आरजी कर रेप-मर्डर केस में दोषी संजय रॉय की सजा के खिलाफ बंगाल सरकार की अपील पर फैसला करने से पहले कलकत्ता हाईकोर्ट दोषी संजय, पीड़ित परिवार और CBI को सुनेगा। हाईकोर्ट ने कहा कि बंगाल सरकार की याचिका मंजूर करने से पहले हम इन पक्षों की बात सुनेंगे। सुनवाई 27 जनवरी को होगी। बंगाल सरकार ने अपील में कहा था कि संजय रॉय ने जो अपराध किया है, उसके लिए उम्रकैद पर्याप्त नहीं है। बंगाल सरकार ने याचिका में फांसी की मांग की है। सियालदह कोर्ट ने 20 जनवरी को संजय को मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जस्टिस अनिर्बान दास ने कहा था कि यह मामला रेयरस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में नहीं आता इसलिए फांसी की सजा नहीं दी गई है। CBI ने बंगाल सरकार की याचिका का विरोध किया
हाईकोर्ट में जस्टिस देबांगशु बसक और जस्टिस मो. शब्बार राशिदी की बेंच के सामने CBI के वकील ने बंगाल सरकार के याचिका दाखिल करने के अधिकार का विरोध किया। CBI के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने कहा कि बंगाल सरकार के पास याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसी CBI थी, एजेंसी के पास ही यह अधिकार है कि वो सजा पर्याप्त न होने के आधार पर याचिका दाखिल करे। CBI ने ट्रायल कोर्ट के सामने भी फांसी की सजा देने की अपील की थी। बंगाल सरकार बोली- शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस ने की
बंगाल सरकार के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि प्रॉसीक्यूशन एजेंसी, फैमिली, दोषी के अलावा राज्य भी सजा को लेकर अपील कर सकता है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोलकाता पुलिस केस की जांच कर रही थी। 13 अगस्त 2024 को यह केस CBI को सौंपा गया। घटना के 164वें दिन दोषी को सजा थी मिली
सियालदह कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था। घटना के 164वें दिन (20 जनवरी) सजा पर 160 पेज का फैसला सुनाया था। CBI और पीड़ित परिवार ने मौत की सजा मांगी थी। कोर्ट रूम, सजा पर 3 पक्षों की दलील… मौत की सजा क्यों नहीं मिली, दोषी संजय की वकील ने बताया पीड़ित की फैमिली हाथ जोड़कर बोली- मुआवजा नहीं चाहिए
जज ने कहा कि पीड़ित की मौत ड्यूटी के दौरान अस्पताल में हुई थी। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पीड़ित की फैमिली को मुआवजा दे। कोर्ट ने डॉक्टर की मौत के लिए 10 लाख और रेप के लिए 7 लाख मुआवजा तय किया। कोर्ट में मौजूद ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने हाथ जोड़कर कहा कि हमें मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए। इस पर जज ने कहा- मैंने कानून के मुताबिक यह मुआवजा तय किया है। आप इसका इस्तेमाल चाहे जैसे कर सकते हैं। इस रकम को अपनी बेटी के रेप और मर्डर के मुआवजे के तौर पर मत देखिए। पीड़ित के पेरेंट्स ने कही थी फैसले के खिलाफ जाने की बात
20 जनवरी को ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने कहा था कि वे दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के सेशन कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस क्यों नहीं है। परिवार ने दावा किया है कि जांच ठीक से नहीं की गई। कई लोगों को बचाया गया। सेशन कोर्ट से फैसले की कॉपी मिलने के बाद हम हाईकोर्ट जाएंगे। संजय भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी… 1. धारा 64 (बलात्कार) : कम से कम 10 साल जेल की सजा और ज्यादा से ज्यादा आजीवन कारावास का प्रावधान। 2. धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे लगातार अचेत अवस्था में पहुंचाना): कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान, बढ़ाकर उम्रकैद किया जा सकता है। 3. धारा 103(1) (हत्या): फांसी की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान। फैसले का आधार फोरेंसिक रिपोर्ट
अदालत ने घटनास्थल की फोरेंसिक रिपोर्ट को सजा का आधार बनाया, जिससे संजय रॉय के इस मामले में शामिल होने के सबूत मिले। घटनास्थल और पीड़ित डॉक्टर की बॉडी पर संजय का DNA मिला था। फैसले के बाद दोषी संजय ने कहा था… मुझे इस मामले में फंसाया गया है। मैंने यह काम नहीं किया। जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें जाने दिया गया। एक IPS इसमें शामिल है। मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं और अगर मैंने अपराध किया होता तो यह टूट जाती। पिछले साल 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या हुई
आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। घटना को लेकर कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने जांच शुरू की थी
