अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DR कांगो) के पूर्वी शहर कांगो में बीते कई दिनों से सेना और विद्रोही ग्रुप M23 में संघर्ष जारी है। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक आज यानी मंगलवार को विद्रोहियों ने गोमा पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद उन्होंने एक तरफा सीजफायर का ऐलान कर दिया। विद्रोहियों और कांगो के सेना के बीच पिछले सप्ताह गोमा में हुई लड़ाई में करीब 900 लोग मारे जा चुके हैं। गोमा में लगभग 1000 भारतीय नागरिक रहते हैं। हालांकि संघर्ष शुरू होने के बाद इनमें से ज्यादातर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे।
लगभग 20 लाख की आबादी वाले गोमा शहर में कई नेचुरल खनिज मौजूद हैं। इस पर हमला करने वाले विद्रोही संगठन M23 के लड़ाकों को पड़ोसी देश रवांडा का समर्थन हासिल है। गोमा के बाद ये विद्रोही के बुकावु शहर की तरफ बढ़ रहे हैं। संघर्ष से जूझते कांगो के हालात तस्वीर में… कांगो के पूर्वी इलाके में 100 से ज्यादा विद्रोही संगठन सोमवार को विद्रोही संगठन के प्रवक्ता लॉरेंस कान्युका ने कहा- ‘हम मानवीय सहायता देने के लिए लड़ाई रोक देंगे। हमारा बुकावु पर कब्जा करने का भी कोई इरादा नहीं है।’ अभी तक कांगो की सरकार ने इस पर कोई बयान जारी नहीं किया है। UN के एक्सपर्ट्स के मुताबिक M23 विद्रोहियों को पड़ोसी देश रवांडा के लगभग 4000 सैनिकों का समर्थन हासिल है। कांगो के पूर्वी इलाके में 100 से ज्यादा विद्रोही संगठन सक्रिय हैं। इनमें M23 सबसे बड़ा संगठन है। कांगो में कई दशकों से तुत्सी और हुतु जनजाति के बीच संघर्ष जारी है। M23 का कहना है कि वह तुत्सियों जाति की रक्षा कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1994 में हुतु और कुछ हिंसक संगठनों ने रवांडा में 8 लाख तुत्सियों पर हमला कर कई लोगों कत्ल कर दिया था। इसके बाद कई तुत्सी कांगो भाग गए। 2012 में भी कब्जा किया था विद्रोही गुट M23 ने 2012 में भी गोमा पर अस्थायी तौर पर कब्जा कर लिया था। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण में बाद में पीछे भी हट गए थे। हालांकि 2021 के अंत से इस गुट ने यहां एक बार फिर पैर पसारने शुरू कर दिए थे। कांगो सरकार और UN ने रवांडा पर विद्रोहियों को समर्थन देने के आरोप लगाए हैं। हालांकि रवांडा ने इन आरोपों को खारिज किया है। रवांडा के विदेश मंत्रालय ने कांगो पर M23 के साथ बातचीत करने में विफल रहने का आरोप लगाया। मंत्रालय ने कहा कि- इस विफलता ने लड़ाई को लंबा खींच दिया है, जो रवांडा की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए गंभीर खतरा है। भारतीय दूतावास ने जारी की सुरक्षा एडवाइजरी दो दिन पहले रविवार को भारतीय दूतावास ने कांगो में रह रहे भारतीयों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की थी। राजधानी किंशासा से भारतीय दूतावास ने कहा था मौजूदा हालात में लोगों की मदद करने में हमें भी मुश्किल हो रही है। ऐसे में सभी को व्यक्तिगत स्तर पर अपने इमरजेंसी प्लान तैयार रखने की सलाह दी जाती है। बुकावु और दक्षिण किवु शहर में रह रहे भारतीय नागरिक सुरक्षित जगहों पर चले जाएं। —————————————– यह खबर भी पढ़ें… DR कांगो में भारतीयों को सुरक्षित जगह जाने की सलाह:इमरजेंसी प्लान तैयार रखने का निर्देश; यहां सेना और विद्रोहियों में हुई थी हिंसा अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DR कांगो) में जारी हिंसा के बीच भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास ने रविवार को कहा कि बुकावु और दक्षिण किवु शहर में रह रहे भारतीय नागरिक सुरक्षित जगहों पर चले जाएं। यहां पढ़ें पूरी खबर…
