कारोबारियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ऊपर कंपेसेशन सेस का भुगतान दो साल और करना पड़ सकता है। जीएसटी काउंसिल अगली बैठक में यह फैसला ले सकती है। इससे राज्यों की जीएसटी वसूली में रह गई कमी का पूरा भुगतान करने में केंद्र सरकार को मदद मिलेगी।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि 21 राज्यों द्वारा कंपंसेशन सेस पर केंद्र सरकार के विकल्प-1 का चुनाव किए जाने के बाद अब अगला कदम यह होगा कि कंपंसेशन सेस लगाने के लिए 5 साल की जीएसटी ट्र्रांजीशन अवधि को और आगे बढ़ाया जा सकता है। अभी 5 साल की जीएसटी ट्र्रांजीशन अवधि जून 2022 में समाप्त हो रही है। इस साल राज्यों की कंपंसेशन जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र ने राज्यों के सामने दो विकल्प रखे थे।
कंपंसेशन सेस अवधि के विस्तार का फैसला काउंसिल बाद की बैठकों के लिए भी टाल सकती है
सूत्रों ने कहा कि अगली बैठक में काउंसिल केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए कंपंसेशन फॉर्मूला को स्वीकार कर सकती है। साथ ही वह यह भी तय कर सकती है कि राज्यों के पूरे बकाए का भुगतान करने के लिए कितने समय तक कंपंसेशन सेस लगाना पड़ेगा। ट्रांजीशन अवधि को दो साल और बढ़ाया जा सकता है। काउंसिल की अगली बैठक 5 अक्टूबर को है। सूत्रों ने पहले कहा था कि अगली बैठक में काउंसिल फॉर्मूला स्वीकार कर सकती है और सेस अवधि के विस्तार का मामला अध्ययन किए जाने के लिहाज से आगे के लिए टाल सकती है।
मौजूदा कानून के तहत कंपंसेशन सेस अवधि जुलाई 2017 से जून 2022 तक है
वर्तमान जीएसटी कानून के तहत राज्यों की जीएसटी वसूली में जो कमी रह जाएगी, उसकी भरपाई केंद्र सरकार 5 साल तक करेगी। यह अवधि जुलाई 2017 से लेकर जून 2022 तक होगी। भरपाई की रकम (कंपंसेशन) का भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार कुछ निश्चित सामानों पर सेस लगाएगी
इस कारोबारी साल में कंपंसेशन सेस मद में केंद्र सरकार को 2,35,000 करोड़ रुपए कम पड़ जाएंगे
केंद्र सरकार का अनुमान है कि इस कारोबारी साल में कंपंसेशन सेस से कुल 65,000 करोड़ रुपए की वसूली हो सकती है। जबकि इस मद में उसकी कुल देनदारी 3,00,000 करोड़ रुपए की रह सकती है। इस तरह से इस कारोबारी साल में कंपंसेशन सेस का भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार को 2,35,000 करोड़ रुपए कम पड़ जाएंगे।
फिलहाल केंद्र ने राज्य सरकारों को कंपंसेशन कमी की पूर्ति के लिए कर्ज लेने का सुझाव दिया है
केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य सरकारें विशेष योजना के तहत कर्ज लेकर इस कमी को पूरा करें। केंद्र सरकार जून 2022 के बाद राज्यों के बकाए का भुगतान कर सकती है। और इसके लिए वह कंपंसेशन अवधि को आगे बढ़ा सकती है।