9 अगस्त की घटना के बाद आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों और पीड़ित परिवार ने मामले की CBI जांच की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के आदेश नहीं दिए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अगस्त को जांच CBI को सौंपी गई। इसके बाद CBI ने नए सिरे से जांच शुरू की। 3 को आरोपी बनाया गया, 2 को जमानत मिली
आरोपी संजय रॉय के अलावा मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया, लेकिन CBI 90 दिन के अंदर घोष के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं कर पाई, जिस कारण सियालदह कोर्ट ने 13 दिसंबर को घोष को इस मामले में जमानत दे दी। इसके अलावा ताला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को भी चार्जशीट दायर न करने के कारण जमानत दी गई। इससे पहले CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था। अधिकारियों ने करीब 3 घंटे उससे सवाल-जवाब किए। संजय के अलावा 9 लोगों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और 2 गार्ड्स शामिल थे। संजय इयरफोन और DNA से पकड़ में आया
टास्क फोर्स ने जांच शुरू होने के 6 घंटे के भीतर दोषी संजय रॉय को अरेस्ट किया। CCTV के अलावा पुलिस को सेमिनार हॉल से एक टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन मिला था। ये दोषी के फोन से कनेक्ट हो गया था। संजय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया था। संजय का DNA मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ था। संजय के शरीर पर चोट के जो 5 निशान मिले थे, वे उसे 24 से 48 घंटे के दौरान लगे थे। यह ब्लंट फोर्स इंजरी हो सकती है, जो पीड़ित से अपने बचाव के दौरान हुई होगी। इसी के जरिए पुलिस संजय को पकड़ने में कामयाब रही। 3 इन्वेस्टिगेशन में क्या मिला… 1. CBI ने कहा था- ट्रेनी डॉक्टर का गैंगरेप नहीं हुआ 2. फोरेंसिक रिपोर्ट में गद्दे पर हाथापाई के सबूत नहीं 3. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव दोषी संजय रॉय अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात रहता था
संजय ने 2019 में कोलकाता पुलिस में डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप के लिए वॉलंटियर के तौर पर काम करना शुरू किया था। इसके बाद वेलफेयर सेल में चला गया। अच्छे नेटवर्क की बदौलत उसने कोलकाता पुलिस की चौथी बटालियन में घर ले लिया। इस घर की वजह से आरजी कर अस्पताल में नौकरी मिली। वह अक्सर अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात रहता था, जिससे उसे सभी विभागों में एक्सेस मिली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय की कई शादियां असफल रहीं। रॉय ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि कथित तौर पर युवा डॉक्टर के साथ क्रूरता से कुछ घंटे पहले वह दो बार रेड-लाइट एरिया में गया था। ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर केस 3 अदालतों में, लोअर कोर्ट में फैसला आया
आरजी कर रेप-मर्डर केस निचली अदालत के साथ-साथ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट में कई जनहित याचिकाओं के साथ पीड़ित के माता-पिता ने भी याचिका दायर की थी। इनमें कोलकाता पुलिस पर अविश्वास जताते हुए CBI जांच की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने 13 अगस्त को मामले में CBI जांच के आदेश दिए थे। वहीं, देशभर में डॉक्टरों के प्रदर्शन और हड़ताल के बाद 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खुद एक्शन लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सिक्योरिटी की कमी पर चिंता जताई थी। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर टास्क फोर्स बनाने का निर्देश दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले की निगरानी कर रहा है। CBI ने 10 दिसंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया था कि सियालदह कोर्ट में रेगुलर सुनवाई हो रही है। उस समय 81 में से 43 गवाहों से पूछताछ हो चुकी थी। —————————————— कोलकाता रेप-मर्डर रेप से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पुलिस की वर्दी में घूमता था आरोपी; पुलिस कैंपस में रह रहा था, घटना वाली रात दो बार हॉस्पिटल गया रेप-मर्डर का आरोपी संजय कोलकाता पुलिस में सिविल वॉलंटियर था। 33 साल का संजय बेरोकटोक हॉस्पिटल में जाता था। खुद को पुलिसवाले की तरह दिखाता था। कोलकाता पुलिस की टीशर्ट पहनता था और बाइक पर भी कोलकाता पुलिस का टैग लगा रखा था। पूरी खबर पढ़ें… क्या कोलकाता रेप आरोपी को बचा पाएंगी कबिता सरकार, क्यों कर रहीं जघन्य आरोपी संजय की पैरवी एक ओर देशभर में कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर करने के आरोपी संजय रॉय को फांसी देने की मांग हो रही है। वहीं, दूसरी ओर जब किसी वकील ने आरोपी की पैरवी करने से मना कर दिया तो सियालदह कोर्ट ने ये जिम्मेदारी कबिता सरकार को दी है। 52 साल की कबिता सरकार 25 साल से वकालत कर रही हैं। पूरी खबर पढ़ें…
