गढ़ाकोला, उन्नाव — कवि एवं साहित्यकार अयोध्या प्रसाद लोधी ‘सुमन’ के संयोजन में 6 अक्टूबर 2024 को पं. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की स्मृति में एक भव्य काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन निराला साहित्यिक जागृति मंच, गढ़ाकोला-उन्नाव के तत्वावधान में निराला स्मृति भवन एवं पुस्तकालय, गढ़ाकोला में किया गया।
गोष्ठी का शुभारंभ होने से पूर्व, उन्नाव के प्रख्यात कवि दिनेश उन्नावी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद, सभी उपस्थित कवियों ने माँ सरस्वती और पं. सूर्यकांत निराला जी की प्रतिमा के समक्ष फूलमाला अर्पित की।
कार्यक्रम की शुरुआत कवि चन्द्र किशोर सिंह द्वारा माँ वाणी वंदना से हुई। इसके बाद डा. शिव पाल सिंह ने अपनी कविता “बरस-बरस बादल जल भर दो” प्रस्तुत की। कवि अयोध्या प्रसाद लोधी ‘सुमन’ ने अपनी रचना “वह जाने जिस पर गुजरी है” सुनाई, जबकि कवि राम भरोसे सिंह ने ‘माटी’ पर आधारित कविता का पाठ किया। रायबरेली से पधारे कवि एवं मीडिया प्रभारी राम लखन वर्मा ने अपनी भावुक रचना “यूँ ही सारी उम्र आदमी दुःखों का रोना रोता है” से श्रोताओं को प्रभावित किया।
देशभक्ति पर आधारित रचना कवि चन्द्रकांत बाजपेयी ने प्रस्तुत की। गोष्ठी का संचालन श्री अनुज तिवारी ने कुशलता से किया, जबकि अध्यक्षता श्री राम विलास सिंह ने संभाली।
कार्यक्रम में विशेष सम्मान रायबरेली से पधारे कवि एवं साहित्यकार राम लखन वर्मा जी को दिया गया। उन्हें “निराला साहित्यिक जागृति मंच” द्वारा फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया और पं. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया गया।
समारोह में अन्य प्रमुख कवियों में कवि मधुराज लोधी, लोधेश्वर मुनीम, और राम लखन वर्मा ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम के समापन पर डा. प्रेम शंकर लोधी ने सभी उपस्थित कवियों और श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया।
रिपोर्ट News Star 24: गढ़ाकोला संवाददाता