कुछ कुछ होता है के टाइटल पर हुआ था विवाद:जावेद अख्तर ने अश्लील कहकर फिल्म छोड़ी, टाइटल सॉन्ग से भी डिलीट की गई थीं लाइन्स

साल 1998 में रिलीज हुई फिल्म कुछ कुछ होता है ब्लॉकबस्टर रही थी। फिल्म के सभी गाने हिट रहे, जिन्हें आज भी सुना जाता है। शुरुआत में मशहूर लिरिसिस्ट जावेद अख्तर इस फिल्म के गाने लिख रहे थे। उन्होंने फिल्म का गाना ‘कोई मिल गया..’ भी लिख दिया था, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि फिल्म का टाइटल कुछ कुछ होता है रखा गया है, तो उन्होंने इसे अश्लील कहते हुए फिल्म छोड़ दी। उनके बाद समीर अंजान ने फिल्म के गाने लिखे थे। हाल ही में समीर ने इस टाइटल विवाद की पूरी कहानी बताई है। हाल ही में लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में समीर अंजान ने कहा है, पहले ये फिल्म जावेद अख्तर लिख रहे थे। उन्होंने फिल्म छोड़ दी क्योंकि उन्हें शायद फिल्म का टाइटल पसंद नहीं था। उन्होंने करण जौहर (डायरेक्टर) से कहा था कि अगर तुम टाइटल बदल दो तो मैं तुम्हारी फिल्म लिखूंगा, क्योंकि तुम्हारी कहानी अच्छी है। लेकिन मुझे ये टाइटल बिल्कुल पसंद नहीं है। उसके बाद ये फिल्म मेरे पास आई। जब मैंने इसके गाने लिखे तो मुझे लगा कि ये फिल्म पहले जावेद साहब के पास गई थी, तो अगर मैं इसमें शेर-ओ-शायरी गहरी करूं तो करण जौहर इंप्रेस हो जाएगा। फिल्म के टाइटल सॉन्ग से डिलीट कर दी गई थीं लाइन्स आगे समीज अंजान ने फिल्म के टाइटल सॉन्ग से कई लाइन्स डिलीट किए जाने पर बात की। दरअसल, उन्होंने टाइटल सॉन्ग कुछ कुछ होता है में एक लाइन लिखी थी, ‘जुल्फों के साए रुख पे गिराए, शैदाई मेरे दिल को बनाए, शबनम के मोती पल पल पिरोता है, क्या करूं हाए कुछ कुछ होता है’, लेकिन जब ये लाइन्स करण जौहर को सुनाई गईं तो वो नाराज हो गए। इस पर समीर अंजान ने कहा, उनका रिएक्शन एकदम उल्टा था। उन्होंने कहा था, सर मैंने आपको इसलिए बुलाया कि आप यंग हो। मुझे कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स की कहानी बनानी है, मुझे वो स्टाइल चाहिए जो आप लिखते हो, एकदम सिंपल। मुझे इसमें शेर-ओ-शायरी नहीं चाहिए। करण जौहर की बात सुनकर समीज अंजान ने दोबारा गाना लिखा और इस बार लिरिक्स थे, तुम पास आए, यूं मुस्कुराए, तुमने न जाने क्या सपने दिखाए। हालांकि वो इन लाइन्स के लिए श्योर नहीं थे। उन्होंने करण जौहर से कहा था, करण ये बहुत सिंपल हो रहा है, ऐसा न हो कि लोगों को लगे कि ये क्या गाना लिख दिया है। इस पर करण ने कहा था, सर आप बिल्कुल कुछ मत करिए। जो मुझे चाहिए वो मुझे मिल गया है। इसे बेहतर करने के चक्कर में खराब मत करिए। इस तरह गाने से शेर-ओ-शायरी हटाकर गाना बनाया गया। बताते चलें कि जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में फिल्म छोड़ने पर पछतावा जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि ये फिल्म डीसेंट है। जब टाइटल चर्चा में आया, तो जावेद ने गलती मानते हुए कहा कि वो सिर्फ इकलौते थे, जिन्हें टाइटल पसंद नहीं आया। समीर अंजान की बात करें, तो उनके पास सबसे ज्यादा गाने लिखने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। उन्होंने दीवाना, हम हैं राही प्यार के, बेटा, राजा बाबू, कूली नंबर 1, राजा हिंदुस्तानी, धड़कन, कभी खुशी कभी गम, देवदास, राज, दिल है तुम्हारा, इश्क-विश्क, तेरे नाम, दबंग जैसी दर्जनों फिल्मों के गाने लिखे हैं।