लगभग 20 लाख की आबादी वाले गोमा शहर में कई नेचुरल खनिज मौजूद हैं। इस पर हमला करने वाले विद्रोही संगठन M23 के लड़ाकों को पड़ोसी देश रवांडा का समर्थन हासिल है। गोमा के बाद ये विद्रोही के बुकावु शहर की तरफ बढ़ रहे हैं। संघर्ष से जूझते कांगो के हालात तस्वीर में… कांगो के पूर्वी इलाके में 100 से ज्यादा विद्रोही संगठन सोमवार को विद्रोही संगठन के प्रवक्ता लॉरेंस कान्युका ने कहा- ‘हम मानवीय सहायता देने के लिए लड़ाई रोक देंगे। हमारा बुकावु पर कब्जा करने का भी कोई इरादा नहीं है।’ अभी तक कांगो की सरकार ने इस पर कोई बयान जारी नहीं किया है। UN के एक्सपर्ट्स के मुताबिक M23 विद्रोहियों को पड़ोसी देश रवांडा के लगभग 4000 सैनिकों का समर्थन हासिल है। कांगो के पूर्वी इलाके में 100 से ज्यादा विद्रोही संगठन सक्रिय हैं। इनमें M23 सबसे बड़ा संगठन है। कांगो में कई दशकों से तुत्सी और हुतु जनजाति के बीच संघर्ष जारी है। M23 का कहना है कि वह तुत्सियों जाति की रक्षा कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1994 में हुतु और कुछ हिंसक संगठनों ने रवांडा में 8 लाख तुत्सियों पर हमला कर कई लोगों कत्ल कर दिया था। इसके बाद कई तुत्सी कांगो भाग गए। 2012 में भी कब्जा किया था विद्रोही गुट M23 ने 2012 में भी गोमा पर अस्थायी तौर पर कब्जा कर लिया था। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण में बाद में पीछे भी हट गए थे। हालांकि 2021 के अंत से इस गुट ने यहां एक बार फिर पैर पसारने शुरू कर दिए थे। कांगो सरकार और UN ने रवांडा पर विद्रोहियों को समर्थन देने के आरोप लगाए हैं। हालांकि रवांडा ने इन आरोपों को खारिज किया है। रवांडा के विदेश मंत्रालय ने कांगो पर M23 के साथ बातचीत करने में विफल रहने का आरोप लगाया। मंत्रालय ने कहा कि- इस विफलता ने लड़ाई को लंबा खींच दिया है, जो रवांडा की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए गंभीर खतरा है। भारतीय दूतावास ने जारी की सुरक्षा एडवाइजरी दो दिन पहले रविवार को भारतीय दूतावास ने कांगो में रह रहे भारतीयों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की थी। राजधानी किंशासा से भारतीय दूतावास ने कहा था मौजूदा हालात में लोगों की मदद करने में हमें भी मुश्किल हो रही है। ऐसे में सभी को व्यक्तिगत स्तर पर अपने इमरजेंसी प्लान तैयार रखने की सलाह दी जाती है। बुकावु और दक्षिण किवु शहर में रह रहे भारतीय नागरिक सुरक्षित जगहों पर चले जाएं। —————————————– यह खबर भी पढ़ें… DR कांगो में भारतीयों को सुरक्षित जगह जाने की सलाह:इमरजेंसी प्लान तैयार रखने का निर्देश; यहां सेना और विद्रोहियों में हुई थी हिंसा अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DR कांगो) में जारी हिंसा के बीच भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास ने रविवार को कहा कि बुकावु और दक्षिण किवु शहर में रह रहे भारतीय नागरिक सुरक्षित जगहों पर चले जाएं। यहां पढ़ें पूरी खबर…