कानपुर में इंडिया ने पहले दिन बनाए थे 400 रन:पहले 11 ओवर में बने थे महज 31 रन; बाद में सहवाग-गंभीर ने थी ताबड़तोड़ बैटिंग

नवंबर 2009…भारत-श्रीलंका सीरीज। तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच अहमदाबाद में ड्रा हुआ था। दोनों टीमें कानपुर पहुंची थी। भारत उस वक्त तक 99 टेस्ट मैच जीत चुका था। 24 नवंबर से शुरू हुए इस मैच में उस वक्त के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। टॉस के वक्त कहा था कि यहां पिच स्लो होगी। बल्लेबाजी करना मुश्किल होगा। वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ओपनिंग करने उतरे। तीसरी ही गेंद पर वीरेंद्र सहवाग का आसान सा कैच छूट गया। लगा कि धोनी ने जो कहा वह सही है। लेकिन इसके बाद जो हुआ वह आज तक याद किया जाता है। कानपुर के उस टेस्ट में कई बड़े रिकॉर्ड बने। 27 सितंबर को यहां भारत-बांग्लादेश के बीच मैच है, उसके पहले इस मैच की कहानी जानते हैं… 11 ओवर तक एक बाउंड्री नहीं लगा पाए थे सहवाग
श्रीलंका की तरफ से पहला ओवर चनका वेलेगेदरा फेंकने आए। गौतम गंभीर ने पहली गेंद पर सिंगल लेकर स्ट्राइक वीरेंद्र सहवाग को दे दिया। दो गेंद डॉट के बाद वीरेंद्र सहवाग ने स्ट्रेट ड्राइव के जरिए चौका लगाने की कोशिश की लेकिन गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए स्लिप में चले गई। महेला जयवर्धने ने आसान सा कैच टपका दिया। 5वें ओवर में वह 2 रन पर खेल रहे थे तब एंजिलो मैथ्यूज की गेंद पर एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील हुई लेकिन वह बच गए। 11 ओवर बीत गए। टीम का स्कोर 31 रन था। सहवाग 24 गेंदों पर 6 रन बनाकर खेल रहे थे। लगा कि ग्रीन पार्क में आज उनका दिन नहीं है। लेकिन 12वें ओवर में सहवाग लय में लौट आए। 2 चौके लगाए। 60 गेंदों पर 7 चौके और 1 छक्के के साथ अर्ध शतक पूरा कर लिया। दूसरी तरफ गंभीर ने भी पचासा जड़ दिया। लग गया कि आज कानपुर में इन दोनों खिलाड़ियों का दिन है। पहले सेशन में भारत ने 26 ओवर में 131 रन बना दिए। पहले दिन ही भारत ने सबसे बड़ा स्कोर बना दिया
24 गेंदों पर 6 रन बनाकर खेलने वाले सहवाग ने 97 गेंदों पर शतक जड़ दिया। 181 मिनट में 122 गेंदे खेलकर सहवाग 131 रन बनाकर आउट हो गए। 42वें ओवर में गंभीर ने भी शतक जड़ दिया। दूसरा सेशन खत्म हुआ तो टीम का स्कोर 1 विकेट पर 307 रन था। बॉलर फ्रैंडली विकेट की बात यहां खत्म हो चुकी थी। श्रीलंकाई बॉलर हताश और निराश हो गए। पहले दिन का खेल जब खत्म हुआ तो टीम का स्कोर 2 विकेट पर 417 रन था। टेस्ट इतिहास में भारत ने पहली बार पहले दिन 400 का आंकड़ा पार किया था। द्रविड़ 85 रन पर नाबाद थे। दूसरे दिन भारत ने तेज बल्लेबाजी की। द्रविड़ ने शतक जड़ा। लक्ष्मण ने 63 और 67 रन की तेज पारी खेली। भारत की पारी 642 रनों पर खत्म हुई। श्रीलंका की तरफ से स्पिनर रंगना हेराथ ने 5 विकेट लिए। यह इस बात का संकेत था कि भारतीय स्पिनर्स को यहां मदद मिलने वाली है। लेकिन शुरुआत में इसके ठीक उल्टा हुआ। भारत ने हासिल की थी सबसे बड़ी लीड
