केंद्र सरकार ने स्टैंडिंग कमेटियों का गठन किया:कांग्रेस को चार समितियों की अध्यक्षता; राहुल गांधी रक्षा मामलों की समिति के मेंबर

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में साल 2024-25 के लिए 24 डिपार्टमेंटल पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी का गुरुवार देर रात गठन किया गया। प्रत्येक समिति में राज्यसभा और लोकसभा दोनों के सदस्य शामिल हैं। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से 6 स्टैंडिंग कमेटी की अध्यक्षता की मांगी थी, लेकिन उसे चार प्रमुख पैनलों की अध्यक्षता दी गई है। इसमें विदेश, शिक्षा, कृषि, ग्रामीण मामलों की समिति शामिल हैं। राहुल गांधी को रक्षा मामलों की समिति का सदस्य बनाया गया है। सोनिया गांधी का नाम किसी भी समिति में नहीं है। बीजेपी 11 समितियों की अध्यक्षता करेगी। TMC और DMK के खाते में 2 -2 समितियों की अध्यक्षता आई है। JDU, TDP, SP, शिवसेना (एकनाथ), NCP (अजित) को एक-एक समिति की अध्यक्षता दी गई है। हर डिपार्टमेंटल पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी में 31 मेंबर्स होते हैं, जिसमें से 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से चुने जाते हैं। इन सभी कमेटी का कार्यकाल एक साल से ज्यादा नहीं होता है। सरकार की पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी से जुड़े सवाल-जवाब… सवाल:सरकार की कुल कितनी डिपार्टमेंटल पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी हैं?
जवाब: भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों से जुड़ी कुल 24 डिपार्टमेंटल पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी हैं। ये कमेटी दो प्रकार की होती हैं – पहली- स्टैंडिंग कमेटी, दूसरी- एड हॉक कमेटी। एड हॉक कमेटी को कुछ विशेष कामकाज के लिए बनाया जाता है। एक बार जब वो काम पूरा हो जाता है तो कमेटी खत्म कर दी जाती है। सवाल: क्या लोकसभा-राज्यसभा में अलग-अलग कमेटी होती है?
जवाब: कुल 24 पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी को दो हिस्सों में बांटा गया है। 16 कमेटी लोकसभा में आती हैं, वहीं 8 कमेटी राज्यसभा के अंतर्गत संचालित होती हैं। सवाल: इन कमेटी में कितने मेंबर होते हैं?
जवाब: इनमें से हर कमेटी में 31 मेंबर्स होते हैं, जिसमें से 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से चुने जाते हैं। इन सभी कमेटी का कार्यकाल एक साल से अधिक नहीं होता है। सवाल: कमेटी में सदस्यों का चयन कौन करता है?
जवाब: स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों को, जिन्हें सांसदों के पैनल के रूप में भी जाना जाता है। इन्हें सदन के अध्यक्ष की तरफ से नॉमिनेट किया जाता है। ये अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार काम करते हैं। सवाल: कमेटी का कार्यकाल कितना होता है?
जवाब: संसद में कुल 50 संसदीय कमेटी होती हैं। इनमें 3 फाइनेंशियल कमेटीज, 24 डिपार्टमेंटल कमेटीज, 10 स्टैडिंग कमेटीज और 3 एडहॉक कमेटीज का कार्यकाल 1 साल का होता है। 4 एडहॉक कमेटीज और 1 स्टैडिंग कमेटी का कार्यकाल 5 साल का होता है। वहीं, 5 अन्य स्टैडिंग कमेटीज का कार्यकाल फिक्स नहीं होता। सवाल: पार्लियामेंट्री कमेटी का क्या काम होता है?
जवाब: हर विभाग की कमेटी अलग होती है। उससे जुड़े मामलों में गड़बड़ी की जांच करना, नए सुझाव देना, नए नियम-कानून का ड्रॉफ्ट तैयार करना इन कमेटी का मुख्य काम है। उदाहरण: कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल संसद की पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) की अध्यक्षता करते हैं। यह कमेटी हाल में चर्चा में आई थी। खबर थी कि PAC सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) चीफ माधबी पुरी बुच पर लगे आरोपों की जांच कर सकती है। PAC इस मामले में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के अधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। इस मामले में जांच के लिए बुच को सितंबर के अंत तक PAC के सामने पेश होने के लिए बुलाया जा सकता है। सवाल: पार्लियामेंट्री कमेटी को ये अधिकार कहां से मिले?
जवाब: पॉर्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी में शामिल सांसदों (कमेटी सदस्य) को संविधान के तहत दो अधिकार मिलते हैं। पहला आर्टिकल 105 – यह सांसदों को किसी कामकाज में दखल देने का विशेष अधिकार देता है। जिसके तहत वे कमेटी में अपनी राय और सुझाव देते हैं। दूसरा आर्टिकल 118- यह संसद के कामकाज में नियम-कानून बनाने का अधिकार देता है। यह खबर भी पढ़ें…
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने 5 संसदीय कमेटियों का गठन किया:कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल राव PAC के अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार (17 अगस्त) को साल 2024-25 के लिए 5 नई संसदीय समितियों का गठन किया है। ये समितियां सरकारी खर्चे की जांच करेगी। सभी समितियों के अध्यक्ष और सदस्य भी नियुक्त किए गए हैं।कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल को पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) का अध्यक्ष बनाया गया। PAC का नेतृत्व आमतौर पर प्रमुख विपक्षी दल के सीनियर लीडर करते हैं। पूरी खबर पढ़ें…