हाईकोर्ट में जस्टिस देबांगशु बसक और जस्टिस मो. शब्बार राशिदी की बेंच के सामने CBI के वकील ने बंगाल सरकार के याचिका दाखिल करने के अधिकार का विरोध किया। CBI के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने कहा कि बंगाल सरकार के पास याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसी CBI थी, एजेंसी के पास ही यह अधिकार है कि वो सजा पर्याप्त न होने के आधार पर याचिका दाखिल करे। CBI ने ट्रायल कोर्ट के सामने भी फांसी की सजा देने की अपील की थी। बंगाल सरकार बोली- शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस ने की
बंगाल सरकार के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि प्रॉसीक्यूशन एजेंसी, फैमिली, दोषी के अलावा राज्य भी सजा को लेकर अपील कर सकता है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोलकाता पुलिस केस की जांच कर रही थी। 13 अगस्त 2024 को यह केस CBI को सौंपा गया। घटना के 164वें दिन दोषी को सजा थी मिली
सियालदह कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था। घटना के 164वें दिन (20 जनवरी) सजा पर 160 पेज का फैसला सुनाया था। CBI और पीड़ित परिवार ने मौत की सजा मांगी थी। कोर्ट रूम, सजा पर 3 पक्षों की दलील… मौत की सजा क्यों नहीं मिली, दोषी संजय की वकील ने बताया पीड़ित की फैमिली हाथ जोड़कर बोली- मुआवजा नहीं चाहिए
जज ने कहा कि पीड़ित की मौत ड्यूटी के दौरान अस्पताल में हुई थी। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पीड़ित की फैमिली को मुआवजा दे। कोर्ट ने डॉक्टर की मौत के लिए 10 लाख और रेप के लिए 7 लाख मुआवजा तय किया। कोर्ट में मौजूद ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने हाथ जोड़कर कहा कि हमें मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए। इस पर जज ने कहा- मैंने कानून के मुताबिक यह मुआवजा तय किया है। आप इसका इस्तेमाल चाहे जैसे कर सकते हैं। इस रकम को अपनी बेटी के रेप और मर्डर के मुआवजे के तौर पर मत देखिए। पीड़ित के पेरेंट्स ने कही थी फैसले के खिलाफ जाने की बात
20 जनवरी को ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने कहा था कि वे दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के सेशन कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस क्यों नहीं है। परिवार ने दावा किया है कि जांच ठीक से नहीं की गई। कई लोगों को बचाया गया। सेशन कोर्ट से फैसले की कॉपी मिलने के बाद हम हाईकोर्ट जाएंगे। संजय भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी… 1. धारा 64 (बलात्कार) : कम से कम 10 साल जेल की सजा और ज्यादा से ज्यादा आजीवन कारावास का प्रावधान। 2. धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे लगातार अचेत अवस्था में पहुंचाना): कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान, बढ़ाकर उम्रकैद किया जा सकता है। 3. धारा 103(1) (हत्या): फांसी की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान। फैसले का आधार फोरेंसिक रिपोर्ट
अदालत ने घटनास्थल की फोरेंसिक रिपोर्ट को सजा का आधार बनाया, जिससे संजय रॉय के इस मामले में शामिल होने के सबूत मिले। घटनास्थल और पीड़ित डॉक्टर की बॉडी पर संजय का DNA मिला था। फैसले के बाद दोषी संजय ने कहा था… मुझे इस मामले में फंसाया गया है। मैंने यह काम नहीं किया। जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें जाने दिया गया। एक IPS इसमें शामिल है। मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं और अगर मैंने अपराध किया होता तो यह टूट जाती। पिछले साल 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या हुई
आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। घटना को लेकर कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने जांच शुरू की थी
9 अगस्त की घटना के बाद आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों और पीड़ित परिवार ने मामले की CBI जांच की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के आदेश नहीं दिए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अगस्त को जांच CBI को सौंपी गई। इसके बाद CBI ने नए सिरे से जांच शुरू की। 3 को आरोपी बनाया गया, 2 को जमानत मिली
