केरल की रहने वाली 24 साल की अपर्णा इधर-उधर से कांच की बोतलें उठाकर लाती हैं और उससे होम डेकोरेट करने वाले बेहद खूबसूरत प्रोडक्ट बनाती हैं। बीएड कर चुकी यह छात्रा आर्ट एंड क्राफ्ट के लिए वेस्टेज बोतलें ही इस्तेमाल करती हैं।
पर्यावरण के प्रति जागरूक अपर्णा मन्रोतुरुत्तु में रहती हैं। यह स्थान कोल्लम से कुछ दूर एक टूरिस्ट प्लेस हैं। उन्होंने बताया कि यह सिलसिला 2017 में शुरू हुआ। मां को वेस्ट से बेस्ट बनाते देखकर इनकी रूचि भी इस क्षेत्र में बढ़ी।

इनका गांव टूरिस्ट प्लेस होने के कारण उन्हें क्षेत्र में कूड़ा व कांच की बोतलें पड़ीं दिखती थीं। ये पढ़ने के लिए रोजाना कोल्लम जाती थीं और लौटते वक्त सड़क पर पड़ी बोतलें घर ले जाती थीं। यह देख लोग हंसा करते थे और चिढ़ाकर उनका काम कुप्पी रख दिया था। अपर्णा इन्हीं बोतलों को साफ करके कलात्मक बनातीं और सोशल मीडिया पर पोस्ट करती थीं। कई लोगों ने इनकी तारीफ की।

अपर्णा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली और लोगों से अपने क्षेत्र की अष्टमुडी झील साफ करने के लिए मदद मांगी तो कई लोग आगे आए। इसी साल 17 से 21 मार्च तक उन्होंने सोशल मीडिया के दोस्तों के साथ मिलकर पूरी झील साफ कर दी। इसमें से निकली बोतलों से सभी लोगों ने तरह तरह की वस्तुएं बनाकर सड़क किनारें सजा दीं। अपर्णा चाहती है कि लोग कचरा न करने के लिए जागरूकता फैलाएं।

अपर्णा को चिढ़ाए जानले वाले कुप्पी शब्द को ही उन्होंने रजिस्टर्ड कराया और घर के कमरे को कुप्पी स्टूडियो में बदल दिया। उसके बाहर बोतलों से बनाई बेहतरीन कलाकृतियां रखीं। यहां से टूरिस्टों और अन्य लोगों को वर्कशॉप देती हैं।

इसके अलावा स्कूलों में जाकर बच्चों को सीखाती हैं कि वेस्ट को क्राफ्ट में कैसे बदलते हैं। लॉकडाउन में इनके ऑनलाइन सेशन कामयाब रहे और काफी लोगों ने वेस्ट से बनाई वस्तुएं पोस्ट की। जब उनसे बच्चे इसे सीखते हैं वो उन्हें खुशी होती है।