक ने 1916 में बेलगांव से ही अपना ‘होम रूल लीग‘ आंदोलन शुरू किया था। 1924 में बेलगावी के तिलकवाड़ी इलाके में विजयनगर नामक स्थान पर अधिवेशन हुआ था। अब कांग्रेस अधिवेशन के स्थल को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बना दिया गया है। वहां एक कुआं बनाया गया था, जो आज भी अधिवेशन की गवाही के तौर पर मौजूद है।