आरोपी संजय रॉय के अलावा मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया, लेकिन CBI 90 दिन के अंदर घोष के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं कर पाई, जिस कारण सियालदह कोर्ट ने 13 दिसंबर को घोष को इस मामले में जमानत दे दी। इसके अलावा ताला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को भी चार्जशीट दायर न करने के कारण जमानत दी गई। इससे पहले CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था। अधिकारियों ने करीब 3 घंटे उससे सवाल-जवाब किए। संजय के अलावा 9 लोगों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और 2 गार्ड्स शामिल थे। संजय इयरफोन और DNA से पकड़ में आया
टास्क फोर्स ने जांच शुरू होने के 6 घंटे के भीतर दोषी संजय रॉय को अरेस्ट किया। CCTV के अलावा पुलिस को सेमिनार हॉल से एक टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन मिला था। ये दोषी के फोन से कनेक्ट हो गया था। संजय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया था। संजय का DNA मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ था। संजय के शरीर पर चोट के जो 5 निशान मिले थे, वे उसे 24 से 48 घंटे के दौरान लगे थे। यह ब्लंट फोर्स इंजरी हो सकती है, जो पीड़ित से अपने बचाव के दौरान हुई होगी। इसी के जरिए पुलिस संजय को पकड़ने में कामयाब रही। 3 इन्वेस्टिगेशन में क्या मिला… 1. CBI ने कहा था- ट्रेनी डॉक्टर का गैंगरेप नहीं हुआ 2. फोरेंसिक रिपोर्ट में गद्दे पर हाथापाई के सबूत नहीं 3. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव दोषी संजय रॉय अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात रहता था
संजय ने 2019 में कोलकाता पुलिस में डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप के लिए वॉलंटियर के तौर पर काम करना शुरू किया था। इसके बाद वेलफेयर सेल में चला गया। अच्छे नेटवर्क की बदौलत उसने कोलकाता पुलिस की चौथी बटालियन में घर ले लिया। इस घर की वजह से आरजी कर अस्पताल में नौकरी मिली। वह अक्सर अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात रहता था, जिससे उसे सभी विभागों में एक्सेस मिली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय की कई शादियां असफल रहीं। रॉय ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि कथित तौर पर युवा डॉक्टर के साथ क्रूरता से कुछ घंटे पहले वह दो बार रेड-लाइट एरिया में गया था। ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर केस 3 अदालतों में, लोअर कोर्ट में फैसला आया
आरजी कर रेप-मर्डर केस निचली अदालत के साथ-साथ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट में कई जनहित याचिकाओं के साथ पीड़ित के माता-पिता ने भी याचिका दायर की थी। इनमें कोलकाता पुलिस पर अविश्वास जताते हुए CBI जांच की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने 13 अगस्त को मामले में CBI जांच के आदेश दिए थे। वहीं, देशभर में डॉक्टरों के प्रदर्शन और हड़ताल के बाद 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खुद एक्शन लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सिक्योरिटी की कमी पर चिंता जताई थी। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर टास्क फोर्स बनाने का निर्देश दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले की निगरानी कर रहा है। CBI ने 10 दिसंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया था कि सियालदह कोर्ट में रेगुलर सुनवाई हो रही है। उस समय 81 में से 43 गवाहों से पूछताछ हो चुकी थी। —————————————— कोलकाता रेप-मर्डर रेप से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पुलिस की वर्दी में घूमता था आरोपी; पुलिस कैंपस में रह रहा था, घटना वाली रात दो बार हॉस्पिटल गया रेप-मर्डर का आरोपी संजय कोलकाता पुलिस में सिविल वॉलंटियर था। 33 साल का संजय बेरोकटोक हॉस्पिटल में जाता था। खुद को पुलिसवाले की तरह दिखाता था। कोलकाता पुलिस की टीशर्ट पहनता था और बाइक पर भी कोलकाता पुलिस का टैग लगा रखा था। पूरी खबर पढ़ें… क्या कोलकाता रेप आरोपी को बचा पाएंगी कबिता सरकार, क्यों कर रहीं जघन्य आरोपी संजय की पैरवी एक ओर देशभर में कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर करने के आरोपी संजय रॉय को फांसी देने की मांग हो रही है। वहीं, दूसरी ओर जब किसी वकील ने आरोपी की पैरवी करने से मना कर दिया तो सियालदह कोर्ट ने ये जिम्मेदारी कबिता सरकार को दी है। 52 साल की कबिता सरकार 25 साल से वकालत कर रही हैं। पूरी खबर पढ़ें…