श्रीलंका की पारी शुरू हुई। पहली ही गेंद पर तिलकरत्ने दिलशान जहीर खान का शिकार हो गए। कुमार संगकारा और थरंगा ने पारी को संभाला लेकिन दोनों को श्रीसंत ने आउट कर दिया। पूरी टीम 229 रन पर आउट हो गई। महेला जयवर्धने ने सबसे ज्यादा 47 रन बनाए थे। श्रीसंत ने सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए। भारत को 413 रनों की लीड मिली। यह उस वक्त तक भारत की पहली पारी में सबसे बड़ी लीड थी। कप्तान धोनी ने श्रीलंका को फॉलोआन के लिए उतारा। दूसरी पारी खेलने उतरी श्रीलंका को श्रीसंत ने तीसरे ही ओवर में झटका दिया। दिलशान 11 रन बनाकर आउट हो गए। 79 रन पर श्रीलंका की आधी टीम पवेलियन में पहुंच चुकी थी। इसके बाद समरवीरा ने पारी संभाली और छोटी-छोटी साझेदारी की लेकिन टीम की करारी शिकस्त को नहीं रोक पाए। पूरी टीम 269 रन पर सिमट गई और श्रीलंका पारी और 144 रन से हार गई। यह भारत की 100वीं जीत
भारत ने श्रीलंका को हराने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अपनी 100वीं जीत दर्ज कर ली। कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम इसका गवाह बना। देश ने अपना पहला मैच 1932-33 में खेला था। पहली जीत 1952 में इंग्लैड के खिलाफ मिली थी। यानी 100 जीत के इस सफर में टीम इंडिया को 77 साल लगे। इस मैच में 6 विकेट लेने वाले श्रीसंत को मैन ऑफ द मैच दिया गया। श्रीसंत से जुड़ी इस मैच में दो और वजह थी। पहली यह कि 2009 में एक आईपीएल मैच के दौरान हरभजन सिंह और श्रीसंत के बीच विवाद हुआ जिसमें हरभजन ने श्रीसंत को थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद बहुत बवाल हुआ। कानपुर के इस टेस्ट मैच में दोनों पहली बार साथ खेले। श्रीसंत ने जितनी बार विकेट लिया हर बार हरभजन ने उस वक्त को सेलीब्रेट किया। 9 मई 2013 को श्रीसंत ने आईपीएल के एक मैच में फिक्सिंग की। इस मैच के बाद श्रीसंत का करियर लगभग खत्म हो गया। टीम इंडिया से उन्हें आजीवन बैन कर दिया गया। श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की। 2019 में कोर्ट ने बीसीसीआई से उनके बैन को कम करने के लिए कहा। कोर्ट की बात पर बीसीसीआई ने श्रीसंत पर अजीवन प्रतिबंध हटाकर 7 साल का बैन कर दिया। ये 2020 में पूरा हुआ। हालांकि श्रीसंत टीम इंडिया की तरफ से कोई मैच नहीं खेल सके। कानपुर में जीतकर चौथी कामयाब टीम बनना लक्ष्य
भारत ने अब तक 580 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें 179 मैचों में जीत मिली है। इतने ही मैचों में दक्षिण अफ्रीका ने भी जीत दर्ज की है। यहां भारत अगर बांग्लादेश को पटखनी देता है तो वह साउथ अफ्रीका से आगे निकल जाएगा। उसके आगे 183 जीत के साथ वेस्टइंडीज, 397 जीत के साथ इंग्लैंड व 414 जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया होगी। कानपुर के इस मैच में पिच पहले दो दिन तो बल्लेबाजों को मदद करती नजर आएगी लेकिन इसके बाद यह पिच टूटने लगेगी और फिर स्पिनर्स को मदद मिलेगी। पिछले मैच में अश्विन और जड़ेजा ने पहले बल्लेबाजी और फिर गेंदबाजी के दम पर बांग्लादेश को हरा दिया था। इस बार भी यह जोड़ी यहां प्रभावी रह सकती है।